वाशिंगटन। हर एक व्यक्ति के यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य मानकों के उच्चतम स्तर की प्राप्ति के अधिकार के तहत, क़ानूनी और सुरक्षित गर्भपात तक पहुँच सुनिश्चित करना एक बुनियादी आवश्यकता है। ‘अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षित गर्भपात दिवस’ के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने इस प्रक्रिया पर ज़ोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने बताया कि हर साल, गर्भधारण (pregnancies) के लगभग आधे मामले, यानि लगभग 12 करोड़ 10 लाख मामले अनियोजित या अनचाहे होते हैं। ये आंकड़ें बतातें हैं कि गर्भनिरोधक सेवाओं (contraceptive services) को मज़बूती देने और क़ानूनी और सुरक्षित गर्भपात (safe abortion) की अहमियत को रेखांकित करतें हैं। सुरक्षित गर्भपात तक पहुँच न होने के कारण महिलाओं और किशोर उम्र की लड़कियों को अक्सर असुरक्षित गर्भपात का सहारा लेने के लिये मजबूर होना पड़ता है.
संयुक्त राष्ट्र ने आगे बताया कि कोविड-19 के दौरान गर्भपात सम्बन्धी देखभाल की समस्या को टालने से अस्वस्थता और मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है। मानव प्रजनन (Human reproduction) के विषय में यूएन एजेंसियों का एक साझा कार्यक्रम (HRP/एचआरपी) साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, कोविड-19 के सन्दर्भ में असुरक्षित गर्भपात की रोकथाम और महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य, कल्याण और अधिकारों का समर्थन करने के लिये प्रयासरत हैं।
एचआरपी में असुरक्षित गर्भपात की रोकथाम इकाई की प्रमुख और WHO यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य और अनुसन्धान विभाग में अधिकारी डॉक्टर बेला गनात्रा ने बताया, “यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य वस्तुएँ और सेवाएँ पहले से ही कई परिस्थितियों में सीमित हैं और कोविड-19 के दौरान उन तक पहुँचना, अधिक कठिन होता जा रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने प्रयासों को एकसाथ मिलाएँ। ”
उन्होंने कहा कि अनपेक्षित गर्भधारण और बाद में असुरक्षित गर्भपात से बचने के लिये, आधुनिक गर्भनिरोधक उपायों और व्यापक गर्भपात देखभाल तक पहुँच महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र, “वैश्विक, क्षेत्रीय और देशीय स्तर पर मज़बूत भागीदारी इन आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं और मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये सफल रणनीतियों को बढ़ावा देती है.”
डॉक्टर बेला ने कहा कि इस तरह के सहयोगात्मक प्रयासों का उद्देश्य, निम्न चार क्षेत्रों में सेवा वितरण और आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान देने के साथ यौन और प्रजनन स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिये कारगर उपायों का समर्थन प्रदान करना है।
चार प्रमुख क्षेत्र
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि गर्भपात के लिये इच्छुक महिलाओं, लड़कियों और अन्य लैंगिक पहचान वाले व्यक्तियों को उनके प्रजनन स्वास्थ्य, अधिकार, शरीर और भविष्य के बारे में एक सोचा-समझा निर्णय लेने के लिये आवश्यक जानकारी प्रदान की जानी चाहिये।
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने इस क्रम में ‘Maintaining essential health services: operational guidance for the COVID-19 context’ नामक दिशानिर्देश जारी किया है। इनके अनुसार देशों को गर्भनिरोधक सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित करनी होगी, साथ ही वैश्विक महामारी के दौरान सुरक्षित गर्भपात को भी क़ानून के दायरे में उपलब्ध बनाया जाना होगा।
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