हमारे दांतों का संबंध स्वास्थ्य से भी है और सौंदर्य से भी। दांत साफ, सुन्दर और मजबूत बने रहें तो चेहरा सुन्दर दिखाई देता है और शरीर भी स्वास्थ और मजबूत बना रहता है, क्योंकि हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे दांतों से चबाते हैं और जितनी अच्छी तरह चबाते हैं, उतना ही हाजमा दुरुस्त रहता है। हाजमा सही और अच्छा बना रहे, इसके लिए खूब अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना जरूरी होता है। यह काम मजबूत दांत ही कर सकते हैं, आंतें नहीं कर सकतीं, इसलिए कहा गया है दांतों का आम आंतों से नहीं लेना चाहिए।
दांतों से सही काम लेकर ही आहार ठीक से पचा सकते हैं और शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बनाए रख सकते हैं। ऐसा तभी संभव हो सकता है, जब लंबे समय तक हमारे दांत न सिर्फ मौजूद ही रहें, बल्कि स्वस्थ, सुन्दर और मजबूत भी रहें। इसके लिए हमें दांतों की उचित देखभाल और संभाल करनी होगी, इनकी रक्षा करनी होगी। दंत रक्षा के कुछ उपयोगी उपाय उद्भुत कर यहां प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
* दिन में चार बार दांतों को साफ करना अनिवार्य समझें। (एक) सुबह उठने के बाद (दो) सुबह और (तीन) शाम को भोजन के बाद और (चार) रात को सोने से पहले।
* भोजन या कोई भी पदार्थ खाने के बाद गिन कर 11 बार जोरदार कुल्ले किया करें।
* अधिक गर्म या अधिक ठण्डे पदार्थों का सेवन न किया करें जैसे गर्म-गर्म चाय पीना या बहुत गर्म भोजन (चपाती व दाल शाक आदि) करना, फ्रीज का पानी या अन्य ठण्डे पेय पीना या आइसक्रीम खाना।
* कोई गर्म पेय या पदार्थ पी-खाकर तुरंत ठंडी चीज ठण्डे पेय का सेवन न करें।
* यदि आपकी बत्तीसी जमी हुई और परस्पर मिली हुई नहीं है यानी दांतों के बीच दरार या जगह हो तो इसमें खाई हुई चीज के टुकड़े या अन्नकण फंस सकते हैं। ऐसी सूरत में खाने के तुरंत बाद 'दांत कुतरनी' से दांतों में फंसे टुकड़े निकालकर बार-बार कुल्ले करें, ताकि कोई भी टुकड़ा फंसा हुआ न रह जाए।
* अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन 'सी' व 'डी' वाले पदार्थों का सेवन किया करें जैसे आंवला, नीबू, गाजर, मूली, बादाम, मूंगफली, पालक की भाजी, मख्खन, घी, गुड़, शहद, दूध, दही, छाछ, संतरा, कच्चा नारियल, केला और वर्षाकाल में मीठा आम।
* दांत सफेद व चमकीले बने रहें इसके लिए काले दन्तमंजन सुबह व शाम अवश्य प्रयोग किया करें, चाहे आप टूथ पेस्ट कोई सा भी प्रयोग करते हों। पहले काले दन्तमंजन से खूब दन्त मंजन करें, इसके बाद कुल्ले करके मन-पसंद टूथपेस्ट का प्रयोग करें।
* यदि मसूढ़ों से खून आता हो तो होशियार हो जाएं, क्योंकि यह पायरिया रोग की प्रारंभिक स्थिति होती है। ऐसी स्थिति में प्रतिदिन कभी भी एक बार दो चम्मच सरसों के तेल में आधा चम्मच पिसा हुआ सफेद नमक मिलाकर इसे लगभग आधा घंटे तक मुंह में रखकर इधर-उधर घुमाते रहें, बढ़ी हुई लार थूकते रहें। आधा घण्टे बाद सब थूक दें, कुल्ले न करें और थोड़ी-थो़ड़ी देर से लार थूकते रहें। था़ेडी देर बाद मुंह, खुद बखुद साफ हो जाता है।
* दिन में कभी भी एक बार 'पोटेशियम परमेग्नेट' का राई बराबर दाना एक गिलास पानी में डालकर घोल लें और इस पानी से खूब कुल्ले करें।
* मसूढ़ों पर सूजन हो, खुजली चले या दर्द हो तो केमिस्ट की दुकान से 'डेण्टोगम्स स्ट्रांग' नामक लाल रंग की दवा वाली शीशी लाकर इस लाल दवा को अंगुली से दिन में 2-3 बार मसूढ़ों पर लगाएं, फौरन आराम होता है।
* दिन में एक बार गुरुकुल कांगड़ी फार्मेसी का बना 'पायोकिल' पाउडर मसूढ़ों पर लगाकर 15-20 मिनट तक लार थूकते रहें, कुल्ला न करें।
* मंजन या पेस्ट करने के बाद और भोजन करने के बाद कुल्ले करते समय मसूढ़ों को, अंगुली से काफी देर तक घिसकर मसाज करना चाहिए। इससे मसूढ़े मजबूत और दांत स्वस्थ चमकदार होते हैं।
* मसूढ़ों के रोगी को प्याज, खटाई, लाल मिर्च और ज्यादा मीठे पदार्थों का सेवन बंद रखना चाहिए। कठोर पदार्थ चबाना, गन्ना चूसना, सुपारी चबाना, दातुन करना या ब्रश करना और तेज ठण्डे या गर्म पदार्थ का सेवन बंद रखना चाहिए।
* कब्ज नहीं होने देना चाहिए, देर तक भूखे रहना, देर से भोजन करना और दुर्गन्धयुक्त पदार्थों का सेवन करना बंद कर देना चाहिए।
* दोनों समय शौच अवश्य जाना चाहिए।
* कोई पदार्थ खाते-चबाते सो जाना ठीक नहीं, मुंह साफ करके सोना चाहिए।
* मिठाई, चाकलेट, टॉफी या शीतल पेय का अधिक सेवन नहीं करें। ऐसी कोई भी चीज खाने या पीने के तुरंत बाद पानी से कुल्ले कर लेना चाहिए।
* मुंह से दुर्गन्ध आती मालूम पड़े या मुंह का स्वाद खराब लगे तो तुरंत मंजन और कुल्ले कर लेना चाहिए।
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