चिंता या तनाव के कारण लो किसी किसी ना किसी रोग से ग्रसित हो जातें। तब मन में ये प्रश्न जन्म लेता हैं कि तनाव से कैसे बचा जा सकता हैं और खुश कैसे रह सकते हैं ? इन प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए बहुत ध्यान से इस लेख को पढ़ें और अपनी जीवन शैली में अपनाकर तनाव को दूर भगाएं।
दिनचर्या बनाये :
हम सभी कभी न कभी ऐसी कठिनाइयों से घिर जाते हैं, जहाँ हमे उनका सामना तो करना ही हैं, साथ ही स्वयं को सर्वश्रेष्ठ भी सिध्द करना हैं, चाहे वो ऑफिस की कोई मीटिंग हो या कोई परीक्षा ; तो ऐसी परिस्थिति में उस कठिनाई के कारण तनाव से घिरने की बजाय हमे एक दिनचर्या का पालन करना चाहिए। एक सही दिनचर्या आपकी दिन भर की कई मुश्किलों का हल होती हैं और कई कामों को आसान कर देती हैं। आप उस कठिनाई का उसी प्रकार सामना कर पाने में सक्षम होंगे, जैसे कि आप कोई सामान्य परिस्थिति में कार्य कर रहे हैं।
दिन की शुरुआत शीघ्र करें :
आप स्वयं में सुबह जल्दी उठने की आदत डालिए, जिससे आपकी दिनचर्या समय पर शुरू होगी और आपका अपने काम पर भी पूरा ध्यान होगा। साथ ही आप कई बिना वजह की परेशानियों, जैसे : ट्रेफिक, देर हो जाना, आदि समस्याओं से बच जाएँगे और तनाव आपको नहीं घेरेगा।
सूची बनाना :
आप उन सभी कार्यों की सूची बनाइये, जिन्हें करने से आप खुश रहते हैं और जिनसे आपको एक सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती हैं। साथ ही आप दिन भर में किये जाने वाले कार्यों की सूचि बनाकर उन्हें बिना भूले पूर्ण कर सकते हैं। यह तकनीक आपको तनाव से दूर रखने और इसे कम करने में मदद देगी।
समस्या को स्वीकार करना सीखें :
अगर आप किसी बुरी या कठिन परिस्थिति में फंस गये हैं तो उससे दूर भागने के बजाय उसे स्वीकार करें और उसका सामना करके उसे ख़त्म करने की कोशिश करे। इस प्रकार परेशानियों का सामना करने से आपके अन्दर कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति आएगी, आपका आत्मबल बढ़ेगा और आपके अन्दर सकारात्मकता आएगी, जिससे भविष्य में आने वाली परेशानियों के प्रति आप अडिगता से खड़े रहेंगे और इनके प्रति आपका तनाव भी कम होगा।
स्वयं की देखभाल करें :
अगर हम किसी तनाव पूर्ण स्थिति से घिरे हुए हो तो हम अपनी फ़िक्र करना छोड़ देते हैं और हर समय उस संकट के बारे में ही सोचते रहते हैं। इसी कारण हम कई बार खाना- पीना छोड़ देते हैं या ऐसा भोजन करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं, हम रात को अच्छी नींद भी पूरी नहीं ले पाते हैं। जिससे वो समस्या तो हल नहीं होती, बल्कि हम अपना स्वास्थ्य बिगाड़ लेते हैं, इसलिए जरुरी हैं कि हम स्वस्थ रहे। यदि हम स्वस्थ रहेंगे, तनाव मुक्त रहेंगे, तभी तो उस समस्या को हल करने का उपाय खोज पाएँगे।
ध्यान साधना करना :
मेडिटेशन करना तनाव दूर करने का सबसे बढ़िया तरीका हैं। प्रतिदिन मात्र 20 – 30 मिनिट का मेडिटेशन आपको तनाव – मुक्त जीवन देने के लिए काफी हैं। यह आपके गुस्से और चिड़चिड़ेपन को भी दूर करने में बहुत सहायक होता हैं, आपकी एकाग्रता शक्ति को भी बढाता हैं।
एक समय में एक कार्य :
आप एक समय में एक ही कार्य करें, सभी कामों को करने की जिम्मेदारी स्वयं पर न ले अन्यथा एक भी काम समय पर नही होगा और अगर हो भी गया तो उसमे गलतियों की गुंजाइश ज्यादा होगी। एक काम हाथ में ले और उसे समय पर पूरा करें, इससे आपका काम भी जल्दी होगा और गलतियाँ भी नहीं होगी, साथ ही इस वजह से तनाव भी नहीं होगा और आप खुश रहेंगे।
ध्यान भंग करने वाली चीजों से दूर रहें :
जब आप काम कर रहे हो, तब आप ई – मेल, नोटिफिकेशन, मोबाइल, आदि का प्रयोग न करें क्योंकि इनसे काम करते समय ध्यान बंटता हैं, जिससे काम करने में समय अधिक लगता हैं और आपको अपने अन्य कार्यों हेतु पर्याप्त समय नहीं मिल पता और आप तनाव ग्रस्त हो जाते हैं
एकाग्रता :
जब आप कोई काम कर रहे हो , तो आपका उद्देश्य उसे पूरी एकाग्रता से पूर्ण करने का होना चाहिए। जब आप अपना पूरा ध्यान किसी एक ही काम पर लगाते हैं तो वो कार्य जल्दी पूरा हो जाता हैं। साथ ही आपको बहुत सी चीजों या कामों को मिलाना नहीं चाहिए, इससे एकाग्रता बनी रहती हैं।
स्वयं से प्रश्न करें :
अगर आप किसी मसले पर तनाव ग्रस्त महसूस करें, तो उसे दूर करने के लिए स्वयं का साक्षात्कार ले। स्वयं से ऐसे प्रश्न करे जो उस समस्या के संबंध में उस समय आपके दिमाग में चल रहे हो। इन प्रश्नों के उत्तर आपको उस समस्या से बाहर लाने में मदद करेंगे और आप तनाव से दूर रह पाएँगे।
काम न टालें :
काम को टालना बहुत बुरी आदत हैं और यह 100% सच हैं कि कल कभी नहीं आता। यह कोई नहीं जानता कि कल आपके पास कितना काम होगा, टालें गये काम को करने के लिए आप वक्त निकाल पाएँगे या नही और अगर आज का काम कल भी नहीं हो पाया तो यह स्थिति तनाव का रूप ले लेगी। इसलिए कभी भी बिल्कुल डेड – लाइन ख़त्म होने तक का इंतज़ार न करें।
गहरी सांस लें :
आराम से और लम्बी साँस भरना, अपने आप में एक मजबूत हथियार हैं, जो आपको किसी भी प्रकार के मानसिक तनावों से लड़ने में सहायता करती हैं, तो जब भी आप किसी तनाव से घिरे तो सर्वप्रथम कुछ समय के लिए रुके और एक लम्बी साँस ले। यह तकनीक आपके दिमाग को तनाव रहित करने में बहुत कारगर सिध्द होगी।
नियमित व्यायाम करें :
प्रतिदिन कसरत करना न केवल आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता हैं, बल्कि यह आपको मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता हैं। नियमित व्यायाम करने से शरीर में बनने वाले स्ट्रेस हार्मोन्स की मात्रा कम हो जाती हैं और हम तनाव रहित होकर खुशहाल जीवन जी पाते हैं।
भोजन आनंद – पूर्वक ग्रहण करें :
हम अक्सर कामकाज की जल्दबाजी में सुबह का नाश्ता और कई बार तो दोपहर का खाना तक नहीं खा पाते। अगर खाते भी हैं तो प्रायः जल्दी से इसे एक काम समझकर निपटाने जैसी मनः स्थिति के साथ खाते हैं। जिससे हमे पर्याप्त और वांछित पोषण नहीं मिल पाता। इसीलिए आप कभी भी नाश्ते और खाने को मत छोडिये और जब भी कुछ खाएं तो उसे शांतिपूर्वक और उसका स्वाद लेते हुए खाए। जिससे आपको जीवन में शांति का अनुभव होगा और आप खाने के स्वाद का आनंद ले पाएँगे, जिससे आपको ख़ुशी मिलेगी और अंततः तनाव कम होगा।
शौक (hobby) पूरे करें :
जब भी आपको ऐसा लगे कि अब काम करना बोझिल हो गया हैं और आप निढाल महसूस करें तो अपने शौक और रुचिपूर्ण कार्यों को कीजिये। आपके जो भी शौक हैं, उन्हें पूरा करने से आपको ख़ुशी मिलेगी और इससे आप तनाव रहित होकर दोगुने उत्साह के साथ काम में पुनः जुट जाएँगे।
पूरी नींद ले :
सुबह होते ही काम पर ठीक प्रकार से विजय पाने के लिए ये आवश्यक हैं कि हम रात को ठीक तरह से और भरपूर मात्रा में नींद ले ताकि सुबह उठकर पूरी ताजगी और ऊर्जा के साथ दिन भर के काम कर पाए। अगर दिन भर के काम ठीक ढंग से होंगे तो तनाव नहीं होगा और आप खुश रहेंगे।
परेशानियाँ साझा करें :
कहा जाता हैं कि खुशियाँ बांटने से बढती हैं और गम बांटने से कम होता हैं तो यदि आप किसी बात को लेकर परेशान हैं तो उसे अपने परिवार के किसी सदस्य या किसी अच्छे प्रिय दोस्त से बांटे। हो सकता हैं कि इसका कोई हल निकल जाएँ और अगर हल न भी निकला तो कम से कम आपका मन तो शांत होगा और आप तनाव कुछ कम महसूस करेंगे।
परिवार के साथ समय बिताएं :
आज बहुत से लोग रोजी – रोटी के कारण अपने परिवार से दूर रहते हैं या साथ रहकर भी अपने बच्चों और परिवार को समय नहीं दे पाते। जिससे रिश्तों में दूरियां आती हैं और ये तनाव बढ़ने का भी कारण बनती हैं। अतः आवश्यक हैं कि आप परिवार को, अपने जीवनसाथी को समय दे, उनके साथ छुट्टियाँ बिताये, बच्चों के साथ समय बिताएं। उन्हें अपने बचपन के किस्से सुनाये, उनके साथ शरारतें करें, उनकी पढाई और दिनचर्या में रूचि दिखाए, उनकी समस्याए जाने। इस सब से आपके और आपके परिवार का रिश्ता मजबूत होगा और इससे तनाव होने पर भी आप इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे और खुश रहेंगे।
सकारात्मक लोगों के साथ रहे :
आप किन लोगों के साथ अपना अधिकतर समय बिताते हैं, तनाव – मुक्त रहने के लिए ये जानना भी बहुत जरुरी हैं। यदि आप नकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहते हैं तो आप भी उन्ही की तरह हो जाएँगे और नकारात्मक सोच के दुष्परिणाम भी आपको झेलने पड़ेंगे। परन्तु वही आप सकारात्मक रवैये वाले लोगों के साथ अपना समय बिताते हैं तो आप भी समस्याओं के प्रति सकारात्मक रवैया रखेंगे और उनका सामना करने के लिए तैयार रहेंगे। जिससे आपके जीवन की कई परेशानियाँ आसानी से हल हो जाएगी।
स्थितियों पर अत्यधिक विचार न करें :
आप कोई काम करना चाहते हैं तो करें, उस पर कोई और क्या सोचेगा या इसका परिणाम क्या होगा ; इस पर विचार अवश्य करें। परन्तु जरुरत से ज्यादा भी न सोचे, अन्यथा यह भी तनाव का एक कारण बन सकता हैं।
वर्तमान में जीयें :
अगर आप हमेशा अपने भूतकाल की सुनहरी यादों और भविष्य की चिंताओं में डूबे रहेंगे तो आप वर्तमान की खुशियों को खो देंगे। अतः खुश और तनाव – मुक्त रहने के लिए ये जरुरी हैं कि आप वर्तमान में जिये और इसके हर एक पल को आनंद से बिताएं।
स्वयं को कम न आंकें :
हम अक्सर खुद को दुसरों की तुलना में कम आंकतें हैं। हमारा ध्यान केवल इसी बात पर होता हैं कि हमारे अन्दर क्या कमियाँ हैं और हम अपने गुणों और विशेषताओं को भूल जाते हैं। हर व्यक्ति अपने आप में विशेष होता हैं, जैसे : कोई व्यापार में अच्छा लाभ कमाता हैं तो कोई नौकरी करके उन्नति प्राप्त करता हैं। कोई पढाई में अच्छा हैं तो कोई खेलकूद में कोई महिला घर के कामों में सिद्धहस्त हैं तो कोई बाहरी मोर्चों को आसानी से संभाल लेती हैं। अतः हम सभी विशेष हैं तथा किसी और से किसी भी प्रकार कम नही हैं। ये भावना मन में होने से स्वयं पर भरोसा होता हैं और कठिनाइयों पर विजय पाने में सहायता मिलती हैं और हम तनाव रहित रहकर खुश हो पाते हैं।
स्वयं को खुश रखने की कला :
यह बात सबसे महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न लोग विभिन्न तरीकों से अपनी ख़ुशी पाते हैं। हमे अपनी ख़ुशी और दुःख के लिए किसी ओर को जिम्मेदार ठहराने की आदत छोड़ देना चाहिए। हम खुश होने के लिए किसी और की राह क्यों देखें। जब हम खुद को खुश रखने की कला सीख जाते हैं तो तनाव अपने आप ही ख़त्म हो जाता हैं।
इस प्रकार इन छोटी – छोटी कोशिशों के द्वारा हम अपने जीवन से तनाव को कम कर सकते हैं और खुश रह सकते हैं।
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