लखनऊ। स्वास्थ्य इकाइयों पर हर माह की 21 तारीख को मनाया जाने वाला ‘खुशहाल परिवार दिवस’ (Happy Family Day) कार्यक्रम अपने मकसद में पूरी तरह सफल रहा है। इसके माध्यम से परिवार नियोजन की सेवाओं (Family planning services) को समुदाय स्तर पर पहुंचाने में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को बड़ी कामयाबी मिली है।
राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश में नवम्बर 2020 में उस वक्त हुई जब देश कोविड-19 (covid-19) की चपेट में था। कार्यक्रम को बीच में कुछ समय के लिए कोविड के चलते स्थगित भी करना पड़ा किन्तु स्वास्थ्य विभाग की फ्रंटलाइन वर्कर की फ़ौज (आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम) (ASHA, Anganwadi and ANM) आमजन तक परिवार नियोजन के साधनों को पहुंचाने और इस बारे में जागरूक करने में अहम् भूमिका निभायी। यही कारण रहा कि तमाम दिक्कतों के बाद भी कार्यक्रम के मकसद पर ब्रेक नहीं लगने पायी और परिवार नियोजन के सभी साधनों की मांग में वृद्धि दर्ज की गयी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश (National Health Mission-Uttar Pradesh) के परिवार नियोजन कार्यक्रम की महाप्रबन्धक डॉ. रिंकू श्रीवास्तव का कहना है कि खुशहाल परिवार दिवस कार्यक्रम के जरिये तीन श्रेणी के दम्पति पर खास ध्यान दिया गया, जिनमें एक साल के अंदर विवाहित नवदम्पति, उच्च जोखिम गर्भावस्था में रहीं महिलाएं और दो या तीन से अधिक बच्चों वाले दम्पति शामिल रहे।
प्रदेश में परिवार नियोजन कार्यक्रम को सही मायने में धरातल पर उतारने में जिला प्रशासन ने भी स्वास्थ्य विभाग का भरपूर साथ दिया। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने से लेकर अमलीजामा पहनाने का बड़ा काम किया गया। इसके अलावा परिवार नियोजन से जुडी मंडल से लेकर ब्लाक स्तर तक की प्रबन्धन इकाई के साथ ही हर जिले के सीएमओ और एसीएमओ के प्रयासों का ही नतीजा रहा कि परिवार नियोजन की सेवाओं को समुदाय स्तर तक पहुंचाने में सफलता मिली।
खुशहाल परिवार दिवस की वित्तीय वर्ष 2021-22 की उपलब्धियों की बात की जाए तो कोविड के बावजूद बड़ी तादाद में लाभार्थी इसके जरिये परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए आगे आये। इस दौरान खुशहाल परिवार दिवस के माध्यम से प्रदेश में 612 को पुरुष नसबंदी और 16809 महिलाओं को नसबंदी की सेवा प्रदान की गयी। 453113 माला एन और 378850 छाया की गोलियां वितरित की गयीं। इस दौरान 86851 महिलाओं ने त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा को अपनाया। 58376 महिलाओं ने आईयूसीडी तो 30758 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया। वित्तीय वर्ष में 3473389 कंडोम का वितरण इस खास आयोजन के माध्यम से किया गया। इसके अलावा नवदम्पति के बीच 31260 शगुन किट का वितरण किया गया।
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