ब्रश करते समय मसूड़ों से खून बह सकता है या कभी-कभी यह अपने आप स्वाभाविक रूप से हो जाता है। यदि आप दांतों को ब्रश करने के बाद तरल पदार्थ (थूक) में अक्सर गुलाबी रंग देखते हैं, तो इसका मतलब है कि आपके मसूड़ों से खून बह रहा है। यह मसूड़ों की सूजन का संकेत हो सकता है। ‘उत्तेजित मसूड़े’ (Irritated gums) लाल और सूजे हुए दिखाई देते हैं जबकि स्वस्थ मसूड़े (healthy gums) हल्के गुलाबी रंग के दिखाई देते हैं।
मसूड़ों से खून ( bleeding gum) आने का सबसे सामान्य कारण दांतों पर प्लाक (plaque) का जमा होना है। यदि नियमित रूप से ब्रश करने और दांतों के बीच फ्लॉसिंग (धागे से सफ़ाई करना) करने से इस प्लाक को हटाया नहीं जाता है, तो यह प्लाक सख्त हो जाते है तथा टार्टर या कैल्क्यूलस (calculus) में बदल जाते है जिसे नियमित ब्रश करने से साफ नहीं किया जा सकता है। कैल्क्यूलस को केवल दंत चिकित्सक (dentist) या दंत स्वास्थिक (dental hygienist) द्वारा पेशेवर दंत सफ़ाई के माध्यमस से ही हटाया जा सकता है। यदि समय के साथ इसे साफ़ नहीं किया जाता है, तो इससे मसूड़ों में सूजन हो जाती है और मसूड़ों से रक्त बहने लगता है, जो कि मसूड़े की सूजन (gingivitis) का मुख्य संकेत है।
यदि इसे नजरअंदाज किया जाता है और मुख स्वच्छता की उचित देखभाल नहीं की जाती है, तो इससे मसूड़े की सूजन (gingivitis) हो सकती है जिसके कारण पीरियोडोंटाइटिस (मसूड़ों के रोग और आसपास के ऊतक व हड्डी रोग) हो सकता है। मसूड़ों से खून आना एक गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत भी हो सकता है, जैसे कि मधुमेह (diabetes), एचआईवी ( HIV), इम्यूनोसप्रेसिव (immunosuppressive) रोग आदि।
ब्लीडिंग गम के कारण - Causes of bleeding gum
मसूड़ों से खून आने के कई संभावित कारण हो सकते हैं जैसे कि:
अन्य कारण जो कि मसूड़े से रक्तस्राव को बढ़ा सकते हैं उनमें मधुमेह मेलिटस, कुपोषण, ब्लड थिनर (रक्त को पतला करने वाली दवाएं) (उदाहरण के लिए एस्पिरिन) तथा एंटीकोऐगुलेंट (anticoagulants) जैसे कि वार्फरिन और हेपरिन, अज्ञातहेतुक बिंबाणुअल्पताजन्य रक्तचित्तिता (idiopathic thrombocytopenia), हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance), रक्त कैंसर ((leukemia), आयरन अधिभार (iron overload) शामिल हो सकते हैं।
कुछ बेहद सामान्य कारण निम्न प्रकार से हैं:
ब्लीडिंग गम के निदान - Diagnosis of bleeding gum
यदि आपके मसूड़ों से नियमित रूप से खून आता है, तो मुख स्वच्छता (oral hygiene) की स्थिति की जांच के लिए दंत चिकित्सा के पास जाए। कुपोषण (malnutrition), यौवनावस्था (puberty) और गर्भावस्था (pregnancy) जैसे स्थितियों का पता लगाने के लिए दंत चिकित्सक द्वारा जांच की जानी चाहिए।
कुछ संभावित रोगों के लिए अतिरिक्त नैदानिक परीक्षणों (diagnostic tests) की भी आवश्यकता हो सकती है। इसमें मधुमेह मेलिटस के लिए परीक्षण, दांतों और जबड़े की हड्डियों के लिए एक्स-रे, रक्त परीक्षण आदि शामिल हैं।
ब्लीडिंग गम का प्रबंधन - Management of bleeding gum
यदि आप ठीक से और नियमित रूप से ब्रश व फ्लॉस (दांत साफ़ करने वाले धागे से सफ़ाई) नहीं करते हैं, तो ऐसा करें।
प्लाक सख्त होकर टार्टर या कैल्क्यूलस के रूप में गठित हो जाता है, जो आगे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देती है। यदि टैटार उपस्थित है, तो इसे दंत चिकित्सक द्वारा हटाया जाता है। जितनी जल्दी इसका पता लगाया जाएगा, उतनी ही जल्दी इसे प्रबंधित किया जा सकता है।
मधुमेह जैसी स्वास्थ्य स्थितियां अक्सर मसूड़ों के रोग से भी जुड़ी होती हैं। कुछ दवाएं जैसे कि एंटीसीज़र ड्रग्स या रक्तचाप की दवाएं भी आपके मसूड़ों को प्रभावित करती हैं। मसूड़े हार्मोनल परिवर्तनों के प्रति भी अधिक संवेदनशील होते हैं, जो कि प्यूबर्टी (यौवनावस्था) और गर्भावस्था के दौरान होते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए अपने दंत चिकित्सक को दिखाना महत्वपूर्ण है।
रोकथाम का हिस्सा होने के अलावा, मसूड़े की सूजन और पीरियोडोंटाइटिस के उपचार में मुख स्वच्छता (मुंह की सफ़ाई) भी महत्वपूर्ण है।
एस. के. राणा March 07 2025 0 51393
एस. के. राणा March 06 2025 0 51171
एस. के. राणा March 08 2025 0 49173
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 42291
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 34410
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 33411
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 32523
सौंदर्या राय May 06 2023 0 84903
सौंदर्या राय March 09 2023 0 89186
सौंदर्या राय March 03 2023 0 89649
admin January 04 2023 0 90144
सौंदर्या राय December 27 2022 0 79416
सौंदर्या राय December 08 2022 0 68875
आयशा खातून December 05 2022 0 122877
लेख विभाग November 15 2022 0 92797
श्वेता सिंह November 10 2022 0 112833
श्वेता सिंह November 07 2022 0 91121
लेख विभाग October 23 2022 0 76013
लेख विभाग October 24 2022 0 78341
लेख विभाग October 22 2022 0 85284
श्वेता सिंह October 15 2022 0 91116
श्वेता सिंह October 16 2022 0 85679
शिविर 14 जून तक चलेगा और कार्यक्रम के समापन पर सहारा हॉस्पिटल में पहले से रक्तदान कर रहे लोगों को स
कैंसर सर्वाइवर्स को ठीक होने के बाद चिंता या अवसाद का सामना करना पड़ता है। कैंसर में देखभाल सिर्फ इल
अपोलो प्रबंधन ने 12 डॉक्टर को जिला चिकित्सालय में सेवा देने नियुक्त किया है। जिसके बाद जल्द ही जिला
रिपोर्ट में कहा गया कि 10 में से 1 भारतीय अपने जीवनकाल में कैंसर का शिकार होगा और हर 15 में से एक भा
वर्तमान में लारी की ओपीडी में रोजाना 500 से 700 मरीज आ रहे हैं। इमरजेंसी में 70 से 80 मरीज प्रतिदिन
देश में 3,403 और लोगों की वायरस के संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,63,079 हो गई। उपचाराधीन
उत्तर प्रदेश सरकार ने दो अगस्त सोमवार को कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों (माध्यमिक
डॉ आलोक गुप्ता, आंकोलॉजिस्ट ने लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करते हुए बहुमूल्य जानकारियां दी और कहा
अगर आप कोरोना संक्रमित थे और आपकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है फिर भी लक्षण बने हुए हैं तो सावधान हो जाना
वैसे तो स्लिम बॉडी और पतला होने की दवा की, बाजार में भरमार है। लेकिन यह काफी हद तक हमारे शरीर को नुक
COMMENTS