देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

लेख

मानसिक रोगों की उत्पत्ति के लिए मनुष्य की प्रवृतियां जिम्मेदार

प्राचीन काल में ऋषि-मुनि वर्षों तक ईश्वरीय ज्ञान वेदों पर चिंतन मनन कर मनुष्यों के कल्याणार्थ उपदेश देते थे। उनके उपदेशों में जीवन के उद्देश्य से लेकर जीवन से सम्बंधित समस्याओं के निवारण के सूत्र समाहित होते थे।

0 74834
मानसिक रोगों की उत्पत्ति के लिए मनुष्य की प्रवृतियां जिम्मेदार प्रतीकात्मक चित्र

कुछ वर्षों पहले तक शारीरिक रोगों की शिक्षा ग्रहण करने में चिकित्सकों का ध्यान अधिक था जबकि वर्तमान में स्थिति बदल रही है। शारीरिक रोगों के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य संबधित बीमारियों से मनुष्य पीड़ित दिख रहा हैं। जैसे जैसे मनुष्य आर्थिक रूप से सबल और सक्षम होता जा रहा हैं। उसके मानसिक रोग बढ़ते जा रहे है।

 

प्राचीन काल में ऋषि-मुनि वर्षों तक ईश्वरीय ज्ञान वेदों पर चिंतन मनन कर मनुष्यों के कल्याणार्थ उपदेश देते थे। उनके उपदेशों में जीवन के उद्देश्य से लेकर जीवन से सम्बंधित समस्याओं के निवारण के सूत्र समाहित होते थे। वेदों (Vedas) में अनेक मन्त्र मनोरोग (psychiatric diseases) की चिकित्सा अंग्रेजी में कहावत Prevention is better than cure अर्थात -‘रोकथाम इलाज से बेहतर है’के सिद्धांत का पालन करते हुए करते हैं। 

 

मानसिक रोगों की उत्पत्ति में मनुष्य की प्रवृतियां जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या-द्वेष, अहंकार आदि का प्रमुख योगदान हैं। प्रारम्भ में आंशिक रूप से उत्पन्न हुई प्रवृतियां कालांतर में मनुष्यों को मानसिक रोगों की ओर धकेल देती हैं। वेदों की उदात्त भावनाएं और सूक्षम सन्देश मनुष्य के चिंतन पर सकारात्मक प्रभाव डाल कर उसकी इन रोगों से कुशल रक्षा करते हैं।

 

इन संदेशों पर आचरण करने वाला इन रोगों से कभी ग्रसित नहीं होता। इस लेख में कुछ उदहारण के माध्यम से समझते हैं।

 

 ईर्ष्या त्याग - Abandoning Jealousy

अथर्ववेद (Atharvaveda) 6/18/1-3 मन्त्रों  में आया है कि मनुष्यों दूसरों की उन्नति देखकर कभी ईर्ष्या न करे। जैसे भूमि ऊसर हो जाने से उपजाऊ नहीं रहती और जैसे मृतक प्राणी का मन कुछ नहीं कर सकता, वैसे ही ईर्ष्या करने वाला जल-भुनकर ईर्ष्या हीन हो जाता हैं।  ईर्ष्या-द्वेष न करे अपितु पुरुषार्थ से उन्नति करे। ईर्ष्यालु व्यक्ति मनरोगों का घर होता है।

 

दुर्व्यसन त्याग - Quit Addiction

अथर्ववेद 8/4/22 मन्त्र में पशुओं के व्यवहार के उदाहरण देकर दुर्व्यसन के त्याग की प्रेरणा दी गई है। मनुष्यों को उल्लू के समान अन्धकार में रहने वाला नहीं होना चाहिए, कुत्ते के समान क्रोधी और सजातीय से जलने वाला नहीं होना चाहिए, हंस के समान कामी नहीं होना चाहिए, गरुड़ के समान घमण्डी नहीं होना चाहिए, गिद्ध के समान लालची नहीं होना चाहिए। दुर्व्यसन मनोरोग की नींव हैं।

 

ईर्ष्या की औषधि - Heartburn Potion

अथर्ववेद 7/45/1-2 मन्त्र में ईर्ष्या की औषधि का वर्णन है। जिस प्रकार से वन में लगी आग पहले वन को ही नष्ट कर देती है। उसी प्रकार ईर्ष्या रूपी अग्नि मनुष्य को अंदर से भस्म कर देती हैं। जिस प्रकार से वर्षा रूपी जल वन की अग्नि को समाप्त कर देता है उसी प्रकार से विवेकरूपी जल ईर्ष्या को समाप्त कर देता हैं। यह विवेक रूपी जल है सज्जनों का संग। सज्जनों की संगती से सदविचारों का ग्रहण होता है। जिससे मनुष्य विचारों में निष्पक्षता और सत्यता ग्रहण कर ईर्ष्या रूपी व्याधि से अपनी रक्षा कर पता हैं।

 

मधुर वाणी बोलें - Speak melodiously

अथर्ववेद 12/1/48 में आया है कि हम सदा मधुर वाणी बोलें, सत्य, प्रिय एवं हितकर वाणी बोलें।  सभी के लिए प्रेमपूर्वक व्यवहार करे। वैर, विरोध, ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध अदि भावनाओं को मार भगाये। दृढ़ संकल्प लिया हुआ व्यक्ति कभी मनोरोगी नहीं होगा। पहाड़ के समान दुःख को भी वह झेल जायेगा।

 

 श्रेष्ठ धन - Best Money

ऋग्वेद 2/21/6 में सन्देश आया है कि हे ईश्वर हमें श्रेष्ठ धन दीजिये। यह श्रेष्ठ धन क्या है? यह श्रेष्ठ है ईमानदारी का धन। यह धन सदा सुख देता है। धन की तीन ही गति है। दान, भोग और नाश। वेद विरुद्ध माध्यमों से प्राप्त धन व्यक्ति का नाश कर देता है। भ्रष्टाचार से प्राप्त धन स्वयं व्यक्ति और उसकी संतान का नाश कर देता हैं और मानसिक रोगों की उत्पत्ति का प्रमुख कारण हैं। अपने किये गए पाप कर्मों के फलों से ग्रसित होकर व्यक्ति मनोरोगी बन जाता हैं। 

 

त्याग की भावना - Sense of Sacrifice

यजुर्वेद 40/1 का प्रसिद्द मन्त्र ‘ई॒शा वा॒स्यमि॒दं’  का सन्देश है कि हे मनुष्य जगत का रचियता और स्वामी ईश्वर सब ओर विद्यमान है और तुम त्याग की भावना से इस संसार के पदार्थों का भोग कर। इस भावना से प्रकाशित व्यक्ति कभी अवसाद आदि मनोरोग से ग्रसित नहीं होता।

आत्मा को बल देने वाला - Spirit Booster

यजुर्वेद (Yajurveda) 25/13 मन्त्र में आया है कि ईश्वर आत्मज्ञान का दाता, शरीर, आत्मा और समाज के बल का देनेहारा हैं। आस्तिक व्यक्ति ईश्वर विश्वास के बल पर श्रेष्ठ कार्य करते हुए संध्या उपासना रूपी भक्ति द्वारा अपनी आत्मा को बलवती करते हुए संसार में सुख  होता हैं। यही ईश्वर विश्वास मनुष्यों को अवसाद आदि मनोरोग से बचाता हैं।

 

यजुर्वेद - Yajurveda

यजुर्वेद 34/1-6 मन्त्रों को शिवसंकल्प (Shiva Sankalpa) मन्त्रों का सूक्त (Sukta) कहा जाता है। इन मन्त्रों में मनुष्य ईश्वर से प्रार्थना करता है कि हे ईश्वर हमारा मन नित्य शुभ संकल्प वाला हो। सोते-जागते यह सदा शुभ संकल्प वाला हो। अशुभ व्यवहार को छोड़ शुभ व्यवहार में हमारा मन प्रवृत्त हो।

इस लेख में वेदों के कुछ मन्त्रों के उदहारण मैंने दिए हैं। वेदों में कई सौ मन्त्रों में मनुष्यों के कल्याणार्थ मानसिक रोगों से निवृति करने का उपदेश दिया गया हैं। जिन पर आचरण करने से मनुष्य समाज के मानसिक स्वस्थ्य की रक्षा की जा सकती हैं। वेद वाणी सभी का कल्याण करे।

 

लेखक – डॉ विवेक आर्य, शिशु रोग विशेषज्ञ, दिल्ली

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

राष्ट्रीय

डॉक्टरों, कैंसर पीड़ितों और होटल मालिकों ने सरकार से होटलो और हवाई अड्डों से धूम्रपान कक्षों को हटाने की मांग की

हे.जा.स. March 10 2022 30504

धूम्रपान निषेध दिवस पर डॉक्टरों, कैंसर पीड़ितों और होटल चलाने वाले लोगों ने केंद्र सरकार से होटलों,

स्वास्थ्य

गर्मी में खाएं ये चीजें, बॉडी का तापमान रहेगा सामान्य

लेख विभाग May 25 2023 24208

गर्मियों के सीजन में हीट को हैंडल करना मुश्किल होता है। गर्मी से बचने के लिए हम ऐसे फूड्स या ड्रिंक

उत्तर प्रदेश

नर्सिंग सलाहकार पद पर नर्सिंग संवर्ग से ही तैनाती की जाए: महामंत्री अशोक कुमार, राजकीय नर्सेज संघ

रंजीव ठाकुर September 19 2022 38692

राजकीय नर्सेज संघ ने नियम विरूद्ध उ0प्र0 स्टेट मेडिकल फैकल्टी में नर्सिंग सलाहकार की तैनाती को लेकर

राष्ट्रीय

दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण , लोगों ने गले में खुजली और आंखों में पानी आने शिकायत की।

एस. के. राणा November 06 2021 18824

आज सुबह मथुरा रोड पर पीएम 10 का स्तर 430 पर रहा। दिल्ली में धुंध की मोटी चादर के कारण यहां कई लोगों

राष्ट्रीय

नशे से मुक्ति दिलाएंगे देवघर एम्स के डॉक्टर

विशेष संवाददाता July 06 2023 36075

देवघर एम्स के डॉक्टरों ने ठाना है कि मरीजों को नशे से छुटकारा दिलाएंगे। भारत सरकार के सामाजिक न्याय

राष्ट्रीय

कोरोना महामारी के कारण कई कैंसर मरीज़ मौत के मुहाने पर पहुँचे

एस. के. राणा February 04 2022 20930

कोरोना महामारी की वजह से सरकारी अस्पतालों में कैंसर का इलाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इलाज न मिलने स

राष्ट्रीय

महामारी की चुनौतियों के समाधान का मार्गदर्शन करेगी द रियल क्राइसेस पुस्तक।

हुज़ैफ़ा अबरार January 20 2021 13570

अपनी शिक्षाओं को किसी भी प्रकार की त्रुटि के बिना भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने और उपलब्ध कराने

राष्ट्रीय

तेज बुखार और सिर दर्द होने पर तत्काल अपनी जांच कराएं

एस. के. राणा April 22 2023 24502

देश में लगातार कोरोना का ग्राफ बढ़ रहा है। संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय काफी ज्य

शिक्षा

न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स में करियर की असीम सम्भावना।

अखण्ड प्रताप सिंह November 03 2021 19185

12वीं के बाद स्टूडेंट्स इस फील्ड में बैचलर डिग्री, मास्टर डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। एक स

स्वास्थ्य

जानिए गर्मियों में खीरा खाने के अद्भुत फायदे

लेख विभाग April 20 2023 26598

खीरे को मिनरल, विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट्स का पावरहाउस कहा जाता है। खीरे की सबसे बड़ी खासियत ये है कि

Login Panel