लखनऊ। विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के सभागार में प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश पार्थ सारथी सेन शर्मा ने समस्त जिला महिला चिकित्सालयों में महिलाओं में प्राथमिक स्तन कैंसर (pre cancer legion) और सर्वाइकल कैंसर की जांच, संदर्भन और उपचार की दिशा में सुदृढ़ कदम उठाते हुए आई-ब्रेस्ट मशीन और थर्मल अब्लेशन डिवाइस को विभिन्न जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और केजीएमयू (KGMU), लखनऊ के माध्यम से कुशल प्रशिक्षित चिकित्सा टीमों को वितरित किया।
इस मौके पर प्रमुख सचिव ने कहा कि आज कल स्तन और सर्वाइकल कैंसर (breast and cervical cancer) महिलाओं में अधिक पाया जा रहा है। इनका समय से चिन्हीकरण कर उपचार पूर्णतः संभव है। प्रदेश में इन दोनों प्रकार के कैंसर की जांच (investigation), संदर्भन और उपचार (treatment) की दिशा में आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनीशिएटिव (Clinton Health Access Initiative) और इण्डिया टर्न्स पिंक (India Turns Pink) के साथ किये गए समझौतों से प्राप्त मशीनों से जिला महिला चिकित्सालयों में कार्यरत प्रशिक्षित चिकित्सकों और तकनीकी स्टाफ को प्रदान की जाने वाले प्रशिक्षण से कैंसर को मात देने में सफलता मिलेगी।
इस मौके पर अपर मिशन निदेशक डा. हीरा लाल ने बताया कि क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनीसिएटिव और इण्डिया टर्न्स पिंक से शुरूआती दौर में 85 थर्मल एब्लेशन व 160 आई-ब्रेस्ट डिवाइस के लिए अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया है।
जिला महिला चिकित्सालयों में आई-ब्रेस्ट व थर्मल एबलेशन डिवाइस (thermal ablation device) के संचालन के लिए के.जी.एम.यू. द्वारा प्रदेश के 18 मण्डलों में 30 महिला प्रसूति चिकित्सकों की प्रशिक्षित किया जा चुका है और शेष महिला प्रसूता चिकित्सकों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। यदि प्रारम्भिक अवस्था में ही कैंसर का पता चल जाये तो स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर से समय रहते बचाया जा सकता है। इन प्रयासों से बचाव ही उपचार है की परिकल्पना को साकार करते हुए प्रदेश को ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर मुक्त बनाया जा सकता है।
डा. लक्ष्मण सिंह, महाप्रबंधक, राष्ट्रीय कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) उत्तर प्रदेश ने कहा कि जागरूकता के अभाव में प्रतिवर्ष लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं ‘‘कैंसर‘‘ जैसे असाध्य रोग से ग्रसित हो रही हैं, जिनमें से लगभग 28 प्रतिशत स्तन कैंसर और लगभग 17 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर का शिकार हो जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) द्वारा महिलाओं में जागरूकता फैलाकर लक्षणों के आधार पर शीघ्र जांच कराने का अभियान चलाते हुए प्रारम्भिक अवस्था में ही चिन्हीकृत करते हुए उपचार उपलब्ध कराया जा सकता है।
प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना से भी इसका उपचार आच्छादित होगा। डिजिटल भारत के उद्देश्यों को परिलक्षित करते हुए प्रत्येक लक्षण युक्त एवं रोग ग्रसित महिला लाभार्थियों की आभा आईडी तैयार की जायेगी। इस नई व्यवस्था की सूचना प्रदेश के ई-कवच पोर्टल पर भी देखा जा सकेगा।
प्रदेश कैंसर की ससमय स्क्रींनिग एवं उपचार हेतु प्रतिबद्व है। कैंसर दिवस पर आज पांच जनपदों में क्रमशः लखनऊ, कानपुर नगर, गोण्डा, गोरखपुर एवं प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं प्रशिक्षित चिकित्सकों को सर्वाइकल कैंसर के उपचार हेतु उपकरण वितरित किये गये। प्रदेश के 18 जनपदों में चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। मार्च के अन्त तक प्रदेश के समस्त जनपदों के आपेक्षित महिला प्रसूता चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर दिया जायेगा।
क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनीसिएटिव के प्रतिनिधि कर्नल डा. गौरव भाटिया ने बताया कि प्रतिवर्ष भारत में लगभग 1.25 लाख सर्वाइकल कैंसर के नये मरीज जुड़ जाते हैं। इनमें अधिकतर मामलों में समय रहते रोग का चिन्हीकरण न होने की दशा में कैंसर रोग जटिल हो जाने के कारण प्रति वर्ष लगभग 78 हजार महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
थर्मल एबलेशन डिवाइस की मदद से सर्वाइकल कैंसर को प्रारम्भिक अवस्था में चिन्हित कर लिया जाता है। इस प्रकार प्रारम्भिक दौर में कैंसर के चिन्हित हो जाने पर सही समय पर उपचार मिल जाने से रोगियों की जान बचायी जा सकेगी जिससे महिला अपना स्वस्थ्य जीवन जी सके एवं समाज में महिला स्वास्थ्य सशक्तीकरण की परिकल्पना पूरी हो सकेगी। प्रदेश में कैंसर स्क्रीनिंग के अधिक भार वाले जनपदों हेतु 10 अतिरिक्त थर्मल एबलेशन डिवाइस दिया जायेगा।
इण्डिया टर्न्स पिंक के प्रतिनिधि पीए आनंद कुमार ने बताया कि उनकी संस्था 160 आई-ब्रेस्ट मशीनें प्रदेश सरकार को प्रदान कर रही है, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग के स्तर से वितरित किया जा रहा है। प्रदेश में महिला प्रसूता चिकित्सकों और तकनीकी स्टाफ को इस उपकरण के बेहतर प्रयोग किये जाने हेतु इण्डिया टर्न्स पिंक संस्था द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जिसके फलस्वरूप प्रदेश में भारत सरकार की निर्धारित अवधि वर्ष 2030 तक स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर की समाप्ति की ओर कदम बढाया जा सके।
राज्य स्तरीय गोष्ठी में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ ने उक्त उपकरणों के सम्बन्ध में ज्ञानार्जन किया। कार्यशाला का समापन उपमहाप्रबंधक, राष्ट्रीय कार्यक्रम, डा. नीतू शुक्ला द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के माध्यम से हुआ।
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