लखनऊ। इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी बीपीकॉन 2022 अटल बिहारी वाजपेई कंवेंशन सेंटर, केजीएमयू में चल रही है। देश भर से आएं डॉक्टर्स हाइपरटेंशन को लेकर गहन चर्चा कर रहे है।
इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन (Indian Society of Hypertension) की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी बीपीकॉन 2022 (BPCON 2022) में हाइपरटेंशन का डायबटीज से सम्बन्ध (combination of Diabetes and blood pressure) को लेकर हेल्थ जागरण (Health Jagaran) ने आगरा के प्रख्यात चिकित्सक डॉ बी के अग्रवाल से खास बातचीत की।
डॉ बी के अग्रवाल ने अटल बिहारी वाजपेई कंवेंशन सेंटर, केजीएमयू (KGMU) में बीपीकॉन 2022 की सराहना करते हुए कहा कि देश में 7.5 से 8 करोड़ के बीच डायबटीज के मरीज (diabetic patients) हैं। इनमे से लगभग आधे लोगों को पता ही नहीं है कि उन्हें डायबटीज है। प्री डायबटीज (pre-diabetes) के मरीज भी लगभग 7.5 से 8 करोड़ हैं जिन्हे हाइपरटेंशन हो सकता है। शहरी क्षेत्र में 12-13% डायबटीज मरीज है और ग्रामीण क्षेत्र में 4-6% लोगों को डायबटीज है।
ब्लड प्रेशर (blood pressure) और डायबटीज का गहरा नाता है। अगर डायबटीज है तो लगभग 40% लोगों में ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम होती है। डायबटीज का समय बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम बढ़ती जाती है। अगर डायबटीज और ब्लड प्रेशर दोनों एक साथ है तो एक और एक दो नहीं बल्कि एक और एक ग्यारह होते है। डायबटीज की वजह से होने वाली सभी गम्भीर बीमारियों को ब्लड प्रेशर के रूप में एक वाहक मिल जाता है।
डायबटीज (diabetes) और ब्लड प्रेशर दोनों एक साथ होने से स्ट्रोक (brain stroke) के चांसेज बढ़ जाते है। ऐसे ही किडनी की समस्या (kidney problem) बढ़ जाती है। प्रत्येक बीपी की दवा एक नहीं होती मतलब मरीज के साथ बीपी की दवा बदल जाती है। अक्सर देखा जाता है लोग मेडिकल स्टोर (medical store) से बीपी की दवा (BP medicine) खरीद कर खाने लगते हैं जो सरासर गलत है। हो सकता है वो बीपी की दवा उनका ब्लड प्रेशर कम कर दे लेकिन वो किडनी को या अन्य अंग को नुकसान पहुंचा सकती है।
लोगों से अपील करते हुए डॉ बी के अग्रवाल ने कहा कि यूँ ही बीपी की दवा मत लीजिए बल्कि डॉक्टर की बताई दवाई ही लें। आपके ब्रेन, हार्ट या किडनी के लिए अलग दवाई हैं जो डॉक्टर ही आपको बता सकता है। यहाँ चर्चा हुई कि तीन दवाइयों का एक कॉम्बिनेशन (Combination of drugs) है जो कारगर साबित होगा। एक साथ कई दवाओं के कॉम्बिनेशन से दवा खाने की आदत बढ़ जाती है।
डायबटीज और ब्लड प्रेशर के रोगियों को सलाह देते हुए कहा कि आज कल घर बैठे जाँच आसान हो गई है तो समय-समय पर जाँच करते रहें। होम मॉनिटरिंग (Home monitoring) बहुत जरुरी है। नार्मल आने पर डॉक्टर की बताई दवा खाते रही और बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें कि ये दवा मेरे लिए सही है या नहीं।
डॉ बी के अग्रवाल ने कहा कि बीपी की दवा छोड़नी नहीं है क्योंकि ब्लड प्रेशर बढ़ने से अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर लोग शादी या और कामों की वजह से कुछ दिनों के लिए दवा छोड़ देते हैं, ऐसा बिल्कुल भी न करें। रोज के खाने की तरह दवा लेते रहें जो आपको दूसरी बीमारियों से बचाती रहेगी।
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