देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

कोरोना ने एहसास कराया फेफड़ों की अहमियत : डॉ. सूर्यकान्त

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार सी.ओ.पी.डी. दुनिया भर में होने वाली बीमारियों से मौत का तीसरा प्रमुख कारण है।

लेख विभाग
November 17 2021 Updated: November 17 2021 22:09
0 30288
कोरोना ने एहसास कराया फेफड़ों की अहमियत : डॉ. सूर्यकान्त प्रतीकात्मक

- डॉ. सूर्यकान्त, 
विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग,
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय

क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) फेफड़े की एक प्रमुख बीमारी है, जिसे आम भाषा में क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस (Chronic Bronchitis) भी कहते हैं। प्रतिवर्ष नवम्बर के तीसरे बुधवार को विश्व सी.ओ.पी.डी. दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के सी.ओ.पी.डी. दिवस की थीम है- स्वस्थ फेफड़ेः कभी अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहे (Healthy lungs- Never more important) किन्तु इस कोरोना काल ने हमें हमारे एक जोड़ी फेफड़ों (Lungs) की अहमियत बता दी है। 

विश्व सी.ओ.पी.डी. दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (Global Initiative for Chronic Obstructive Lung Disease) द्वारा दुनिया भर में सांस रोग विशेषज्ञों और सी.ओ.पी.डी. रोगियों के सहयोग से किया जाता है। इसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, विचार साझा करना और दुनिया भर में सी.ओ.पी.डी. के बोझ को कम करने के तरीकों पर चर्चा करना है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार सी.ओ.पी.डी. दुनिया भर में होने वाली बीमारियों से मौत का तीसरा प्रमुख कारण है। वर्ष 2019 में विश्व में 32 लाख लोगों की मृत्यु इस बीमारी की वजह से हो गयी थी वही भारत में लगभग पांच लाख लोगों की मृत्यु हुयी थी। अगर हम विश्व की दस प्रमुख बीमारी की बात करें तो सन् 1990 में यह छठवीं मुख्य बीमारी थीं वही अब यह तीसरे नम्बर पर आ गयी है। 

धूम्रपान (SMOKING) सी.ओ.पी.डी. का प्रमुख जोखिम कारक है, किन्तु आज विश्व में बढ़ता हुआ वायु प्रदूषण (AIR POLLUTION) इसके मुख्य कारणों में से एक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा भोजन बनाने में उपयोग होने वाले उपले, लकड़ी, अंगीठी, मिट्टी के चूल्हे के द्वारा निकलने वाले धुएं से भी यह बीमारी हो सकती है। सर्दी का मौसम शुरू को चुका है। इस समय वायु प्रदूषण और बढ़ जाता है। इसके साथ ही सांस की बीमारियां, निमोनिया (PNEUMONIA) एवं क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस का प्रकोप बढ़ने लगा है। 

लक्षणः Symptoms
सी.ओ.पी.डी. की बीमारी में प्रारम्भ में सुबह के वक्त खांसी आती है, धीरे-धीरे यह खांसी बढ़ने लगती है और इसके साथ बलगम भी निकलने लगता है। सर्दी के मौसम में खासतौर पर यह तकलीफ बढ़ जाती है। बीमारी की तीव्रता बढ़ने के साथ ही रोगी की सांस फूलने लगती है और धीरे-धीरे रोगी सामान्य कार्य जैसे- नहाना, धोना, चलना-फिरना, बाथरूम जाना आदि में भी अपने को असमर्थ पाता है। 

परीक्षणः Tests
सामान्यतः प्रारंभिक अवस्था में एक्स-रे (XRAY) में फेफड़े में कोई खराबी नजर नहीं आती, लेकिन बाद में फेफड़े का आकार बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप दबाव बढ़ने से दिल लम्बा और पतले ट्यूब की तरह (TUBLER HEART) हो जाता है। इस रोग की सर्वश्रेष्ठ जांच स्पाइरोमेटरी (कम्प्यूटर के जरिये फेफड़े की कार्यक्षमता की जांच) या पी.एफ.टी. ही है। लेकिन वर्तमान कोविड काल में ये जांचें बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही की जाती हैं क्योंकि इनसे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। गंभीर रोगियों में ए.बी.जी. के जरिये रक्त में आक्सीजन (OXYGEN) और कार्बन डाईआक्साइड की जांच की जाती है। कुछ रोगियों में सी.टी. स्कैन की भी आवश्यकता पड़ती है।

उपचारः Treatment
सी.ओ.पी.डी. के उपचार में इन्हेलर चिकित्सा सर्वश्रेष्ठ है जिसे चिकित्सक की सलाह से नियमानुसार लिया जाना चाहिए। सर्दियों में दिक्कत बढ़ जाती है, इसलिये चिकित्सक की सलाह से दवा की डोज में परिवर्तन किया जा सकता हैं। खांसी व अन्य लक्षणों के होने पर चिकित्सक के सलाहनुसार संबधित दवाइयां ली जा सकती है। खांसी के साथ गाढ़ा या पीला बलगम आने पर चिकित्सक की सलाह से एन्टीबायोटिक्स (Antibiotics) ली जा सकती है। गम्भीर रोगियों में नेबुलाइजर, ऑक्सीजन व नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन (N.I.V.) का उपयोग भी किया जाता है। 

बचावः Prevention
सीओपीडी का सर्वश्रेष्ठ बचाव धूम्रपान को रोकना है, जो रोगी प्रारम्भ में ही धूम्रपान छोड़ देते हैं उनको अधिक लाभ होता है। इसके अतिरिक्त अगर रोगी धूल, धुआं या गर्दा के वातावरण में रहता है या कार्य करता है उसे शीघ्र ही अपना वातावरण बदल देना चाहिए या ऐसे कोम छोड़ देने चाहिए। ग्रामीण महिलाओ को लकड़ी, कोयला या गोबर के कंडे (उपले) के स्थान पर गैस के चूल्हे पर खाना बनाना चहिए। 

क्या करें : Do's
सर्दी से बचकर रहें। पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े पहनें। मास्क लगायें, सिर, गले और कान को खासतौर पर ढकें। सर्दी के कारण साबुन पानी से हाथ धोने की अच्छी आदत न छोड़े, यह कवायद आपको जुकाम, फ्लू तथा कोरोना की बीमारी से बचाकर रखती है। गुनगुने पानी से नहाएं। सांस के रोगी न सिर्फ सर्दी से बचाव रखें वरन नियमित रूप से चिकित्सक के सम्पर्क में रहें व उनकी सलाह से अपने इन्हेलर की डोज भी दुरूस्त कर लें। 

क्या न करें : Don'ts
सर्दी में सांस के मरीजों को मार्निंग वॉक नहीं करनी चाहिए। सुबह-सुबह ठन्डे पानी से न नहायें। सांस के रोगी अलाव के धुयें से बचें अन्यथा इससे उन्हें सांस का दौरा पड़ सकता है। खाने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धुलें, आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें। हाथ मिलाने से बचें।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

सौंदर्य

नियमित योग करके बढाईये अपनी ख़ूबसूरती को

सौंदर्या राय April 07 2022 31118

योग से आपकी स्किन में ग्लो आ जाती है। आप अपनी उम्र से छोटी दिखने लग जातीं है। हम कुछ ऐसे योगासनों के

उत्तर प्रदेश

सहारा हॉस्पिटल में तीमारदारों के लिए विश्रामालय की सुविधा शुरू

हुज़ैफ़ा अबरार June 29 2022 26273

हॉस्पिटल में तीमारदारों (मरीज के परिजनों) के ठहरने की पहले से व्यवस्था है। इस नये तरह के विश्रामालय

व्यापार

कैडिला हेल्थकेयर के शुद्ध लाभ में 41% की वृद्धि राजस्व 527 करोड़ रुपये बढा।

हे.जा.स. February 06 2021 33449

कंपनी ने दवा व्यवसाय में 21%, उपभोक्ता कल्याण व्यवसाय में  16% और वेटनरी दवाओं के व्यवसाय में 17% की

राष्ट्रीय

अल्कोहल की भाप से कोरोना के इलाज पर शोध।

हे.जा.स. July 06 2021 27212

अमेरिका में अल्कोहल की भाप को अंदर लेकर कोरोना के इलाज पर प्रयोग किए जा रहे हैं।अब तक के परीक्षण से

सौंदर्य

हेयर कंडीशनर लगाने का सही तरीका जान लें, वरना हो सकती है बड़ी समस्या

श्वेता सिंह September 27 2022 25854

एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हेयर कंडीशनर से हेयर फॉल की समस्या बिल्कुल भी नहीं होती

अंतर्राष्ट्रीय

चीन में कोरोना संक्रमण के चौथी लहर की दस्तक, कई शहरों में लगा लॉकडाउन 

हे.जा.स. March 16 2022 21249

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर चीन के कई शहरों में सख्‍त लॉकडाउन लगाया दिया गया है। लॉकडाउ

इंटरव्यू

लॉकडाउन के दौरान मेदांता हॉस्पिटल ने रखा कैंसर मरीज़ों का ख्याल।

रंजीव ठाकुर February 04 2021 50857

गुटका, तम्बाखू का सेवन और धूम्रपान बिलकुल मत करें । शराब के अत्याधिक सेवन भी कुछ कैंसर होतें हैं इसल

उत्तर प्रदेश

टेक महिन्द्रा ने विवेकानंद अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया

रंजीव ठाकुर July 08 2022 50212

यह संयंत्र, टेक महिन्द्रा द्वारा शुरू की गई कोविड-19 पहल के तहत स्थापित किया गया है। 30 एनएम 3 पर आव

उत्तर प्रदेश

कानपुर के जेके कैंसर संस्थान में ओरल कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी

श्वेता सिंह September 20 2022 22706

चिंताजनक बात है कि अब मुख कैंसर की चपेट में युवा तेजी से आ रहे हैं। जेके कैंसर संस्थान में तीन वर्ष

उत्तर प्रदेश

बलरामपुर में सात पैथोलॉजिस्ट तैनात

आरती तिवारी September 05 2023 36297

राजधानी लखनऊ के दो बड़ी सरकारी अस्पतालों समेत 19 सीएचसी पर बिना पैथोलॉजिस्ट के ही मरीजों के खून की ज

Login Panel