लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के छठे बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को खासी तरहीज दी गई है। स्वास्थ्य के लिए 5482.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य के लिए दी गई कुल रकम पिछली बार से 2624.69 करोड़ रुपये ज्यादा है।
गुरूवार को वित्त मंत्री (Finance Minister ) सुरेश खन्ना ने प्रदेश सरकार का पेपरलेस बजट पेश किया। यूपी में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देते हुए बजट में स्वास्थय महकमें के विकास की झलक दिखाई दी। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट ने हेल्थ सेक्टर को ढेर सारी सौगातें दी हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के बजट की झलकियाँ - Glimpses of the Budget for Medical and Healthcare
- प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 620 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित
- प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना हेतु 320 करोड़ 07 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हेतु 10,547 करोड़ 42 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं हेतु 2908 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 के अनुरूप एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार हेतु राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से आच्छादित किये जाने हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- आशा कार्यकत्री एवं शहरी आशा संगिनियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की धनराशि में की गई वृद्धि के दृष्टिगत 300 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित
- राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढीकरण हेतु खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं एवं मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय (Atal Bihari Vajpayee Medical University), लखनऊ की स्थापना हेतु 100 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना (Cashless Medical Scheme) हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- प्रदेश की निर्धन आबादी को असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- मेडिकल कॉलेजों में भरे जाएंगे 10 हजार पद
- प्रदेश के 14 जनपदों- बिजनौर , कुशीनगर , सुल्तानपुर गोण्डा लखीमपुर खीरी , चन्दौली , बुलन्दशहर , सोनभद्र , पीलीभीत, औरेया, कानपुर देहात, कौशाम्बी और अमेठी में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- चिकित्सा शिक्षा (medical education) के क्षेत्र में करीब 10 हजार पद सृजित किए गए हैं। लगभग 3000 नर्सों की नियुक्ति (appointment of nurses) राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में की जा चुकी है। बाकी के पदों पर भी आगामी वर्षों में भर्ती की जाएगी।
- प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
- प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेजों (medical colleges) की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा पीपीपी नीति घोषित की गयी है, जिसमें निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जायेंगे
- आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat scheme) के अन्तर्गत 2,949 चिकित्सालयों को आबद्ध किया गया है. प्रदेश के 1.78 करोड़ लाभार्थी परिवारों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है अब तक 1.84 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड (Ayushman cards) वितरित किये जा चुके है. योजना हेतु 560 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
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