लखनऊ। देश में शरीर से कुछ भी दान देने की परम्परा अभी तक परवान नहीं चढ़ी है हालांकि रक्तदान बढ़ चढ़ कर किया जा रहा है। लेकिन जब बात अंगदान पर आती है तो तमाम भ्रांतियां हमारे पैरों में बेड़ियां डाल देती है। अंगदान (organ donation) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब हेल्थ जागरण ने डॉ आदित्य कुमार शर्मा से लिए जिन्होंने मिथ्या धारणाओं को तोड़ने और अंगदान से जुड़ी खास जानकारियां हेल्थ जागरण से शेयर की। डॉ आदित्य अपोलो अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) विशेषज्ञ हैं।
हेल्थ जागरण - डॉ साहब अंग प्रत्यारोपण को लेकर बहुत सी मिथ्या अवधारणाएं है, लोग अंगदान के सरकारी नियम कायदों को ठीक से नहीं जानते हैं?
डॉ आदित्य कुमार शर्मा - अंगदान (organ transplantation) को लेकर बहुत सी भ्रांतियां हैं और नियम भी है। जिंदा व्यक्ति के अंग प्रत्यारोपण और मस्तिष्क से मृत शरीर के अंग प्रत्यारोपण को लेकर अलग-अलग स्पष्ट कानून निर्धारित है। लिविंग डोनर (living donor) होने पर परिवार या करीबी सम्बंधी के ही होने का प्रावधान है। ऐसे ही किसी भी अनजाने व्यक्ति का अंगदान गैरकानूनी होता है। ब्रेन डेड (brain dead) मामले में बहुत सी भ्रांतियां हैं उनको दूर करने के लिए सख्त कानून बने हुए हैं। पहले तो ब्रेन डेड होना प्रमाणित करना होता है इसके बाद परिजनों की अनुमति आवश्यक होती है।
हेल्थ जागरण - प्रत्यारोपित अंग के साथ मरीज कितने समय तक जी सकता है?
डॉ आदित्य कुमार शर्मा - यह बहुत बड़ी भ्रांति है। किडनी खराब होने पर मरीज डायलिसिस के जरिए 4-5 सालों तक जीवित रह सकता है जबकि ट्रांसप्लांट के बाद जीवन आराम से 10-15 सालों तक जीवन चलता है। ट्रांसप्लांट हुए व्यक्ति का जीवन किडनी खराब हो चुके मरीज से डेढ़ से दो गुना तक ज्यादा होता है।
हेल्थ जागरण - ऐसा कहा जाता है कि अंग प्रत्यारोपण के बाद इम्यूनिटी कम करने की दवाएं दी जाती है? क्या इम्यूनिटी (immunity) कम होने से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है?
डॉ आदित्य कुमार शर्मा - ये सही है कि ट्रांसप्लांट के बाद इम्यूनिटी कम करने की दवाएं ज्यादा मात्रा में दी जाती है क्योंकि किडनी किसी भी प्रकार के बाहरी तत्व को शरीर में स्वीकार नहीं करती है। इंफेक्शन (infection) रोकने के लिए ये दवाएं दी जाती है लेकिन धीरे-धीरे एक साल बीतने तक इन दवाओं को कम कर दिया जाता है। वैसे तो ऐसी दवाएं (medicines) चलती रहती है लेकिन कुछ केसेज में 10-15 सालों बाद ऐसी दवाएं बंद कर दी जाती है।
हेल्थ जागरण - क्या अंगदान के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में किसी तरह का संयोजन किया जा रहा है?
डॉ आदित्य कुमार शर्मा - देखिए इसके लिए सरकारी इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। अभी हमने एसजीपीजीआई (SGPGI) तक एक ग्रीन कारीडोर बना कर अंग प्रत्यारोपण करवाया था। हमारी कोशिश अंगदान को बढ़ावा देने की होती है।
हेल्थ जागरण - अगर किसी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल को अंग प्रत्यारोपण के लिए अपोलो अस्पताल (Apollo Hospitals) की जरूरत होगी तो क्या संस्थान मदद करेगा?
डॉ आदित्य कुमार शर्मा - बिल्कुल, अपोलो किसी भी स्थिति में अंगदान को आगे बढ़ाना चाहता है और हमें खुशी होगी कि हम अंग प्रत्यारोपण में किसी भी प्रकार का सहयोग दे सकें।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3219
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस बच्चों में मायोपिया की प्रगति से लडऩे में मदद करने के लिए एक नई क्रांति प्रद
एक अनुमान के अनुसार, सरवाइकल कैंसर से होने वाली हर 10 में से 9 मौतें, निम्न व मध्य आय वाले देशों में
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक बयान में कहा कि डॉक्टरों की एक टीम ने 'पावर स्पाइरल एंटेरो
आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन। इसके मुताबिक लक्षणविहीन व हल्के लक्षण वाले मरीज़ों को देख सकेंगे
दिव्यांग शरीर वाले लोग ज्ञान, मेधा और तार्किक शक्ति के लिहाज से अन्य सामान्य व्यक्तियों से किसी भी त
क्या आप भी नृत्य करने के शौकीन हैं, तो यकीन मानिए आपकी यह एक आदत न सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए बेहतर ह
रिशांत के जाने के बाद से घर में गम का माहौल है लेकिन दो लोगों को नया जीवन मिलने से परिवार को थोड़ा स
भारत बायोटेक ने दो वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों और किशोरों में कोवैक्सीन टीका के सुरक्ष
डॉक्टर दीप्ति चतुर्वेदी ने बताया की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर, एंडोमेट्रियल कैंसर, एवं अंडाशय का कै
देश भर में कुल एक्टिव केसों की संख्या 22,36,842 है। कोरोना का रिकवरी रेट फिलहाल 93.15% बना हुआ है। ड
COMMENTS