गोरखपुर (लखनऊ ब्यूरो)। गोरखनाथ विश्वविद्यालय के पहले स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने स्वास्थ्य और चिकित्सा को लेकर छात्रों, शिक्षकों तथा जनता को बड़ा सन्देश दिया है। विश्वविद्यालय में 22 अगस्त से महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं महंत अवेद्यनाथ जी की स्मृति में सात दिवसीय व्याख्यानमाला चल रही थी जिसका मुख्यमंत्री ने समापन किया।
गोरखपुर (Gorakhpur) के महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार (Mahayogi Gorakhnath University, Arogyadham Balapar), में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां बीएएमएस (BAMS) पाठ्यक्रम चल रहा है और आयुर्वेद के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। आयुर्वेद (Ayurveda) के विद्यार्थी नए शोध कर उन्हें पेटेंट करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के छात्र चिकित्सा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर (medical health and wellness centers) के साथ ही औषधीय पौधों के क्षेत्र में भी कार्य कर सकते हैं। कोई भी ऐसी वनस्पति नहीं है जिसमें औषधीय गुण (medicinal properties) न हों। आयुर्वेद के छात्र शोध के जरिए उन वनस्पतियों को आरोग्यता के अनुकूल बना सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, यहाँ परिसर में चिकित्सा सेवा (medical service) की जा रही है।विश्वविद्यालय द्वारा उन बीमारियों पर भी शोध किया जा रहा है जिनके कारण अकस्मात मौतें होती हैं। विश्वविद्यालय में हाल ही में एक शोध अध्ययन से चूहे के मूत्र से होने वाली गंभीर बीमारी का पता लगाया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश 40 साल तक इंसेफेलाइटिस (encephalitis) से त्रस्त रहा। इंसेफेलाइटिस वैक्सीन आने में लगे सौ साल लग गए लेकिन कोविड की वैक्सीन नौ माह में आ गई।
कोरोना काल की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, पीएम मोदी (PM Modi) के मार्गदर्शन में देश ने महज नौ माह में कोरोना की वैक्सीन (corona vaccine) बना ली। वैक्सीन की देश में 200 करोड़ डोज तथा प्रदेश में 36 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। कोरोना के संकटकाल में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में जीवन के साथ जीविका की भी रक्षा की गई। सबको मुफ्त कोरोना जांच, इलाज व वैक्सीन की सुविधा दी गई।
उन्होंने कहा, हमारे कोविड प्रबंधन (covid management) की सर्वत्र सराहना हुई। आज उत्तर प्रदेश के पास प्रतिदिन चार लाख कोविड टेस्ट की क्षमता है। जब कोरोना का पहला केस आया तो यहां कोरोना जांच लिए एक भी लैब नहीं थी। पहला सैंपल हमें पुणे भेजना पड़ा था।
स्वास्थ्य और चिकित्सा (health and medicine) पर बोलते हुए कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च के काफी अवसर हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में ग्लोबल नम्बर वन रैंक (global number one rank) हासिल करनी है। सभी विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षा संस्थान शोध के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए यह रैंक हासिल कर सकते हैं।
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