आगरा (लखनऊ ब्यूरो) । दाढ़ी मूंछ पुरुषों के चेहरे पर शोभा देती हैं, लोग दाढ़ी मूंछ को मर्दानगी की निशानी मानते हैं और कोमल बाल विहीन चेहरा औरतों के चेहरे को कोमलता प्रदान करता है। लेकिन अब युवतियां भी अब पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की चपेट में आ रही हैं। उनमें हार्मोन का संतुलन बिगड़ रहा है। जिसकी वजह से चेहरे पर अनचाहे बाल, मूंछ के बाल बढ़ जाना और माहवारी से संबंधित समस्याएं आ रही हैं।
इस सबकी मुख्य वजह वजन बढ़ना है। दिल्ली स्थित डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सुरूचि ने बताया कि चेहरे पर बहुत अधिक बाल होने की स्थिति को 'हाइपर ट्राइकोसिस' (Hyper Trichosis) कहते हैं। अगर आनुवांशिक वजहों के चलते चेहरे पर बाल हैं तो इसे 'जेनेटिक हाइपर ट्राइकोसिस' (genetic hypertrichosis) कहते हैं और अगर ये परेशानी हॉर्मोन्स के असंतुलन के चलते है तो इसे 'हरस्युटिज़्म' कहते हैं। इन सभी स्थितियों में इलाज एक ही समान तरीके से किया जाता है।
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की पीसीओएस विशेषज्ञ डॉ. रुचिका गर्ग ने बताया कि ओपीडी में पूर्व में एक हफ्ते में कम से कम चार मामले पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) के आते थे, अब प्रतिदिन 6-7 मामले आ रहे हैं। युवतियां माहवारी (menstruation) निर्धारित समय पर न आने की शिकायत लेकर पहुंच रही हैं। वजह पीसीओएस पाई जा रही है। कुछ को समय से पहले माहवारी हो रही है। पहले बांझपन की समस्या होने पर महिलाएं दिखाने पहुंचती तो उनमें पीसीओएस की समस्या पाई जाती थी।
डॉ. रुचिका ने बताया कि वजन बढ़ने से चमड़ी में मेल हार्मोन बढ़ जाता है। अनचाहे जगहों पर बाल आ जाते हैं। मूंछ का बाल बढ़ जाता है। चेहरे पर फोड़े व फुंसी निकलने लगते हैं। बार-बार गर्भपात होना, गर्भधारण में समस्या, थकावट रहना भी पीसीओएस के लक्षण हैं। इसकी वजह वजन बढ़ने के साथ पर्यावरण प्रदूषण, कीटनाशक का इस्तेमाल, फास्ट फूड का सेवन आदि भी है। लक्षण दिखने पर मरीजों को चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
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