लखनऊ। कोविड़ महामारी की शुरुआत में की गई लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी में 99.2 प्रतिशत मरीजों का सर्वाइवल दर हासिल कर मल्टी-स्पेशिएलिटी क्वाटर्नरी केयर रेला हॉस्पिटल ने विश्व स्तरीय मानदंड बनाया है। इसे दुनिया की सबसे बड़े समर्पित, लीवर की गहन देखभाल करने वाली इकाई में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। चेन्नई का रेला हॉस्पिटल बाल चिकित्सा और वयस्क लीवर ट्रांसप्लांट में क्लीनिकल नवीनीकरण का नेतृत्त्व करता है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (एनसीबीआईरिपोर्ट) की जानकारी के अनुसार, भारत में हर साल लीवर ट्रांसप्लांट के लगभग 1000 मामले होतें है। जिसका सर्वाइवल रेट 90 प्रतिशत है। महामारी की शुरुआत के बाद से, रेला हॉस्पिटल में 120 से अधिक लीवर ट्रांसप्लांट किए गए हैं, जिसमें उल्लेखनीय 99.2 प्रतिशत की सफलता दर प्राप्त हुई है। यह अभूतपूर्व सफलताअनुभवी सर्जनों और चिकित्सकों, लीवर विशिष्ट एनेस्थेटिस्ट, इंटेंसिविस्ट, नर्सिंग और सहायक कर्मचारियों के द्वारा किए गए टीम वर्क का परिणाम है। इस अस्पताल में दाताओं के लिए रोबोटिक्स और लैप्रोस्कोपी सर्जरी जैसी अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध हैं।
प्रोफेसर मोहम्मद रेला, अध्यक्ष -रेला हॉस्पिटल, ने कहा, “हम सही दिशा में है और हमें इन परिणामों पर गर्व है। विश्व स्तर पर, लीवर ट्रांसप्लांट की औसत दर लगभग 90 प्रतिशत है, इसकी तुलना में हमारा सर्वाइवल रेट बहुत अधिक है। यह बेहतर सर्वाइवल रेट हमारे रोगियों के लिए एक वरदान है। पूर्व में रोगी और रेफर करने वाले डॉक्टर दोनों परिणाम के बारे में आशंकित रहते थें। पिछले कुछ वर्षों में लीवर ट्रांसप्लांट के सर्वाइवल रेट में सुधार हुआ है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिवर ट्रांसप्लांट का पेरिऑपरेटिव सर्वाइवल अब 90 प्रतिशत पहुंच चुका है है। जबकि रेला हॉस्पिटल के मौजूदा मरीजों का सर्वाइवल रेट 99.2 प्रतिशत है जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
रेला हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. इलनकुमारन ने कहा “हमारा लीवर प्रोग्राम लगातार मजबूती हासिल कर रहा है और साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। रोगी तक पहुँच, नवीन उपचार और जटिल मामलों के लिए एक सक्रिय कार्य विधि हमारा अनुशासनात्मक देखभाल मॉडल है। लीवर ट्रांसप्लांट के मरीजों को हमारी टीम द्वारा उच्च स्तरीय गुणवत्ता परक देखभाल सफल का मुख्य कारक है।
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