हार्ट फेल की समस्या अब आम होती जा रही है। अभी तक तो केवल 65 वर्ष के अधिक उम्र के लोगों में ये समस्या देखने को मिलती थी लेकिन अब पिछले कुछ समय से 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में भी हार्ट फेल का जोखिम बढ़ गया है। डॉक्टरों के अनुसार हार्ट फेल होने के कई कारण होते हैं। इसका सालों तक ना तो पता चलता है और ना ही इसका इलाज होता है।
हार्ट फेल्योर (heart failure) तब होता है जब आपका हृदय शरीर के अन्य अंगों तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचा पाता है। ऐसी स्थिति में हार्ट की पंप करने की गति कम हो जाती है। हार्ट फेल्यॉर में सबसे पहले मरीज की काम करने पर सांस (breath) फूलने लगती है। कई बार दिल की धमनियों (arteries) का मोटा और सख्त होना भी हार्ट फेल्यॉर का कारण बनती है।
हार्ट फेल्योर की स्थिति में हृदय के दाईं या बाईं तरफ इसका असर दिख सकता है या फिर दोनों तरफ एक साथ भी यह प्रभाव डाल सकता है। जब तेजी के साथ हार्ट के दोनों तरफ एक साथ यह समस्या होती है तो इसके लक्षण (symptoms) अचानक ही दिखाई पड़ते हैं। जो आमतौर पर जल्दी ही दिखने बंद भी हो जाते हैं।
ये है वजह - These are the reasons
हार्ट संबंधी दिक्कत है तो उनको निरंतर समय पर दवाई लेनी चाहिए और एक्सरसाइज (exercise) के साथ लाइफस्टाइल (lifestyle) का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में बहुत ज्यादा पानी वाला खाने और नमक का कम इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा अगर आप नशा नहीं करते हैं तो आप अपने आप को काफी हद तक हार्ट फेल्योर (heart failure) से बचा सकते हैं।
Edited by Shweta Singh
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