देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

विश्व में दूसरे नम्बर पर है भारत में मोटे बच्चों की संख्या

बचपन में मोटापा का मूल कारण कैलोरी खपत और खर्च की गई ऊर्जा के बीच असंतुलन है। भारतीय आनुवंशिक रूप से मोटापा के शिकार होते हैं। हालांकि बचपन में मोटापा में तेजी से वृद्धि काफी हद तक पर्यावरणीय प्रभावों के कारण होती है।

लेख विभाग
March 25 2022 Updated: March 25 2022 23:22
0 46072
विश्व में दूसरे नम्बर पर है भारत में मोटे बच्चों की संख्या प्रतीकात्मक

बचपन का मोटापा भारत में अब एक महामारी है। 1.44 करोड़ मोटे बच्चों के साथ भारत, चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है । बच्चों में अधिक वजन और मोटापे का प्रसार 15% है। निजी विद्यालय में उच्च आय वाले परिवारों के खानपान को देखते हुए , यह संख्या 35-40% तक बढ़ गई है और यह बढ़ती हुई प्रवृत्ति चिंताजनक है ।

 

बचपन में मोटापा होने के कारण: Causes of childhood obesity

बचपन में मोटापा का मूल कारण कैलोरी खपत और खर्च की गई ऊर्जा के बीच असंतुलन है। भारतीय आनुवंशिक रूप से मोटापा के शिकार होते हैं। हालांकि बचपन में मोटापा में तेजी से वृद्धि काफी हद तक पर्यावरणीय प्रभावों के कारण होती है। आर्थिक समृद्धि पारंपरिक आहार से ‘आधुनिक’ आहार की ओर ले जाती है, जो वसा और चीनी से भरपूर होते हैं। शहरीकरण से गतिहीन जीवन शैली में वृद्धि और शारीरिक गतिविधि में गिरावट आ रही है।

 

बचपन में मोटापा का स्वास्थ्य पर प्रभाव: Effects on health of childhood obesity

बचपन में मोटापा से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती है। मोटे बच्चों में उच्च रक्तचाप, ऑस्टियोआर्थराइटिस, कोलेस्ट्रॉल औरट्राइग्लिसराइड्स, प्रकार -2 मधुमेह, हृदय-धमनी रोग, आघात, पित्ताशय का रोग, श्वसन संबंधी समस्याएं, भावनात्मक गड़बड़ी और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।  तीन में से मोटापे से ग्रस्त दो बच्चें वयस्क होने के बाद भी मोटे ही रहेंगे और हमेशा वयस्क जीवन शैली की बीमारियों का खतरा बना रहेगा। भारत दुनिया में मधुमेह का प्रमुख केंद्र बनने के दिशा में आगे बढ़ता जा रहा है।

 

बचपन में मोटापे की रोकथाम: Prevention of childhood obesity

विश्वस्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार बचपन में मोटापा 21वीं सदी की सबसे गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है। बचपन में मोटापा की रोकथाम महत्वपूर्ण है, खासकर जब से हम जानते हैं कि मोटापा का इलाज बेहद मुश्किल है। मोटापा को रोकने के लिए सिद्ध और सरल रणनीतियों में शामिल हैं:

  • फास्ट फूड से बचें।
  • टेलीविजन कम देखें।
  • चीनी का कम सेवन करें।
  • फल और सब्जी का सेवन बढ़ाएं।
  • शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करें।

 

बच्चों के लिए उनके माता-पिता प्रेरणा स्रोत होते हैं: Parents are source of inspiration

माता-पिता क्या खाते हैं, उसे बच्चे देखते हैं ! स्वस्थ भोजन में अधिक फल, सब्जियां, फलियां और साबुत अनाज और बादाम आदि का सेवन करना शामिल है। वसा की संख्या को सीमित करने और संतृप्त वसा से असंतृप्त वसा की सेवन में करने की सलाह दी जाती है। दो साल की उम्र के बाद मक्खन निकाला हुआ दूध (स्किम्ड) दूध का उपयोग किया जाना चाहिये। ताजा खाद्य पदार्थों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये । फास्ट फूड चीनी, वसा और नमक से भरपूर होते हैं और इन्हें खास अवसरों या सप्ताहांत तक ही सीमित रखना चाहिए। नाश्ता और दिन भर खाना अतिरिक्त कैलोरी का एक प्रमुख कारण है। बढ़ते बच्चों के लिए स्वस्थ नाश्ते के विकल्प पहुंच के भीतर होने चाहिए।

स्वस्थ भोजन का आचरण बच्चों द्वारा सीखा जाता है। बलपूर्वक और विवश करके किया गया भोजन अक्सर खराब आत्म-नियंत्रण और बाद में अत्यधिक वज़न की ओर ले जाता है। माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बच्चे भूख लगने पर खाएं, न कि जब वे ऊब या थक गए हों। भोजन को ‘इनाम’ के रूप में हतोत्साहित किया जाना चाहिये।

मोटापा से निपटने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और शिक्षा महत्वपूर्ण है। नारायण हेल्थ द्वारा प्रबंधित एसआरसीसी (SRCC) – बच्चों का अस्पताल ने अब स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने और बचपन के मोटापे की रोकथाम और उपचार के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है – एनएचआईसीऐएन (NHICAN): बच्चों की गतिविधि और पोषण में सुधार लाना। इसका लक्ष्य एक्स को पीढ़ी एक्सएक्सएल बनने से रोकना है!

 

लेखक - डॉ महेश बालसेकर, बाल चिकित्सा औषधि, एसआरसीसी बच्चों का अस्पताल, मुंबई

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आयुष्मान योजना की अहम भूमिका 

हे.जा.स. October 01 2022 25855

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने चार साल में 2,16 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का आय

सौंदर्य

गहरी नींद से चेहरे पर नेचुरल ग्लो बना रहता है और आप खूबसूरत दिखतीं है  

सौंदर्या राय March 26 2022 36298

रात की गहरी नींद आपके बालों को काला लंबा तथा आकर्षक बनाए रखने में मदद करती है। गहरी नींद लेने से चेह

राष्ट्रीय

देश में कैंसर से महिलाओं की मौतें ज्यादा

एस. के. राणा July 30 2023 24420

अध्ययन के मुताबिक, साल 2000 से 2019 के बीच पुरूषों में कैंसर मृत्यु दर में सालाना 0.19 फीसदी की गिर

स्वास्थ्य

बाढ़ के बाद अब बीमारियों का खतरा, ऐसे करें बचाव

श्वेता सिंह August 30 2022 26546

यूपी के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हुए है । गंगा, यमुना, बेतवा, चंबल, केन समेत कई नदियों के उफनाने से

राष्ट्रीय

देहरादून के सभी मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब बनाये जायेंगे

हे.जा.स. March 08 2023 26598

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर में जन औषधि केंद्र खोलकर लोगों को सस्ती और सुलभ दवाइय

व्यापार

स्ट्राइड्स फार्मा को प्रेडनिसोन टैबलेट के लिए मिली USFDA की मंज़ूरी।

हे.जा.स. February 13 2021 21505

प्रेडनिसोन, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के रूप में जानी जाने वाली दवाओं के एक वर्ग के अंतर्गत आता है और इसका

राष्ट्रीय

ओमीक्रोन के ख़ौफ से दुनियाभर में 2,800 से अधिक फ्लाइट्स  रद्द।  

एस. के. राणा December 28 2021 37404

24, 25 और 26 दिसंबर को दुनियाभर में 6,000 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थी। अमेरिका में रविवार क

राष्ट्रीय

घट रही है कोरोना मरीज़ों की संख्या | 

हे.जा.स. January 09 2021 22922

एक्टिव केस दो लाख 24 हजार 190 है। वहीं रिकवरी रेट 96.41 फीसद है। डेथ रेट 1.45 फीसद है।

उत्तर प्रदेश

प्रदेश की 99 प्रतिशत से ज्‍यादा आबादी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर।

हुज़ैफ़ा अबरार September 08 2021 25955

रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों के पास किसी भी प्रदूषणकारी तत्व के संघनन का कोई रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश

माहवारी जागरूकता अभियान: स्लम बस्ती में हुआ सैनिटरी पैड्स का वितरण

रंजीव ठाकुर April 21 2022 21555

स्लम बस्तियों के माहवारी जागरूकता के उद्देश्य को पूरा करने के लिए आशा वेलफेयर फॉउंडेशन की ओर से बदला

Login Panel