लखनऊ। प्रदेश की मेडिकल फैकल्टी में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के रिक्त पद तथा प्रशासनिक अधिकारियों की प्रोन्नति का मामला सुलझने में नहीं आ रहा है। हालाँकि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इस मामले में हस्तक्षेप कर चुके है लेकिन डॉक्टर्स के ट्रांसफर्स की तरह यह मामला भी अभी तक उलझा हुआ है।
यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी (UP State Medical Faculty) में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (Chief Administrative Officer) के रिक्त पद तथा प्रशासनिक अधिकारियों की प्रोन्नति का मामला जुलाई अंत में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पास पहुंचा था। उन्होंने संयुक्त सचिव को निर्देश देते हुए शीघ्र ही निस्तारण का आदेश दिया था।
इसके बाद 1 अगस्त को संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने स्टेट मेडिकल फैकल्टी के अध्यक्ष और सचिव को पत्र लिखकर कार्यवाही (promotion of administrative officers) शुरू करने के निर्देश दिए थे लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसको लेकर एसोसिएशन ने फिर से उपमुख्यमंत्री (Deputy CM Brajesh Pathak) को पत्र लिखा है।
उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी कर्मचारी एसोसिएशन (UP state Medical Faculty Employees Association) के अध्यक्ष उमेश चंद्र पांडेय ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के हस्तक्षेप करने के बावजूद मामले का हल नहीं निकला है। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी का पद 2020 से खाली हैं और प्रोन्नति नहीं होने से प्रशासनिक अधिकारी मानसिक तनाव में हैं। कार्यवाही ना होते देख एक बार फिर पत्र लिखा गया है।
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