प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इन समस्याओं को पूरी तरह से रोका तो नहीं जा सकता क्योंकि ये उस समय की नेचुरल प्रक्रिया का हिस्सा होती हैं। लेकिन योग के जरिए इन्हें काफी हद तक नियंत्रित जरूर किया जा सकता है। इसीलिए तमाम विशेषज्ञ गर्भावस्था के समय योग करने की सलाह देते हैं। कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान योग करने को लेकर मन में संशय होता है। उन्हें लगता है कि कहीं इससे उनके गर्भस्थ शिशु को कोई परेशानी न हो जाए।
आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान आप जितना एक्टिव रहेंगी, आपके लिए समस्याएं भी उतनी ही कम होंगी। योग करने वाली महिलाओं की डिलीवरी भी आसानी से होती है और डिलीवरी के बाद रिकवरी भी जल्दी होती है। ऐसे तमाम योगासन हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना जाता है। आप विशेषज्ञ से इसके बारे में सलाह लेकर किसी जानकार की देखरेख में इसे आराम से कर सकती हैं। किसी लेख में पढ़ कर खुद योग करने से नुक्सान भी हो सकता है। आईये जानते हैं प्रीनेटल योग के बारे में।
क्या है प्रीनेटल योग
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को थकान, बेचैनी, मूड स्विंग्स, घबराहट, उल्टी आदि कई तरह की परेशानियां होती हैं। इसका मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव को माना जाता है। इन समस्याओं से प्रेगनेंट महिला को राहत दिलाने के लिए प्रीनेटल योग के जरिए बेहद आसान योगासन और कुछ आसान मुद्राओं का अभ्यास कराया जाता है। इन योगासनों को करने से ब्लड सर्कुलेशन और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है और तमाम समस्याओं से आराम मिलता है।
कौन से योगासन सुरक्षित
विशेषज्ञों की मानें तो चौथे महीने से योग करना प्रेगनेंसी में सही माना गया है। इस दौरान ताड़ासन, वज्रासन, सुखासन, त्रिकोणासन, तितली आसन, पश्चिमोत्तानासन, वीरभद्रासन, और शवासन को सुरक्षित माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान हर महिला की स्थिति अलग होती है, इसलिए आप कोई भी योगासन करने से पहले एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।
इन बातों का रहे खयाल
नौकासन, चक्रासन, विपरीत शलभासन, भुजंगासन, हलासन, अर्धमत्स्येंद्रासन को गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। इसलिए इन्हें करने की गलती न करें। इसके अलावा विशेषज्ञ की सलाह के बाद कोई भी आसन या मुद्राओं का अभ्यास किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें, ताकि भूल से भी कोई समस्या पैदा न हो। अधिक व्यायाम करके अपने आप को तनाव में न डालें। साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने दें।
एस. के. राणा March 07 2025 0 50505
एस. के. राणा March 06 2025 0 50394
एस. के. राणा March 08 2025 0 48507
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 41625
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 33855
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 32967
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 32079
सौंदर्या राय May 06 2023 0 84681
सौंदर्या राय March 09 2023 0 89075
सौंदर्या राय March 03 2023 0 89316
admin January 04 2023 0 89922
सौंदर्या राय December 27 2022 0 79194
सौंदर्या राय December 08 2022 0 68653
आयशा खातून December 05 2022 0 122544
लेख विभाग November 15 2022 0 92464
श्वेता सिंह November 10 2022 0 112722
श्वेता सिंह November 07 2022 0 90788
लेख विभाग October 23 2022 0 75902
लेख विभाग October 24 2022 0 78119
लेख विभाग October 22 2022 0 85062
श्वेता सिंह October 15 2022 0 91005
श्वेता सिंह October 16 2022 0 85457
दवा कंपनी जाइडस कैडिला ने केंद्र सरकार को अपनी सुई रहित कोविड-19 वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी है। इस
मशहूर वायरोलॉजिस्ट टी जैकब जॉन ने दावा किया कि भारत में कोविड महामारी असल में स्थानिक बीमारी बनने की
अनियमित खानपान और दिनचर्चा के कारण जांघों पर चर्बी जमा होने लगती है। इससे आपकी बॉडी शेप खराब हो जाता
एक जून को ही शंघाई में लोगों की आवाजाही पर रोक को खत्म किया गया था, जिसका प्रभाव अभी भी वहां के व्या
दाल में प्रोटीन होता है, ये मौसमी संक्रमण से बचाने और बच्चों की इम्यूनिटी में मददगार होती है।यहीं नह
कृमि संक्रमण से बचाने के लिए 11 मार्च और 12 मार्च को कृमि मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने अप
डॉ दीपक दीवान ने बताया कि हाई ब्लड शुगर नेफ्रॉन और किडनी में ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिस
आचार्य मनीष ने कहा, 'हम पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके आयुर्वेद को उ
राजधानी लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अब क्रिटिकल केयर का नया हॉस्पिटल बनेगा
एलाइजा जांच से शरीर में 15 दिन पूर्व दाखिल हुए एचआईवी वायरस (HIV virus) का पता लगाया जा सकता है। जबक
COMMENTS