- गरिमा सिंह
आमतौर पर बीमारियों की कोई कैटिगरी नहीं होती है। कोई-सी भी बीमारी किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। क्योंकि अब तो बीमारियां उम्र का फासला भी लांघ चुकी हैं। यानी जो बीमारियां पहले सिर्फ बढ़ापे में और 60 साल की उम्र के बाद हुआ करती थीं, वे आजकल 22 से 24 साल के युवाओं में देखने को मिल रही हैं। यहां मेडियॉर हॉस्पिटल के डॉक्टर सौरभ सिन्हा बता रहे हैं कि आजकल किन बीमारियों से पुरुष सबसे अधिक पीड़ित हैं...
सबसे ज्यादा परेशान करता है स्ट्रेस
स्ट्रेस पुरुषों की मेंटल हेल्थ को ही नहीं बल्कि उनकी फिजिकल हेल्थ को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। हमारे पास आनेवाले अधिकांश मरीजों में कम या ज्यादा स्ट्रेस का स्तर जरूर देखने को मिल रहा है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन
डॉक्टर सिन्हा स्ट्रेस पर अपनी बात जारी रखते हुए बताते हैं कि स्ट्रेस के कारण ज्यादातर पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। तो बड़ी संख्या में ऐसे पेशंट्स भी आ रहे हैं जो स्ट्रेस के कारण लिंग में स्टिफनेस (Penis stiffness) ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं।
ब्लड प्रेशर की समस्या
बीपी की समस्या बहुत आम होती जा रही है। करीब 10 से 15 साल पहले यह समस्या 40 की उम्र पार चुके लोगों में ही अधिक देखने को मिलती थी। लेकिन अब तो टीनेजर्स भी इस बीमारी की जद में हैं। किसी को लो बीपी की समस्या है तो किसी को हाई बीपी की। डॉक्टर सिन्हा कहते हैं कि ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या ऐसी नहीं है जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। अगर कम उम्र से ही सही खान-पान, फिजिकल ऐक्टिविटीज और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखा जाए तो बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि करियर की दौड़ और सामाजिक दबाव के कारण पुरुषों में ब्लड प्रेशर की समस्या कम उम्र से ही देखने को मिल रही है।
प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियां
डॉक्टर सिन्हा के अनुसार, पुरुषों में होनेवाले कैंसर में प्रोस्टेट कैंसर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। हालांकि यह कैंसर बहुत ही धीमी गति से बढ़ता है और यदि समय रहते इसे डाइग्नॉज कर लिया जाए तो इसे पूरी तरह खत्म भी किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि 45 के बाद पुरुष प्रोस्टेट ग्रंथि की समय-समय पर मेडिकल जांच कराएं। डॉक्टर से मिलकर अपना कंप्लीट हेल्थ चेकअप हर 6 महीने पर कराएं। यदि प्रोस्टेट कैंसर का पता शुरुआती स्तर पर चल जाए तो इस कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
तेजी से डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं पुरुष
डॉक्टर सिन्हा का कहना है कि हमारे समाज में शुगर के रोगियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। पुरुषों में इस बीमारी की दर में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है। क्योंकि सबसे अधिक केस टाइप-2 डायबिटीज के देखने को मिल रहे हैं तो इससे यह बात एकदम साफ है कि लाइफस्टाइल में आए नकारात्मक बदलावों के कारण पुरुष तेजी से डायबिटीज के रोगी बन रहे हैं। शुगर पेशंट के लिए लाभकारी है शकरकंद, जबकि इन्हें देती है नुकसान
क्या करें इन बीमारियों से बचने के लिए?
पुरुषों की मुख्य समस्याओं के बारे में बात करने के साथ ही डॉक्टर सिन्हा ने इन समस्याओं को दूर करने के तरीके भी बताए हैं। इनका कहना है कि शुगर की चपेट में आने से बचने के लिए सबसे अधिक जरूरी है कि आप उस तरह का भोजन लें, जैसी आपकी लाइफस्टाइल है।
यदि आप सिटिंग जॉब में है तो स्टार्च युक्त और नैचरल स्वीट से भरपूर चीजों को अपनी डायट से दूर करें। जैसे चावल, आलू, गेहूं की रोटियां इत्यादि का सेवन बहुत सीमित कर दें। डॉक्टर सिन्हा के अनुसार, यदि आप शुगर की चपेट में आ चुके हैं या आपकी फैमिली हिस्ट्री में शुगर शामिल है तो आपको इसे नियंत्रित रखने के लिए एक समय पर 2 से अधिक गेहूं की चपाती नहीं खानी चाहिए।
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