भारत ने अपनी स्वतंत्रता के मद्देनजर समग्र स्वास्थ्य के लिए समकालीन स्वास्थ्य सेवाओं, वैकल्पिक चिकित्सा और कल्याण के उत्कृष्ट मिश्रण वाला एक विशिष्ट वातावरण तैयार किया है, क्योंकि देश ने आधुनिक चिकित्सा में प्रभावशाली रूप से उन्नति की है।
पिछले कुछ दशकों से चिकित्सा, प्रौद्यौगिकी, पूंजीगत वित्त पोषण और विनियामक ढांचे में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार के कारण स्वास्थ्य सेवा उत्पादन और खपत की नई परिपाटियां उभरकर आई हैं। भारत में प्रचलित आयुर्वेद,(Ayurveda) योग (Yoga), पंचकर्म (Panchakarma), कायाकल्प चिकित्सा आदि चिकित्सा पद्धतियां दुनिया की सबसे प्राचीनतम चिकित्सा (medical) प्रणालियों में से हैं।
भारत किफायती, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकता है। प्राथमिक उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की भावना को प्राप्त करना, प्रोत्साहन देना या बरकरार रखना है।
दक्षिण भारतीय राज्यों में से एक- केरल (Kerala) ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण उत्पादों के रूप में उत्कृष्ट स्वास्थ्य और उपचार सुविधाओं की स्थापना की है। आयुर्वेदिक केंद्र नई पीढ़ी के होटलों और रिसॉर्ट्स की सामान्य विशेषता बनते जा रहे हैं। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय आगंतुक अब केवल आयुर्वेदिक उपचार और कायाकल्प के लिए ही भारत की यात्रा करते हैं।
शीर्ष पर्यटन कंपनियों ने आयुर्वेदिक उपचार को अपने ब्रोशर में सूचीबद्ध किया है। यदि स्वास्थ्य और चिकित्सा पर्यटन (medical tourism) पर उचित ध्यान दिया गया, तो इस क्षेत्र में पर्याप्त उन्नति हो सकती है। भारत के चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र के कुछ उभरते रुझान निम्नलिखित हैं:
1. भारत उच्च स्तरीय चिकित्सा पेशेवर और सुविधाएं होने का दावा करता है।
2. उपचार की लागत स्रोत बाजारों की तुलना में काफी कम है।
3. विभिन्न चिकित्सा प्रक्रियाओं में लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता ।
4. पश्चिमी चिकित्सा ज्ञान के साथ मिश्रित पूर्वी स्वास्थ्य सेवा ज्ञान पश्चिमी पर्यटन स्थलों की तुलना में ज्यादा से ज्यादा आकर्षक होता जा रहा है।
सरकार की सिफारिश पर, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) (CII) से संबद्ध एक गैर-लाभकारी संगठन इंडियन हेल्थकेयर फेडरेशन ने 'स्वास्थ्य पर्यटन' के उद्देश्य से देश भर के विशिष्ट भारतीय अस्पतालों की एक गाइड तैयार की है।
चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन को मुख्य रूप से कई अंतर्राष्ट्रीय स्थानों जैसे लंदन में वर्ल्ड ट्रैवल मार्ट (World Travel Mart) और आईटीपी बर्लिन में प्रचारित किया गया है। सभी राज्य सरकारों को आयुर्वेदिक और पंचकर्म केंद्रों के लिए प्रत्यायन मानकों की प्रति उपलब्ध कराई गई है, ताकि उन्हें लागू किया जा सके।
पिछले दो वर्षों में पर्यटन मंत्रालय के 'अतुल्य भारत अभियान' (Incredible India Campaign) के तहत योग, आयुर्वेद और कल्याण को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन और आउटडोर मीडिया में प्रचारित किया गया है। इंडियन हेल्थकेयर फेडरेशन, फार्मास्युटिकल, चिकित्सा उपकरण और गैर-सरकारी अस्पतालों और नैदानिक सुविधाओं को एक साथ लाती है। फेडरेशन का प्राथमिक उद्देश्य देश के स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय को सहायता देना और उसे आगे बढ़ाना है। इसका लक्ष्य सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य सेवा संगठनों के बीच संचार के वाहक के रूप में कार्य करना है।
भारत स्वास्थ्य के मामले में एशिया प्रशांत के 10 शीर्ष देशों में से तीसरे स्थान पर है, जो उसे मेडिकल वैल्यू टूरिज्म (एमवीटी) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बनाता है। उल्लेखनीय रूप से, भारत संभवत: इकलौता ऐसा देश है, जहां एक पूरा मंत्रालय पूरक चिकित्सा, एंटी-एजिंग के उपचार और योग के प्रति समर्पित है। दुनिया भर की आबादी को बीमारी और उपचार के चक्र से दूर ले जाने तथा मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण सहित निवारक और समग्र स्वास्थ्य की जीवन शैली की ओर उन्मुख करने का सुविचारित प्रयास किया जा रहा है।
आगे की राह
स्वास्थ्य सेवा उद्योग का नया आयाम सरकार को दोषरहित मूल्य श्रृंखला का आश्वासन देने के लिए व्यावहारिक व्यापार कानूनों के साथ समन्वयक के रूप में कार्य करने की अनुमति देता है। नीति निर्माताओं को अल्प विकसित देशों के चिकित्सा पर्यटकों का स्वागत करने वाले भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों पर ध्यान देना चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों को चिकित्सा पर्यटन उद्योग में क्षमता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाने की आवश्यकता है। निजी अस्पताल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करके नीति को प्रभावित करने और आर्थिक सहायता प्राप्त चिकित्सा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विदेशी दूतावासों के साथ सहयोग कर सकते हैं।
इस बात पर बल देना महत्वपूर्ण है कि मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में कई अन्य उपचार पद्धतियां जैसे योग और आध्यात्मिक आश्रय शामिल हैंऔर यह केवल कल्याण के लिए नहीं है। इन विशिष्ट स्थलों के लिए विभिन्न देशों के कई पर्यटक भारत की यात्रा करते हैं। उत्तराखंड, केरल, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक सहित भारत के अनेक स्थान पहले से ही योग, ध्यान और हैल्थ रिट्रीट्स प्रदान करते हैं।आने वाले दिनों में आयुष वीजा (AYUSH visas) लागू होते ही, भारत में नए मेडिकल वैल्यू ट्रैवल स्थानों का रुख करने वाले विदेशी यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने का अनुमान है।
नीति निर्माताओं, स्थानीय समुदाय और अन्य निजी उद्यमियों ने मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय स्वास्थ्य प्रणालियों के अंतरराष्ट्रीयकरण में योगदान दिया है।स्वास्थ्य सेवाएं और सरल स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क मुहैया करवाने में, अधिक कुशल बनकर क्षमता निर्माण की प्रक्रिया में सुधार लाया जा सकता है।चिकित्सा संस्थानों की सफलता के सामर्थ्य का आकलन करने के लिए गुणवत्ता और मानक आश्वासन महत्वपूर्ण मानदंड हैं।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 60372
सौंदर्या राय March 09 2023 0 70760
सौंदर्या राय March 03 2023 0 68670
admin January 04 2023 0 67833
सौंदर्या राय December 27 2022 0 55218
सौंदर्या राय December 08 2022 0 46786
आयशा खातून December 05 2022 0 100566
लेख विभाग November 15 2022 0 69931
श्वेता सिंह November 10 2022 0 70209
श्वेता सिंह November 07 2022 0 65813
लेख विभाग October 23 2022 0 54035
लेख विभाग October 24 2022 0 52034
लेख विभाग October 22 2022 0 61419
श्वेता सिंह October 15 2022 0 66585
श्वेता सिंह October 16 2022 0 65033
COMMENTS