लखनऊ। मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में होनी चाहिए, क्योंकि बड़ी संख्या में बच्चे हिन्दी भाषी राज्यों से आते रहे हैं। हिन्दी में विषय को छात्र आसानी से समझ सकते हैं, किताब भले ही अंग्रेजी में हो। बस पढ़ाते वक्त शिक्षक हिन्दी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। ये सुझाव बुधवार को केजीएमयू में फिजियोलॉजी विभाग के 110वां स्थापना दिवस पर गाजियाबाद के इंडोक्रानोलॉजिस्ट डॉ. पंकज अग्रवाल ने दिए।
केजीएमयू के ब्राउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ डॉ. नरसिंह वर्मा ने कहाकि तकनीक का पढ़ाई में इस्तेमाल होना चाहिए। आडियो विजुअल से बच्चों को अधिक समझाया जा सकता है। इसके अलावा केस के आधार पर पढ़ाई होनी चाहिए। इससे छात्र आगे चलकर बेहतर डॉक्टर बन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अस्पतालों में आने वाले ज्यादातर मरीज हिन्दी बोलते हैं। ऐसे में डॉक्टर मरीजों की पूरी बात आसानी से समझ सकते हैं। मरीज व उनके तीमारदारों को समझा सकते हैं।
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