देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

पीरियड के दौरान पेनकिलर का सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के नही करें।

बहुत सारी महिलाये अपने जीवन में पीरियड के दौरान दर्द का अनुभव करती है। यह दर्द पेट के निचले हिस्से में ऐंठन के साथ जुड़ी हल्की बेचैनी से लेकर गंभीर कष्टदायी दर्द तक हो सकता है, इस दर्द की तीव्रता में अलग अलग हो सकती है।

लेख विभाग
November 29 2021 Updated: November 30 2021 22:15
0 27313
पीरियड के दौरान पेनकिलर का सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के नही करें। प्रतीकात्मक

डॉ आरती सिंह, 
सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट (Senior Gynaecologist),
रीजेंसी हॉस्पिटल, कानपुर (Regency Hospital, Kanpur)

बहुत सारी महिलाये अपने जीवन में पीरियड के दौरान दर्द का अनुभव करती है। यह दर्द पेट के निचले हिस्से (lower abdomen) में ऐंठन के साथ जुड़ी हल्की बेचैनी से लेकर गंभीर कष्टदायी दर्द तक हो सकता है, इस दर्द की तीव्रता (intensity of pain) में अलग अलग हो सकती है। इस समस्या को 'कष्टार्तव' के रूप में जाना जाता है। पांच में से एक महिला हार्ट अटैक के दर्द की तरह पीड़ा होने की शिकायत करती है। टीनएज (teenage) और युवा लड़कियों (young girls) में पीरियड के दौरान गंभीर ऐंठन होना आम बात है। अक्सर इनकी वजह से रोजमर्रा के काम प्रभावित होते है। यहां तक कि पीड़ित महिला नियमित गतिविधियों को भी नहीं कर पाती है। इसका नतीजा यह होता है कि महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के ही पीरियड्स के दर्द (menstrual pain) से छुटकारा पाने के लिए पेन किलर (pain killer) खाने लगती है। 

पेन किलर की हल्की खुराक एंटी-स्पास्मोडिक (anti-spasmodic) के साथ मिलकर मासिक धर्म में ऐंठन को कम करने में मदद कर सकती है और इसका सेवन करना सुरक्षित है। पहले दो दिनों के लिए पेन किलर की दो खुराक से कोई दिक्कत नहीं होती है और आमतौर पर पेन किलर की दो ख़ुराक दर्द से राहत प्रदान करने के लिए पर्याप्त होती है। हालांकि दो से ज्यादा खुराक लेने वाली महिला को डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। जिस तरह हर दूसरी दवा का अधिक मात्रा में सेवन करने पर साइड इफेक्ट (side effect) होता है, उसी तरह पेन किलर का भी साइड इफेक्ट होता है। एस्पिरिन (aspirin), इबुप्रोफेन(ibuprofen), पैरासिटामोल (paracetamol) आदि के लंबे समय तक और गलत उपयोग से दर्द का लॉन्गटर्म साइड इफेक्ट भी हो सकता है।

पेन किलर के कुछ साइड इफेक्ट निम्न है:

  • पेट में जलन, पेट दर्द, एसिडिटी, डायरिया, जी मिचलाना, उल्टी जैसी गैस्ट्रिक समस्याएं पेन किलर लेने से हो सकती है। इनसे ज्यादा  गंभीर समस्याओं जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीड, पेट के अल्सर होने आदि को भी बढ़ावा देती है।
  • पेन किलर के ज्यादा उपयोग से एलर्जी होना दुर्लभ है लेकिन अगर एलर्जी होती है तो परिणाम गंभीर हो सकता है  जैसे कि चकत्ते, पित्ती, खुजली, लाल सूजे हुए छाले या त्वचा का छिलना, बुखार, घरघराहट, चेहरे, होंठ या जीभ की सूजन आदि।
  • छाती में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, निगलने या बात करने में परेशानी, आवाज अजीब से निकलना
  • दिल की धड़कन अनियमित होना
  • चक्कर आना, थकान, उनींदापन, सिरदर्द
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर (Bleednig Disorder)
  • लीवर डैमेज- पीलिया, गहरे रंग का पेशाब, पेशाब की मात्रा में कमी, थकान, पेट खराब, हल्के रंग का मल, उल्टी आदि।
  • ज्यादा पेन किलर का सेवन डिप्रेशन बढ़ा सकता है, अल्जाइमर बीमारी को बढ़ावा दे सकता है।
  • किडनी डैमेज और किडनी फेल- पेन किलर दवाओं का बहुत ज्यादा प्रयोग किडनी फेल होने की सम्भावना को बढ़ा सकता है।

पेन किलर शरीर के विभिन्न ऑर्गन सिस्टम को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाने के अलावा कुछ लोगों में लत का कारण भी बन सकता है क्योंकि वे तत्काल राहत पाने के आदी हो जाते हैं, इस प्रकार पेन किलर का बुद्धिमानी से सेवन करना कठिन हो जाता है।

पेन किलर किसी भी अन्य दवा की तरह प्रोफेसनल कंसल्टेशन के बाद लेने पर बहुत फायदेमंद और प्रभावी होते हैं। वे तत्काल राहत प्रदान करते हैं और दर्दनाक ऐंठन से छुटकारा दिलाते हैं। पेन किलर दवाओं की एक न्यूनतम खुराक ज्यादातर दर्द को कम करने के लिए पर्याप्त से ज्यादा होती है। हालांकि अगर किसी महिला  को विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान दर्द निवारक दवाओं की ज्यादा खुराक की जरुरत होती है, तो यह रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट (प्रजनन पथ) की अंतर्निहित समस्याओं का संकेत हो सकता है, और इसके लिए उचित कंसल्टेशन की जरुरत होती है। स्त्री रोग संबंधी समस्याएं जैसे: एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉएड, एडिनोमायोसिस, डिम्बग्रंथि पुटी, प्रजनन अंग के संक्रमण, यहां तक कि गर्भधारण आदि भी गंभीर पेट दर्द का कारण बन सकते हैं। किसी भी पीरियड के दर्द/ऐंठन में ज्यादा पेन किलर की जरुरत हो तो उसकी जांच की जानी चाहिए।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

जानिए क्यों मनाया जाता है 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे'

आरती तिवारी October 12 2022 32082

आर्थराइटिस के शिकार लोगों के लिए चलना, दौड़ना और सीढ़ियां चढ़ना काफी कष्टकारक होता है। वैसे तो आर्थर

उत्तर प्रदेश

अब आनुवंशिक बीमारियों की जांच रिपोर्ट सस्ती और 48 घंटे में ही मिलेगी

रंजीव ठाकुर September 20 2022 20619

बीएचयू के साइंटिस्ट्स ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे थैलासीमिया, हिमोफीलिया जैसी बीमारियों का परीक्

उत्तर प्रदेश

माल और गोसाईंगंज सीएचसी पर आयुष्मान भारत ब्लॉक स्वास्थ्य मेले का आयोजन

रंजीव ठाकुर April 21 2022 21154

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत गोसाईंगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र( सीएचसी) और माल सीएचसी पर बुधवार क

राष्ट्रीय

श्री बालाजी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया 1,126 लोगों का इलाज

विशेष संवाददाता February 28 2023 23434

गढफुलझर के अटल समरसता भवन में नीलांचल सेवा समिति के तत्वावधान में श्री बालाजी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिट

राष्ट्रीय

कोरोना मुक्त हुआ उत्तराखंड, स्वास्थ्य मंत्री ने जताई खुशी

विशेष संवाददाता February 25 2023 21525

प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च 2020 को मिला था। इसके बाद से प्रदेश में संक्रमण का

रिसर्च

Effectiveness of an intervention for reducing sitting time and improving health in office workers: three arm cluster randomised controlled trial

British Medical Journal January 16 2023 18793

Both SWAL and SWAL plus desk were associated with a reduction in sitting time, although the addition

अंतर्राष्ट्रीय

यूरोप में कम हुआ कोविड महामारी का प्रकोप, प्रतिबंधों से मिल रही छूट

हे.जा.स. February 04 2022 21845

संक्रमण की भयावहता से जूझ रहे यूरोप में अब हालात सुधरने लगे हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी दावा किया है कि क

राष्ट्रीय

सिविल अस्पताल नादौन में चिकित्सकों की कमी से मरीज परेशान

विशेष संवाददाता April 29 2023 22929

सिविल अस्पताल में चर्म रोग विभाग में केवल ही एक विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत है। जिसके सहारे पूरा अस्पताल

स्वास्थ्य

कैविटी की समस्या से इस तरह पाएं निजात

लेख विभाग November 14 2022 24568

कैवेटी की समस्या तब होती है जब सही तरीके से ब्रश न किया जाए या खाने के बाद कुल्ला न करने से खाना दा

अंतर्राष्ट्रीय

क्या टीबी भी कोरोना वायरस जितना ही संक्रामक है ?

लेख विभाग March 19 2021 25068

डब्ल्यूएचओ सभी को टीबी से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति व मदद का भाव रखने के साथ ही, बीमारी को समझ

Login Panel