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कोविडग्रस्त गंभीर बच्चों को होगी अस्पताल की जरूरत।

गाइडलाइन के मुताबिक जिन बच्चों का आक्सीजन लेवल 90 से नीचे गिरता है, उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। ऐस्टीरायड देने की मनाही की गई है।

हुज़ैफ़ा अबरार
May 20 2021 Updated: May 20 2021 15:34
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कोविडग्रस्त गंभीर बच्चों को होगी अस्पताल की जरूरत। प्रतीकात्मक

लखनऊ। आने वाले दिनों में कोविड-19 का असर बच्चों पर होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक सिर्फ कोरोना से ग्रसित गंभीर बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी। बाकी का इलाज होम आइसोलेशन में रखकर किया जा सकता है। 

गाइडलाइन के मुताबिक जिन बच्चों का आक्सीजन लेवल 90 से नीचे गिरता है, उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। गाइडलाइन में बच्चों को ऐस्टीरायड (मेथाइलप्रेडनिसलोन, डेक्सामीथाजोन) देने की मनाही की गई है। सिर्फ गंभीर बच्चों को जरूरत पड़ने पर यह दवा देने की अनुमति दी जाएगी। 

इसके अलावा कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमडिसिविर, आइवरमेक्टिन, टोसिलिजुमैब, डेक्सामीथाजोन,  हाईड्राक्सीक्लोरोक्वीन, फैवीपिराविर, लोपिनाविर/रिटोनाविर, उमीफेनाविर जैसी दवाओं को बच्चों को देने से मना किया गया है। 

गाइडलाइन में आगे कहा गया है कि जिन बच्चों का आक्सीजन लेवल 90 से कम आता है उन्हें गंभीर निमोनिया, एक्यूट रिसपाइटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, सैप्टिक शाक, मल्टी आर्गन डिस्फक्शन सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे मरीजों को फौरन किसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए और जरूरत पड़े तो आईसीयू में शिफ्ट किया जाए। इन बच्चों को ऐस्टीरायड दिए जा सकते हैं।  

गाइडलाइन के अनुसार कुछ बच्चे बुखार के साथ पेट दर्द, उल्टी व दस्त की समस्या के आ सकते हैं। उनका भी कोरोना मरीज के तौर पर इलाज किया जाना चाहिए। उनका स्टूल टेस्ट कराने पर पुष्ट हो जाएगा कि उन्हें कोरोना है या नहीं। दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लैमट्री सिन्ड्रोम भी हो सकता है।   

गाइड लाइन में साफ कहा गया है कि सिर्फ कोरोना ग्रसित गंभीर बच्चों को भर्ती कराने की जरूरत होगी। बाकी का इलाज घर में रहकर ही किया जा सकता है। बस उनकी नियमित मानिटरिंग होती रही। ज्यादातर बच्चे लक्षणविहीन हो सकते हैं इसलिए उनका इलाज सावधानी से करने की जरूरत है।  

क्या होंगे बच्चों के लक्षण

  • ज्यादातर बच्चे लक्षणविहीन या हल्के-फुल्के लक्षण वाले होंगे।
  • उनमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकावट, सूंघने व स्वाद की क्षमता में कमी आना, नाक बहना, मांसपेशियों में तकलीफ, गले में खराश जैसे लक्षण होंगे।
  • कुछ बच्चों में दस्त आना, उल्टी होना, पेट दर्द होना।
  • कुछ में मल्टी सिस्टम इन्फ्लैमट्री सिंड्रोम होगा। ऐसे बच्चों को बुखार 38 सेंटीग्रेड से अधिक होगा। उनके लक्षण SARS CoV-2 से संबंधित हो सकते हैं। इन बच्चों में खांसी, नाक बहना व गले में खराश जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

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