देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

आयुर्वेद में औषधीय वृक्षों की सेहत का भी ध्यान रखना आवश्यक : डॉ. अद्वेष

गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह का सातवां दिन, श्रेष्ठ गुणों वाली औषधियां प्राप्त करने को वृक्षार्युवेद का अध्ययन जरूरी।

आनंद सिंह
April 05 2022 Updated: April 05 2022 23:31
0 21081
आयुर्वेद में औषधीय वृक्षों की सेहत का भी ध्यान रखना आवश्यक : डॉ. अद्वेष गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में आयोजित दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह के सातवें दिन ऑनलाइन व्याख्यान देते डॉ. अद्वेष।

गोरखपुर। इसमें किसी को भी भ्रांति नहीं होनी चाहिए कि आयुर्वेद न केवल प्राचीनतम बल्कि आरोग्यता प्रदान करने वाली हानिरहित व श्रेष्ठतम भारतीय चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद एक विशद क्षेत्र है जिसमें हम औषधियां प्रदान करने वाले पादपों व वृक्षों की सेहत का भी पूरा ध्यान रखते हैं। श्रेष्ठ गुणों वाली औषधियों को प्राप्त करने के लिए पादप के विकास हेतु भूमि चयन से लेकर बीजोत्पत्ति व पोषण पर वैज्ञानिक विधि से विश्लेषण करना होता है।

ये बातें केएलई कॉलेज ऑफ आयुर्वेद, बेलगावी, कर्नाटक में द्रव्यगुण विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अद्वेष बी. होलेयाधे ने कही। वह मंगलवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम की संस्था गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में बीएएमएस प्रथम वर्ष के दीक्षा पाठ्यचर्या (ट्रांजिशनल करिकुलम) समारोह के सातवें दिन "वृक्षार्युवेद एवं मृगायुर्वेद" विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान दे रहे थे। डॉ. अद्वेष ने कहा कि सही मायने में वृक्षार्युवेद वृक्षों को रोगग्रस्त होने से बचाने का उपाय है।

वृक्षार्युवेद के अध्ययन से पादपों को रोगमुक्त करने के साथ ही उनसे प्राप्त फसल के आकार व उनके गुणों में भी अभिवृद्धि संभव है। इस संबंध में तमाम पादपों पर सफल शोध किया जा चुका है। वृक्षायुर्वेद इस पक्ष को मानता है कि मानव शरीर की भांति पेड़-पौधों में भी वात, पित्त और कफ के लक्षण होते हैं और इनमें गड़बड़ होने पर वनस्पतियां बीमार हो जाती हैं। उन्होंने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को वृक्षार्युवेद के पाठ्यक्रम से भी रूबरू कराया।

इसी क्रम में "वदतु संस्कृतम" के सत्र में डॉ. शिवानंद यादव ने आयुर्वेद के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसके व्याकरण पक्ष की विस्तार से जानकारी दी। गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रचना विभाग के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) गणेश पाटिल ने अपने व्याख्यान में 'मेडिकल एथिक्स' के बारे में बताया। एक अन्य सत्र में राहुल श्रीवास्तव ने कंप्यूटर स्किल्स की जानकारी दी।

संस्था के कुशल व सफल संचालन को छात्रों व शिक्षकों में सामंजस्य अनिवार्य : डॉ. राव

दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह में मंगलवार के पहले सत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने "आपकी संस्था-हमारी संस्था" विषय पर छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि केवल छात्र या केवल शिक्षक किसी संस्था को नहीं चला सकते। कुशल व सफल संचालन के लिए छात्रों व शिक्षकों में परस्पर सहयोग व सामंजस्य होना चाहिए। हमें मिल जुलकर इस संस्था को उन मानकों तक ले जाना है जिससे यह अन्य संस्थाओं के लिए रोल मॉडल बन सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आप अपनी निजी वस्तुओं को संभालकर रखते हैं उसी प्रकार इस संस्था को उच्च मानकों पर सहेजने की भी जिम्मेदारी आपकी ही है।

डॉ राव ने कहा कि हर संस्था का एक निश्चित उद्देश्य होता है और हमारी संस्था का उद्देश्य है भारतीयता के आवरण में विविधतापूर्ण शिक्षा के अद्यानुतन स्वरूप से राष्ट्र व समाज की सेवा। कार्यक्रमों में गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. पी. सुरेश, प्रो. (डॉ) एसएन सिंह, एसोसिएट प्रो. डॉ. सुमिथ कुमार एम, एसोसिएट प्रो. डॉ प्रज्ञा सिंह, एसोसिएट प्रो. डॉ. पीयूष वर्सा, एसोसिएट प्रो. डॉ. दीपू मनोहर, असिस्टेंट प्रो. डॉ. प्रिया नायर आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

मासिक धर्म से पहले महिलाएं क्यों हो जाती हैं उदास, जानिए इससे बचाव के उपाय

श्वेता सिंह September 15 2022 22876

मासिक धर्म से पहले शारीरिक परेशानियों के बारे में तो महिलाएं जानती हैं लेकिन उससे जुड़े मानसिक बदलाव

स्वास्थ्य

कोविड़ संक्रमण के बाद हो सकती है थकान, सांस लेने में कठिनाई, स्वाद में कमी, सीन में दर्द जैसी समस्या।

लेख विभाग October 16 2021 19823

एक चौथाई से अधिक रोगियों को सांस लेने में कठिनाई होती थी। सीने में दर्द और धड़कन भी आम तौर पर रिपोर्

उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित, योजनाओं का लाभ उठाएं, गर्भावस्था को सुरक्षित बनाएं

हुज़ैफ़ा अबरार February 12 2022 37839

पहली बार गर्भवती होने पर तीन किश्तों में 5000 रूपये दिए जाते हैं।सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पर

उत्तर प्रदेश

विश्व टी.बी. दिवस पर रेस्पिरेटरी मेडिसिन, केजीएमयू ने जनमानस को टी.बी. के प्रति किया जागरूक

हुज़ैफ़ा अबरार March 25 2022 20632

हर साल 24 मार्च को हम विश्व टी.बी. दिवस के रूप में मनाते हैं। इस साल ‘विश्व टीबी दिवस 2022’ की थीम ‘

उत्तर प्रदेश

52 फीसदी लोगों ने झेला दवाओं का साइड इफेक्ट: सर्वे

आरती तिवारी September 07 2023 24420

लोकल सर्कल्स ने दवाओं के इफेक्ट लेकर एक सर्वे किया, जिसके नतीजे परेशान करने वाले होला को सर्कल्स ने

उत्तर प्रदेश

महिला-पुरुष दोनों को होती हैं यूरोलॉजी समस्याएं: डा. राजीव कुमार  

हुज़ैफ़ा अबरार July 24 2023 75924

डॉक्टर ने बताया कि महिलाओं को यूरोलॉजिकल समस्याएं होती हैं, जैसे-प्रसव के बाद मूत्र पर नियंत्रण नहीं

रिसर्च

Maternal hypertensive disorder of pregnancy and mortality in offspring from birth to young adulthood: national population based cohort study

British Medical Journal October 19 2022 21938

Maternal HDP, particularly eclampsia and severe pre-eclampsia, is associated with increased risks of

उत्तर प्रदेश

अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में रखिये

हुज़ैफ़ा अबरार June 08 2022 24966

एबीडीएम के साथ ई-संजीवनी का एकीकरण एक ऐसा उदाहरण है जहां यूपी के दो करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट

उत्तर प्रदेश

सहारा हास्पिटल में दो दिवसीय आईवीएफ शिविर सम्पन्न  

हुज़ैफ़ा अबरार February 18 2023 35866

मरीजों का इलाज गोपनीयता की सुरक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाता है। आईवीएफ विशेषज्ञ डा. ग

स्वास्थ्य

महिलाओं को थायरॉइड की समस्या ज्यादा होती है: डॉ. रघु

लेख विभाग March 02 2022 25468

यदि किसी व्यक्ति को पाचन में परेशानी होती है, अकारण थकावट होती है, मांसपेशियों की कसावट कम होने लगती

Login Panel