देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

अंतर्राष्ट्रीय

मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरतों के लिये पर्याप्त सेवाओं का अभाव, निवेश की ज़रुरत।

रिपोर्ट दर्शाती है कि हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है, फिर भी गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा व स्तर अभी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं बढ़ पाया है।

हे.जा.स.
December 15 2021 Updated: December 15 2021 17:21
0 21278
मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरतों के लिये पर्याप्त सेवाओं का अभाव, निवेश की ज़रुरत। प्रतीकात्मक

वाशिंगटन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) की पृष्ठभूमि में मानसिक स्वास्थ्य (mental health) आवश्यताएँ बढ़ने के बावजूद, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को पर्याप्त अहमियत नहीं दी जा रही है। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने इन निष्कर्षों को निराशाजनक क़रार देते हुए त्वरित संसाधन निवेश की पुकार लगाई है।

‘Mental Health Atlas’ रिपोर्ट का नवीनतम संस्करण शुक्रवार को जारी किया गया है। रिपोर्ट दर्शाती है कि हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है, फिर भी गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा व स्तर अभी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं बढ़ पाया है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “यह बेहद चिन्ताजनक है कि...अच्छी मंशाओं के अनुरूप निवेश नहीं हो पा रहा है। हमें नींद से जगा देने वाली इस घण्टी को सुनना होगा व कार्रवाई करनी होगी, और मानसिक स्वास्थ्य में निवेश का स्तर व्यापक पैमाने पर बढ़ाना होगा, चूँकि मानसिक स्वास्थ्य के बिना, कोई स्वास्थ्य ही नहीं है।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानसिक स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख डॉक्टर तरुण दुआ ने जिनीवा में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “मानसिक स्वास्थ्य डेटा और सेवाओं में मज़बूती के लिये संसाधन निवेश की आवश्यकता है ताकि दुनिया कोविड-19 के बाद बेहतर पुनर्निर्माण कर सकें।” उन्होंने कहा कि समुदाय-आधारित स्वास्थ्य सेवाओं में कम निवेश की एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ सकती है।

बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान मानसिक, तंत्रिका सम्बन्धी और ऐल्काहॉल व दर्दनिवारक दवाओं के अत्यधिक इस्तेमाल के लिये सेवाओं में सबसे अधिक व्यवधान दर्ज किया गया।

लक्ष्यों से दूर
171 देशों से जुटाए गए आँकड़ों के मुताबिक़, मानसिक स्वास्थ्य के लिये प्रशासन प्रणाली, समुदायों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिये प्रावधान, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने व समस्याओं की रोकथाम और सूचना प्रणालियों की मज़बूती सहित, कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है। 

वर्ष 2020 में, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के 194 सदस्य देशों में केवल 51 प्रतिशत ने बताया कि उनके पास अन्तरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मानवाधिकार औज़ारों के अनुरूप मानसिक स्वास्थ्य नीति या योजनाएँ हैं। 80 फ़ीसदी देशों में ऐसी योजनाओं के लक्ष्य से, यह स्थिति बहुत दूर है। केवल 52 प्रतिशत देश ही मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने व रोकथाम कार्यक्रमों के सम्बन्ध में लक्ष्य पूरा कर पाने में सफल हुए हैं, लेकिन यह भी 80 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है।

रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या की दर में 10 फ़ीसदी की गिरावट लाने के, 2020 के लक्ष्य को सफलता मिली है, मगर, यहाँ भी 35 देशों ने ही बताया कि उनके पास इसके लिये अलग से रोकथाम रणनीति, नीति या योजना है।

व्यापक विषमताएँ
रिपोर्ट में उजागर की गई कमियाँ, दुनिया भर में मौजूद हैं, लेकिन नीतियाँ, योजनाएँ व क़ानून अपनाए जाने में कुछ प्रगति दर्ज की गई है। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी संकेतकों पर जानकारी प्रदान किये जाने की क्षमता में भी बेहतरी नज़र आई है। 

इसके बावजूद, सरकार के स्वास्थ्य बजटों में मानसिक स्वास्थ्य के लिये प्रावधान में (प्रतिशत आँकड़ा) पिछले कुछ वर्षों में ज़्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है और यह क़रीब दो प्रतिशत के आसपास बना हुआ है।

रिपोर्ट में मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों की उपलब्धता और उनके आबण्टन में, उच्च- व निम्न-आय वाले देशों और क्षेत्रों में गहरी विषमताएँ देखने को मिली हैं। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा व रोकथाम कार्यक्रमों पर वर्ष 2014 में, 41 प्रतिशत सदस्य देश जानकारी मुहैया करा रहे थे, ये संख्या अब बढ़ कर 52 फ़ीसदी हो गई है। 

विकेन्द्रीकृत देखभाल की सुस्त रफ़्तार
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने लम्बे समय से सामुदायिक परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल का विकेन्द्रीकरण किये जाने पर बल दिया है। मगर, रिपोर्ट बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य पर कुल सरकारी व्यय का 70 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा, मध्य-आय वाले देशों में मानसिक अस्पतालों को आबण्टित किया जाता है। 

उच्च-आय वाले देशों में यह 35 प्रतिशत है
यह दर्शाता है कि केन्द्रीकृत मानसिक अस्पताल व संस्थागत ढंग से मरीज़ों की देखभाल के लिये, आम अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की तुलना में अब भी ज़्यादा धनराशि उपलब्ध है।

2030 के लिये नए लक्ष्य
Mental Health Atlas में जिन वैश्विक लक्ष्यों का उल्लेख किया गया है, वे यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की ‘मानसिक स्वास्थ्य कार्रवाई योजना’ से लिये गए हैं। इनमें 2030 के लिये तय लक्ष्यों का भी ज़िक्र है और यह योजना, अब 2030 तक के लिये बढ़ा दी गई है। 

इसमें मानसिक स्वास्थ्य के समावेशन, आपात तैयारी योजना के तहत मनोसामाजिक समर्थन, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में मानसिक स्वास्थ्य के एकीकरण और मानसिक स्वास्थ्य पर शोध को बढ़ावा देने के लिये नए लक्ष्य साझा किये गए हैं। 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

सौंदर्य

इस तरह करें कर्ली बालों की देखभाल

आरती तिवारी September 01 2022 33021

स्मार्ट और डिफरेंट लुक पाने के लिए ज्यादातर लोग अलग-अलग हेयर स्टाइल ट्राई करना पसंद करते हैं। वहीं घ

रिसर्च

Direct Uptake of Nutrition and Caffeine Study: biscuit based comparative study

British Medical Journal December 25 2022 27930

Healthcare workers can safely consume a cup of tea after less than 10 minutes, especially if enjoyed

राष्ट्रीय

देश में दम तोड़ रहा कोरोना संक्रमण, लगातार दूसरे दिन आये पंद्रह हजार कम संक्रमित

एस. के. राणा February 25 2022 22243

देश में कोरोना के मामलों में गिरावट अभी भी जारी है। लगातार दूसरे दिन कोरोना के नए मामले 15 हजार से क

शिक्षा

डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ने सीनियर रेजिडेंट के हजारों पदों पर निकाली वैकेंसी

विशेष संवाददाता November 17 2022 76247

इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास गवर्नमेंट मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज ऑफ आंध्

राष्ट्रीय

ओमिक्रॉन के स्टील्थ वैरिएंट को हलके में लेने से यूरोप जैसे हो सकतें हैं हालात 

हे.जा.स. March 28 2022 28218

अमेरिका, ब्रिटेन और चीन में ओमिक्रॉन का यह नया सब वैरिएंट कहर बरपा रहा है। जिसके बाद भारत में भी चिं

उत्तर प्रदेश

ली क्रेस्ट अस्पताल ने अविसा के सहयोग से गाजियाबाद का पहला स्मार्ट अस्पताल लॉन्च किया

विशेष संवाददाता June 23 2022 27853

ले क्रेस्ट अस्पताल 250 बिस्तरों वाला चिकित्सा संस्थान है। अविसा के साथ गाँठजोड़ के बाद ले क्रेस्ट अस

उत्तर प्रदेश

डेंगू दिवस पर नगर निगम ने निकाली जागरूकता रैली

आरती तिवारी May 16 2023 32112

राष्ट्रीय डेंगू दिवस आज मनाया जा रहा है। वहीं राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर राजधानी लखनऊ में डेंग

उत्तर प्रदेश

दुनियाभर में मनाया जा रहा है ज़ूनोसिस-डे

आरती तिवारी July 06 2023 55500

पशुजन्य रोग एक वैश्विक स्तर की गंभीर बीमारी है जिसमें एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में संक्रमण फैलने

स्वास्थ्य

हाथों में झुनझुनी, कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है: डॉ. हुमन प्रसाद

लेख विभाग April 03 2022 40628

जब किसी कारणवश यह मीडियन नर्व इस कार्पल टनल में दबने लगती है तो हाथ में दर्द, झुनझुनी या कमजोरी (खास

अंतर्राष्ट्रीय

मस्तिष्क स्वास्थ्य पर डब्ल्यूएचओ ने पहला पोजिशन पेपर जारी किया 

हे.जा.स. August 10 2022 55957

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र मानव शरीर के कमांड सेंटर हैं, जो शरीर के चे

Login Panel