देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

फेफड़ों को अपनी सेहत का केंद्र बनाएं।

डॉ. बीपी सिंह एमबीबीएस एमडी चेस्ट, डायरेक्टर मिडलैंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने कहा भारत में सीओपीडी के 55 मिलियन से ज्यादा मरीज हैं, इसलिए यह दुनिया की सीओपीडी कैपिटल बन गया है।

लेख विभाग
January 12 2021 Updated: February 14 2021 04:41
0 10709
फेफड़ों को अपनी सेहत का केंद्र बनाएं। डॉ. बी.पी.सिंह, डायरेक्टर- मिडलैंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

- डॉ. बी.पी.सिंह, एम.बी.बी.एस., एम.डी.- चेस्ट,
डायरेक्टर- मिडलैंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ (सीओपीडी) कोई एक बीमारी नहीं, बल्कि एक सामूहिक शब्द है, जो फेफड़ों की क्रोनिक बीमारियों के लिए इस्तेमाल होता है, जिनसे फेफड़ों में हवा के प्रवाह में रुकावट आती है। सीओपीडी के सबसे आम लक्षण सांस फूलना हैं या फिर ‘हवा की जरूरत’ या क्रोनिक खांसी हैं। सीओपीडी केवल ‘धूम्रपान करने वाले की खांसी’ नहीं, बल्कि फेफड़ों की अंडर-डायग्नोज़्ड, जानलेवा बीमारी है, जिसके बढ़ने से मौत भी हो सकती है। 2016 ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ अध्ययन के अनुसार, सीओपीडी के मामलों में भारत चीन के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है, लेकिन जब सीओपीडी से होने वाली मौतों की बात आती है, तो भारत चीन को पछाड़ पहले स्थान पर आ जाता है। शारीरिक संघर्ष, सांस फूलना, आस पास घूमने या आम दैनिक काम करने में परेशानी होने से आत्मसम्मान, गरिमा एवं जान जाने का डर जैसी भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं। जब दैनिक काम करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है, तो सीओपीडी मरीज की जिंदगी ऐसी ही हो जाती है। यह संघर्ष केवल सांस लेने का नहीं, बल्कि सीओपीडी के साथ एक सम्मानजनक जिंदगी जीने का भी हो जाता है। सीओपीडी के लक्षण गंभीर होने के साथ या फिर नए लक्षण विकसित होने से सीओपीडी फ्लेयरअप होने लगता है। फ्लेयरअप स्थिति का बिगड़ना या फिर फेफड़ों पर आघात है। यदि इसका इलाज न हो, तो सीओपीडी फ्लेयरअप के जानलेवा परिणाम हो सकते हैं।

डॉ. बीपी सिंह एमबीबीएस एमडी चेस्ट, डायरेक्टर मिडलैंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने कहा भारत में सीओपीडी के 55 मिलियन से ज्यादा मरीज हैं, इसलिए यह दुनिया की सीओपीडी कैपिटल बन गया है। उन्होंने कहा रिस्क फैक्टर्स जैसे धूम्रपान, औद्योगिक धुएं का एक्सपोज़र, चूल्हे के लंबे समय तक उपयोग से सीओपीडी की समस्या हो सकती है, जिसे लोग फेफड़ों के अटैक के रूप में जानते हैं। डॉ. बीपी सिंह एमबीबीएस एमडी चेस्ट डायरेक्टर मिडलैंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के अनुसार भारत में होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण होने के बावजूद आम जनता को सीओपीडी के बारे में बहुत कम जानकारी है। उन्होंने कहा ‘फेफड़ों के अटैक के बाद जब तक मरीज मेरे पास आता है, तब तक उसके फेफड़े बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो चुके होते हैं। समय पर निदान से न केवल बीमारी को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलती है, बल्कि मरीज एवं देखभाल करने वालों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। उन्होंने कहा ‘फेफड़ों का चेक-अप, जैसे बीपी एवं शुगर चेक हमारे देश की आम जनता को ध्यान में रखना चाहिए। हमारे जैसे विकासशील देश में प्रदूषण का स्तर ज्यादा है, इसलिए लोगों को रिक्स फैक्टर्स का एक्सपोज़र भी ज्यादा है, जिससे आगे चलकर फेफड़ों का अटैक हो सकता है। सीओपीडी में फेफड़ों की क्षमता एवं फेफड़ों का कार्य प्रभावित होता है। इसका निदान फेफड़ों के फंक्शन टेस्ट द्वारा होता है। फेफड़ों के फंक्शन टेस्ट का सबसे आम तरीका स्पाईरोमीट्री है। इसमें यह मापा जाता है कि आप स्पाईरोमीटर मशीन की मदद से अपने फेफड़ों से हवा को कितनी तेजी से और कितनी मात्रा में बाहर निकाल पाते हैं।

अनेक डॉक्टर मानते हैं कि स्पाईरोमीट्री सीओपीडी के निदान का गोल्ड स्टैंडर्ड है, लेकिन यह नियमित तौर पर नहीं किया जाता एवं निदान डॉक्टर के क्लिनिकल कौशल पर आधारित रहता है। लेकिन हमारी उम्मीदें केवल समय पर निदान करने पर ही नहीं टिकी रहतीं। फेफड़ों के अटैक की आवृत्ति इन्हेलर्स के नियमित उपयोग द्वारा कम की जा सकती है। डॉ. बीपी सिंह ने बताया, ‘‘इन्हेलर एवं इसका डिलीवरी सिस्टम रोज बढ़ते सीओपीडी मरीजों की संख्या को देखते हुए पिछले सालों में विकसित हुआ है। स्पेसर युक्त इन्हेलर या फिर नया प्रस्तुत किया गया ब्रेथ एक्चुएटेड इन्हेलर आवश्यक दवाई आवश्यक खुराक में सीधे फेफड़ों तक पहुंचा सकता है, हवा की नली को खोल सकता है और जलन को कम कर सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर अटैक की स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना होगा। लेकिन मौजूदा प्रगति के साथ बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए काफी कुछ किया जा सकता है। समय पर निदान, सही इलाज, इलाज का पालन एवं बीमारी का नियमित आंकलन फेफड़ों के अटैक को नियंत्रण में रखने के लिए बहुत आवश्यक हैं।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

व्यापार

सीरम इंस्टीट्यूट सितंबर से स्पुतनिक वैक्सीन का उत्पादन शुरू करेगा।

हे.जा.स. July 13 2021 12023

आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘एसआईआई के संयंत्रों में स्पुतनिक वैक्सीन के पहले बैच के सितंबर में तै

व्यापार

अगले 9 महीने में बंद हो सकती है बीमार सरकारी कंपनियां, जानिए क्या है सरकार का नया प्लान

अखण्ड प्रताप सिंह November 10 2020 9542

नीति आयोग ने सरकारी कंपनियों के विनिवेश के लिए कुछ शर्तें तय की हैं. इसके आधार पर सरकार ने 2016 से 3

राष्ट्रीय

केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 2.1 प्रतिशत हिस्सेदारी 

एस. के. राणा February 02 2023 8518

बजट की अपेक्षा में विशेषज्ञों को अनुमान था कि सरकार हेल्थ केयर सेक्टर (health care sector) पर खर्च क

अंतर्राष्ट्रीय

दहशत: कोरोना आतंक के बीच चीन में एवियन फ्लू का वायरस मिला इंसानी शरीर में

एस. के. राणा April 27 2022 12189

चीन में एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू) के एच3एन8 स्ट्रेन के इंसानी शरीर में मिलने के पहले मामले की पुष्टि की

सौंदर्य

घर पर ही पेडीक्योर करके पैरों को बनायें सुन्दर।

सौंदर्या राय October 29 2021 15147

पेडिक्योर कराने से आपके पैर खूबसूरत होने के साथ बहुत सुंदर और साफ, हेल्‍दी हो जाएगें। पेडिक्‍योर से

अंतर्राष्ट्रीय

एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोधक रोगजनक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए टीका जरुरी: डब्ल्यूएचओ

हे.जा.स. July 15 2022 7443

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध की मौन महामारी से निपटने के लिए ज्यादा वैक्सीन डेवलेप क

राष्ट्रीय

बाइकर्स के लिए उपलब्ध होगा एंटी पॉल्यूशन हेलमेट

विशेष संवाददाता August 26 2022 11319

Shellios Technolabs नाम के एक स्टार्टअप ने एंटी पॉल्यूशन हेलमेट बनाया है. इस हेलमेट का नाम PUROS है।

स्वास्थ्य

मॉनसून में बच्चों की सेहत का ऱखें खास ख्याल

लेख विभाग July 15 2023 15096

दाल में प्रोटीन होता है, ये मौसमी संक्रमण से बचाने और बच्चों की इम्यूनिटी में मददगार होती है।यहीं नह

राष्ट्रीय

महाराष्ट्र में बर्ल्ड फ्लू की आशंका, 25 हजार से ज्यादा मुर्गियों को मारने के आदेश

एस. के. राणा February 18 2022 6886

महाराष्ट्र के ठाणे में 100 मुर्गियों की अचानक मौत ने जिला प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी

उत्तर प्रदेश

प्रदेश में इन्फ्लूएंजा से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

आरती तिवारी March 11 2023 5710

सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सक अधीक्षक आरपी सिंह ने इन्फ्लूएंजा वायरस बचाव और रोकथाम को लेकर बताया

Login Panel