लखनऊ। यूपी में फाइलेरिया रोगी का प्रबंधन अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) भी करें। साथ ही शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए और व्यावहारिक माइक्रोप्लान बनाएं। यह कहना है अपर्णा यू, एमडी, एनएचएम का।
एमडी, एनएचएम (NHM), अपर्णा यू ने 31 जिलों में हुए (filaria) मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेटिव (MDA) राउंड की समीक्षा बैठक एवं मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रयागराज, कानपुर और बाराबंकी जिले में चले बेहतर एमडीए राउन्ड की काफी तारीफ की। उन्होंने बैठक में मौजूद फाइलेरिया (Filariasis) के आला अधिकारियों को अभियान संबंधी नई रणनीति पर कार्य करने के लिए कई सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी 13700 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (health and wellness centers) संचालित हैं। जल्द ही एक हजार और सक्रिय होने जा रहे हैं। आप लोग हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की मदद लीजिए। सीएचओ (Community Health Officer) का फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में पूरी तरह से सहयोग लिया जाए। उनकी क्षमता का उपयोग करिए। इससे फाइलेरिया उन्मूलन में तेजी आएगी।
उन्होंने बताया कि जो कार्य अभी तक पीएचसी (PHC) या सीएचसी (CHC) से संचालित होते थे। उनमें से अधिकांश कार्य अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से शुरू हो जाएंगे। इससे कार्य में गुणवत्ता आएगी। साथ ही मरीज और स्टाफ का समय और धन बचेगा। उन्होंने फाइलेरिया रोगी के चिन्हित करने और उन्हें उपचारित करने की रणनीति की तारीफ की।
डॉक्टर एके सिंह निदेशक, संचारी रोग (Communicable Diseases) ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन (Filariasis Eradication) कार्यक्रम की सफलता के लिए ब्लॉक स्तर एवं इसके नीचे के स्तर पर जाकर के गहन कार्य करने की आवश्यकता है। इससे न सिर्फ उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त हो सकेगा बल्कि फाइलेरिया रोगों का समुचित प्रबंधन भी किया जा सकेगाl
डॉ वीपी सिंह, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, फाइलेरिया ने बताया कि फतेहपुर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के लिए ब्लॉक स्तर की रणनीति पर काम किया गया था। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की जांच में यह मानकों पर पूरी तरह खरा उतरा है। अब यह यूपी समेत पूरे देश में लागू किया जा रहा है।
इस मौके पर रीजनल निदेशालय और राज्य निदेशालय के अधिकारियों के साथ 31 जिलों से अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Vector Born) व जिला मलेरिया (Malaria) अधिकारी, डब्ल्यूएचओ, पीसीआई, पाथ, सीफार के राष्ट्रीय व राज्य प्रतिनिधि मौजूद थे।
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