लखनऊ। राजधानी सहित पूरे देश में सोमवार को चिकित्साकर्मियों समेत कई विभागों के कर्मचारियों ने इप्सेफ के आह्वान पर जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
लखनऊ के रोडवेज, गन्ना, सभी चिकित्सालयों, वन विभाग, व्यापार कर, केजीएमयू, डॉ आर एम एल संस्थान, समाज कल्याण आदि कार्यालयों में कर्मचारियों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
मांगों के संबंध में प्रधानमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। नई पेंशन योजना भारत छोड़ो, संविदा ठेका बंद करो ठेकेदारी प्रथा भारत छोड़ो, वेतन भत्तों मे असमानता भारत छोड़ो, आदि नारों के साथ आंदोलन दिवस पर आज देशभर के कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर आवाज बुलंद करते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
देश के राज्य कर्मचारियो के साथ, केंद्रीय कर्मचारी, निकाय कर्मचारी, संविदा कर्मचारियों ने आज अपने-अपने कार्यालयों में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम का नेतृत्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने किया परिषद की सभी जनपद शाखाओं तहसील, ब्लाक स्तर तक पदाधिकारियों व कर्मचारियों के साथ संम्बध संघो द्वारा प्रदर्शन कर ज्ञापन प्रेषित किया गया।
लखनऊ में प्रमुख कार्यक्रम बलरामपुर चिकित्सालय में संपन्न हुआ जिसमें इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गीरीश चन्द्र मिश्रा, संगठन प्रमुख के के सचान, प्रवक्ता अशोक कुमार, जनपद अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव, इप्सेफ के प्रवक्ता एवं फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील यादव, सचिव डॉ पी के सिंह, परिषद के उपाध्यक्ष धनंजय तिवारी,एस0 के0 पाठक, जे0पी0 मौर्य, ऑप्टोमेट्रिस्ट संघ के अध्यक्ष सर्वेश पाटिल, सतीश यादव, अभय पांडे, डी डी त्रिपाठी, आर के पी सिंह, राम मनोहर कुशवाहा, श्रवण सचान, सुनील कुमार मीडिया प्रभारी, राजेश चौधरी मण्डलीय मंत्री, सचिव कमल श्रीवास्तव अजय पांडे, महामंत्री अशोक कुमार, परिषद के जिला मंत्री संजय पांडे आदि उपस्थित थे।
इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा फिर महंगाई भत्ते की बहाली की घोषणा की गई, लेकिन एरियर घोषित नहीं की गई वही उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में अभी तक महंगाई भत्ते की घोषणा ही नहीं की गई, जिससे कर्मचारी भीषण महंगाई से त्रस्त है। इप्सेफ प्रधानमंत्री जी से एक देश एक वेतन के सिद्धांत पर निर्णय करने की मांग की है।
श्री मिश्रा ने कहा कि पूरे देश के कर्मचारी नई पेंशन योजना को स्वीकार नहीं कर रहे हैं इसलिए इस योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को सभी कर्मचारियों पर लागू किया जाए। देश में निजी करण प्रथा जनता के हित में नहीं है।
अतः इसे समाप्त कर स्थाई पदों का सृजन करना चाहिए, सभी रिक्त पदों को भरा जाए, पदोन्नतिया की जाय, संविदा और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए वर्तमान में जो संविदा और ठेके के कर्मचारी कार्यरत हैं नीति बनाकर उन्हें स्थाई किया जाए। 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को इन्क्रीमेन्ट जोड़कर पेंशन का लाभ दिया जाये। अंग्रेजो के समय के बने हुये कन्डक्ट रूल को संशोधन कर प्रजातांत्रिक व्यवस्था लागू की जाये।
परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि शहीद कोरोना वारियर्स के परिवार की 50 लाख की अनुग्रह राशि मिलने में हो रहे विलंब को रोका जाना आवश्यक है, उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के सभी 75 जनपद शाखा द्वारा व्यापक प्रदर्शन पर सात सूत्रीय ज्ञापन प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट सचिव भारत सरकार, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को प्रेषित कर मांगों की पूर्ति का अनुरोध किया गया।
इप्सेफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील यादव ने बताया कि देश के अधिकांश राज्यों में विभिन्न कार्यालयों में कार्यक्रम संपन्न हुआ। कर्मचारियों ने नारों के पट्टिया लेकर अपनी आवाज उठाई।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जनपद लखनऊ के अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ के रोडवेज, गन्ना, सभी चिकित्सालयों, वन विभाग, व्यापार कर, केजीएमयू, डॉ आर एम एल संस्थान, समाज कल्याण आदि कार्यालयों में कर्मचारियों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
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