लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। ये कविता तो आपने बचपन खूब पढ़ी औ सुनी होगी। वहीं ये लाइन असल जिंदगी में भी प्रेरणा देती है, हमारे जीवन कई प्रकार के उतार चढ़ाव आते है किसी चीज में हमे सफलता जल्दी मिल जाती है तो कभी किसी चीज में असफल हो जाते है। लेकिन आपको उस असफलता से निराश नहीं होना है। आप अपनी गलतियों से सीखिएं और कोशिश करिए कि कहां चूक हुई है, क्यों कि जो अपनी गलतियों से सीखता है, सुधार करता है और आगे बढ़ता है वो जीवन की जंग जीत जाता है।
1-सकारात्मक सोच रखें- Think positive
अपने किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए आप खुद को कॉन्फिडेंस में ले। दूसरों पर निर्भरता को कम रखें। यानि आपके अंदर प्रयास करने की क्षमता है और यही प्रयास यदि आप जारी रखती हैं, तो आपको एक न एक दिन सफलता जरूर प्राप्त होगी।
2- असफलताओं से सीख लें- Learn from failures
हम सब अपनी जिंदगी में कहीं ना कहीं असफल जरूर होते है, कोई परीक्षा में या कॉम्पिटिशन, दोस्ती या फिर किसी के साथ रिलेशनशिप में, तो आपको हताश होने की आवश्यकता नहीं है। आप उन गलतियों से सीख लीजिए और उन गलतिनयों को दोबारा मत दोहराए सफलता जरूर मिलेगी।
3 बुरी आदत- Bad habit
हम अक्सर बुरी आदतों का शिकार बन जाते हैं। स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, रफ़ ड्राइविंग जैसी गतिविधियां करना शुरू कर देते हैं। इस तरह की गतिविधियां फेलियर के स्ट्रेस को कम करने की जगह इसे बढ़ा देती हैं। वहीं इसकी लत लग सकती है, जो न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य बल्कि आपकी शारीरिक सेहत के लिए भी हानिकारक होती है। ऐसा करने से आप अपनी मंजिल से भटक जाएंगे और हमेशा पीछे रह जाएंगे।
4- हताशा- Desperation
हम जब भी किसी कार्य को करने में असफल हो जाते हैं तो हम खुद को इसका जिम्मेदार ठहराने लगते हैं और खुद को कमजोर समझने लगते हैं। जबकी हमे अपने मन को कभी हारने नहीं देना चाहिए। अगर आपको जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफलता मिलती है तो उससे घबराएं नहीं बल्कि उसे एक चुनौती की तरह स्वीकार करें। खुद को किसी से कम न समझे और खुद को दूसरा मौका दें।
5- कमी कहां रह गई- Where is the gap
अगर आप अपनी असफलता से हताश हो जाएंगे तो ये आपके ही लिए नेगिटिव होगा, क्योकि वक्त के साथ बदलाव जरूरी होता है। आप अपनी चीजों को दोबारा से सोचिए और जानिए की आखिरकार गलती कहां हुई है।
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तम्बाकू का सेवन फेफड़ों को कमजोर करता है | कोरोना का वायरस सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है जो कि जानल
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में बाल्यकाल से शिक्षित ब्रह्म कुमारी पूनम बहन (सीएस) नौ दिवसीय
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तीसरे चरण को पहले के मुक
कुवैत में योग को लेकर जहां एक तरफ महिलाएं एक सुर में इसके समर्थन में उतर आई है वहीं दूसरी तरफ यहां क
गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या से पीड़ित महिलाओं को चिन्हित करते हुए डाक्टर उन शिशुओं की पहचान कर सकते है
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा पोलियो टीके के सुरक्षाचक्र से वंचित न रह जाये। देश पिछल
स्तन कैंसर महिलाओं और दुनिया में सबसे आम रूप से पाया जाने वाला कैंसर है। इस साल पूरी दुनिया कोरोना व
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