वैश्विक स्तर पर पैदा होने वाले डेढ़ करोड़ बच्चों में से 20 फीसदी भारत में जन्म लेते हैं। दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण, समय से पहले पैदा होना है। इस कारण भारत को नवजात शिशु (new born ) की गहन चिकित्सा (intensive care) देखभाल सुविधाओं की बहुत बड़ी आवश्यकता है।
समय से पहले पैदा होना चिकित्सा के संदर्भ में - Premature birth in medical terms
एक पूर्ण गर्भावस्था (complete pregnancy) की अवधि 40 हफ्ते (280 दिन) होती है। इस अवधि के दौरान महिलाओं के गर्भ में कई चीजें घटित होती है और इसकी समाप्ति जन्म लेने वाले ऐसे बच्चे के रूप में होती है जो स्वतंत्र जीवन के लिए तैयार होता है।
जब गर्भावस्था के 37 हफ्ते पूरे होने से पहले एक बच्चे का जन्म होता है तो उसे अपूर्णकालिक शिशु माना जाता है। यह दुनिया भर में अपनाई जाने वाली मानक परिभाषा है। दूसरे शब्दों में यदि एक बच्चा मां के गर्भ के अंदर उसकी पूर्ण परिपक्वता से पहले पैदा होता है तो उसे अपूर्णकालिक शिशु (Premature baby) माना जाता है।
समय से पहले पैदा हुए बच्चे में सबसे ज्यादा आने वाले स्वास्थ्य संबंधित समस्या - Most common health problems in premature babies
नवजात शिशु सबसे कमजोर समूहों में से एक हैं भले ही वे स्वस्थ और समय पर पैदा हुए हों। अपूर्णकालिकता उन्हें प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों के लिए और भी अधिक संवेदनशील बनाती है। यह दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण है।
दुनिया भर में डेटा संग्रह है, यह दर्शाता है कि अपूर्णकालिक जन्म की दर बढ़ रही है। पहले से पैदा हुए डेढ़ करोड़ बच्चों में से 1 करोड़ जीवित नहीं रह पाते हैं। जो जीवित रह जाते हैं उनमें से कईयों में आजीवन विकलांगता (lifelong disabilities), जैसे श्रवण शक्ति की कमी और देखने की समस्याएं शामिल है, से प्रभावित रह जाते हैं। विकसित दुनिया में 10 में 9 समयपूर्ण होने से बहुत पहले जन्में बच्चे बच जाते हैं; जबकि उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया सहित कम आय वाले देशों में 10 में से केवल 1 ही बच्चा बच पाता है।
उनके पास अविकसित फेफड़े (underdeveloped lungs) होते हैं और उन्हें परिपक्व बनाने के लिए दवा की आवश्यकता होती है, बहुत से अपूर्णकालिक बच्चों को कृत्रिम पोषण (artificial nutrition) की आवश्यकता होती है जिसके लिए एक विशेष एनआईसीयू होना चाहिए। उन्हें अपने सीने, हृदय और मस्तिष्क के बार-बार अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता होती है इसलिए एनआईसीयू को मशीन से सुसज्जित किया जाना चाहिए और एक प्रशिक्षित व्यक्ति 24 × 7 उपलब्ध होना चाहिए।
समय से पहले पैदा हुए बच्चे की निगरानी की आवश्यकता - need for monitoring a premature baby
अपूर्णकालिक शिशुओं पर नजर रखने की जरूरत है कि उनका ऑक्सीजन स्तर हर समय सामान्य सीमा के भीतर है; न तो बहुत कम और न ही बहुत अधिक, क्योंकि दोनों बच्चे को नुकसान पहुंचाते हैं। उनके दिल और मस्तिष्क को जीवन के पहले सप्ताह में कुछ समय देखने की जरूरत है। उनके मस्तिष्क को भी 14वें दिन, 30वे दिन और छोड़े जाने से पहले देखे जाने कि आवश्यकता है। उनके वजन को हर दिन जांचने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका अपनी गर्भावधि उम्र के अनुसार वजन बढ रहा है। सिर और लंबाई की निगरानी साप्ताहिक की जाती है।
हमें संक्रमण (underdeveloped lungs) के किसी भी संकेत को बिना समय गंवाए देखना है और जल्द से जल्द उनके लिए परीक्षण करना है। अपरिपक्व शिशुओं के लिए संक्रमण सबसे बड़ा दुश्मन है। छोड़े जाने से पहले उनकी आंखों और सुनने कि क्षमता को नियमित रूप से जांचने की आवश्यकता है। आवश्यक पड़ने पर प्रारंभिक भागीदारी कार्यक्रम (इंटरवेंशनल प्रोग्राम) शुरू करने के लिए पहले दो वर्षों में तंत्रिका विज्ञान संबधित विकास को नियमित रूप से जांचना की आवश्यकता है।
अस्पताल छोड़ने के बाद समय से पहले पैदा हुए बच्चे की देखभाल - Caring for a premature baby after leaving the hospital
जब तक शिशु घर जाने के लिए पर्याप्त रूप से फिट नहीं होते हैं हम देखभाल करते रहते हैं, उनकी वृद्धि और विकास की जांच करना भी महत्वपूर्ण है। इसमें वजन, लंबाई, सिर का आकार, आंखों की जांच, सुनने आदि की निगरानी शामिल है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चा सही रास्ते पर है। सुनने की और आँखों की जांच विशेष रूप से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि सही समय पर नहीं किया गया, तो बाद में पता चलने पर बहुत देर हो सकती है। ये कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो दुनिया भर में आम हैं।
अपूर्णकालिक शिशुओं में बहुत कमजोर प्रतिरक्षा (weak immunity) होती है और संक्रमित होने का खतरा रहता है। एक बार जब एक बच्चा संक्रमित हो जाता है तो संक्रमण जंगल की आग की तरह पूरे केन्द्र में फैल सकता है। भारत जैसे विकासशील देशों में अपूर्णकालिक शिशुओं की मृत्यु का एक प्रमुख कारण संक्रमण है।
लेखक - डॉ अमीष वोरा, गंभीर बाल चिकित्सा देखभाल और आपातकालीन सेवाएं, एसआरसीसी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल, मुंबई
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 2553
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
आयशा खातून March 06 2025 0 5328
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
British Medical Journal February 25 2025 0 5661
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77133
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82415
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80547
admin January 04 2023 0 81486
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71646
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61216
आयशा खातून December 05 2022 0 113331
लेख विभाग November 15 2022 0 84361
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94407
श्वेता सिंह November 07 2022 0 82796
लेख विभाग October 23 2022 0 67799
लेख विभाग October 24 2022 0 69239
लेख विभाग October 22 2022 0 75960
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82569
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77465
22 नवंबर से यूके भारत की कोवॉक्सिन (Covaxin) को भी आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल करेगा। इसके बाद दो
लोग महामारी के कारण बढे तनाव, बोरियत और अकेलेपन की वजह से शराब और अन्य नशीले पदार्थो का सेवन ज्यादा
प्राकृतिक इलाज में उपवास एक महत्वपूर्ण पद्धति है। बहुत से लोग कुछ समय के लिए भोजन न करके या अल्पाहा
चकोतरे में संतरे की अपेक्षा सिट्रिक अम्ल अधिक तथा शर्करा कम होती है | इसका छिलका पीला तथा अंदर का भा
नारियल पानी में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्किन की समस्याओं को दूर करने में मदद करने के स
डा. विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अब इस नयी तकनीक यानि वाल्व रिपेयर से बहुत से मरीज लाभान्वित हो पाएं
शोध में कहा गया है कि गंध या स्वाद महसूस न होने से जीवन की गुणवत्ता (quality of life) पर खराब असर पड
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने नयी आवश्यक दवाओं की सूची जारी कर दी है। पिछले साल ही
CAR-T सेल थेरेपी एक तरह की इम्यून एंटीकैंसर ड्रग्स है यानी यह बॉडी के इम्यून सिस्टम को ही कैंसर सेल
निर्धारित यात्रा से पहले ऑनलाइन हवाई सुविधा पोर्टल पर एक स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा और एक नकारात्म
COMMENTS