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एम.डी.आर. टीबी के इलाज में वरदान बन रहीं सरकारी योजनाएं| 

टीबी से ग्रसित मरीज़ों द्वारा टीबी की दवा का पूरा कोर्स नहीं करने के कारण एमडीआर टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है।

हे.जा.स.
February 14 2021
0 62902
एम.डी.आर. टीबी के इलाज में वरदान बन रहीं सरकारी योजनाएं| 

फर्रुखाबाद| मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के इलाज को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये गए हैं। पहले एमडीआर टीबी से पीड़ित मरीजों को 24 महीने तक दवा खानी पड़ती थी। अब ऐसे मरीजों को सिर्फ़ 9 से 11 महीने तक ही दवा खानी पड़ रही है । इसकी उपलब्धता केवल सरकारी डी.आर. (ड्रग रेजिस्टेंट ) टीबी सेंटर पर ही है यह किसी प्राइवेट अस्पताल या मेडिकल स्टोर में नहीं मिलती है |

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुनील मल्होत्रा ने बताया कि एमडीआर टीबी से पीड़ित मरीज़ों के इलाज के लिए सरकार द्वारा दवा मुफ़्त मे दी जाती है। उन्होने बताया कि विभाग द्वारा तय किए मापदण्डों के हिसाब से एमडीआर रोगी को दवा की कुल 188 गोलियां खिलायी जाती हैं| ऐसे एमडीआर मरीज़ जिनके ऊपर अन्य किसी दवा का असर नहीं हो रहा हो उसे राजकीय मेडिकल कालेज तिर्वा में 14 दिन के लिए भर्ती किया जाता है | जहाँ उसे 56 गोलियां (4 गोली प्रतिदिन के हिसाब से ) खिलाईं जाती हैं, शेष 132 गोली मरीज को घर से खाने के लिए दी जाती हैं |

उन्होने बताया कि किसी प्राइवेट अस्पताल या मेडिकल स्टोर में इस दवा की उपलब्धता न होने के कारण इसकी क़ीमत का आकलन विदेशों में दी जा रही इस दवा के अनुसार ही किया जा सकता है। इस आकलन के अनुसार एमडीआर टीबी मरीज़ को दवा के कोर्स से ठीक करने में लगभग 9 से 10 लाख रुपये का खर्च सरकार द्वारा किया जा रहा है |साथ ही कहा कि जिले में सिविल अस्पताल लिंजीगंज, सीएचसी कायमगंज, राजेपुर, कमालगंज, मोहम्दाबाद, और राजेपुर में ट्रू नेट मशीन लग चुकी हैं जिनके द्वारा टीबी के मरीजों की जाँच के साथ साथ एम.डी.आर. टीबी के मरीजों की भी खोज की जाती है | 

क्षय रोग विभाग से जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि जनपद में जनवरी 2020 से दिसम्बर 2020 तक लगभग 55 मरीज एमडीआर के खोजे गए थे जिसमें से अब तक 9 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं | वहीँ जनवरी 2021 से अब तक 17 मरीज एमडीआर के और मिल गए हैं जिनका इलाज चल रहा है |

टीबी से ग्रसित मरीज़ों द्वारा टीबी की दवा का पूरा कोर्स नहीं करने के कारण एमडीआर टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। अनियमित दवा का सेवन करना, बिना चिकित्सीय परामर्श के दवा दुकानों से टीबी की दवा लेना एवं टीबी की दवा खाने से पहले ड्रग सेंसटिविटी जाँच नहीं होने से भी एमडीआर टीबी होने का ख़तरा बढ़ जाता है। टीबी का सम्पूर्ण एवं सटीक इलाज स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध है एवं सीबीनाट जैसे नवीन उपकरणों के सहायता से सरकारी क्षय रोग विभाग टीबी के खिलाफ़ मजबूती से लड़ने के लिए सक्षम है |

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