देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

अंतर्राष्ट्रीय

मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरतों के लिये पर्याप्त सेवाओं का अभाव, निवेश की ज़रुरत।

रिपोर्ट दर्शाती है कि हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है, फिर भी गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा व स्तर अभी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं बढ़ पाया है।

हे.जा.स.
December 15 2021 Updated: December 15 2021 17:21
0 20945
मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरतों के लिये पर्याप्त सेवाओं का अभाव, निवेश की ज़रुरत। प्रतीकात्मक

वाशिंगटन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) की पृष्ठभूमि में मानसिक स्वास्थ्य (mental health) आवश्यताएँ बढ़ने के बावजूद, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को पर्याप्त अहमियत नहीं दी जा रही है। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने इन निष्कर्षों को निराशाजनक क़रार देते हुए त्वरित संसाधन निवेश की पुकार लगाई है।

‘Mental Health Atlas’ रिपोर्ट का नवीनतम संस्करण शुक्रवार को जारी किया गया है। रिपोर्ट दर्शाती है कि हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है, फिर भी गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा व स्तर अभी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं बढ़ पाया है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “यह बेहद चिन्ताजनक है कि...अच्छी मंशाओं के अनुरूप निवेश नहीं हो पा रहा है। हमें नींद से जगा देने वाली इस घण्टी को सुनना होगा व कार्रवाई करनी होगी, और मानसिक स्वास्थ्य में निवेश का स्तर व्यापक पैमाने पर बढ़ाना होगा, चूँकि मानसिक स्वास्थ्य के बिना, कोई स्वास्थ्य ही नहीं है।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानसिक स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख डॉक्टर तरुण दुआ ने जिनीवा में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “मानसिक स्वास्थ्य डेटा और सेवाओं में मज़बूती के लिये संसाधन निवेश की आवश्यकता है ताकि दुनिया कोविड-19 के बाद बेहतर पुनर्निर्माण कर सकें।” उन्होंने कहा कि समुदाय-आधारित स्वास्थ्य सेवाओं में कम निवेश की एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ सकती है।

बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान मानसिक, तंत्रिका सम्बन्धी और ऐल्काहॉल व दर्दनिवारक दवाओं के अत्यधिक इस्तेमाल के लिये सेवाओं में सबसे अधिक व्यवधान दर्ज किया गया।

लक्ष्यों से दूर
171 देशों से जुटाए गए आँकड़ों के मुताबिक़, मानसिक स्वास्थ्य के लिये प्रशासन प्रणाली, समुदायों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिये प्रावधान, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने व समस्याओं की रोकथाम और सूचना प्रणालियों की मज़बूती सहित, कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है। 

वर्ष 2020 में, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के 194 सदस्य देशों में केवल 51 प्रतिशत ने बताया कि उनके पास अन्तरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मानवाधिकार औज़ारों के अनुरूप मानसिक स्वास्थ्य नीति या योजनाएँ हैं। 80 फ़ीसदी देशों में ऐसी योजनाओं के लक्ष्य से, यह स्थिति बहुत दूर है। केवल 52 प्रतिशत देश ही मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने व रोकथाम कार्यक्रमों के सम्बन्ध में लक्ष्य पूरा कर पाने में सफल हुए हैं, लेकिन यह भी 80 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है।

रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या की दर में 10 फ़ीसदी की गिरावट लाने के, 2020 के लक्ष्य को सफलता मिली है, मगर, यहाँ भी 35 देशों ने ही बताया कि उनके पास इसके लिये अलग से रोकथाम रणनीति, नीति या योजना है।

व्यापक विषमताएँ
रिपोर्ट में उजागर की गई कमियाँ, दुनिया भर में मौजूद हैं, लेकिन नीतियाँ, योजनाएँ व क़ानून अपनाए जाने में कुछ प्रगति दर्ज की गई है। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी संकेतकों पर जानकारी प्रदान किये जाने की क्षमता में भी बेहतरी नज़र आई है। 

इसके बावजूद, सरकार के स्वास्थ्य बजटों में मानसिक स्वास्थ्य के लिये प्रावधान में (प्रतिशत आँकड़ा) पिछले कुछ वर्षों में ज़्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है और यह क़रीब दो प्रतिशत के आसपास बना हुआ है।

रिपोर्ट में मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों की उपलब्धता और उनके आबण्टन में, उच्च- व निम्न-आय वाले देशों और क्षेत्रों में गहरी विषमताएँ देखने को मिली हैं। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा व रोकथाम कार्यक्रमों पर वर्ष 2014 में, 41 प्रतिशत सदस्य देश जानकारी मुहैया करा रहे थे, ये संख्या अब बढ़ कर 52 फ़ीसदी हो गई है। 

विकेन्द्रीकृत देखभाल की सुस्त रफ़्तार
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने लम्बे समय से सामुदायिक परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल का विकेन्द्रीकरण किये जाने पर बल दिया है। मगर, रिपोर्ट बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य पर कुल सरकारी व्यय का 70 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा, मध्य-आय वाले देशों में मानसिक अस्पतालों को आबण्टित किया जाता है। 

उच्च-आय वाले देशों में यह 35 प्रतिशत है
यह दर्शाता है कि केन्द्रीकृत मानसिक अस्पताल व संस्थागत ढंग से मरीज़ों की देखभाल के लिये, आम अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की तुलना में अब भी ज़्यादा धनराशि उपलब्ध है।

2030 के लिये नए लक्ष्य
Mental Health Atlas में जिन वैश्विक लक्ष्यों का उल्लेख किया गया है, वे यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की ‘मानसिक स्वास्थ्य कार्रवाई योजना’ से लिये गए हैं। इनमें 2030 के लिये तय लक्ष्यों का भी ज़िक्र है और यह योजना, अब 2030 तक के लिये बढ़ा दी गई है। 

इसमें मानसिक स्वास्थ्य के समावेशन, आपात तैयारी योजना के तहत मनोसामाजिक समर्थन, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में मानसिक स्वास्थ्य के एकीकरण और मानसिक स्वास्थ्य पर शोध को बढ़ावा देने के लिये नए लक्ष्य साझा किये गए हैं। 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी शुरू।

हुज़ैफ़ा अबरार July 13 2021 31590

बलरामपुर अस्पताल के प्रवक्ता एसएम त्रिपाठी ने बताया कि सर्जरी, हड्डी, नेत्र रोग विभाग, दांत, यूरोलॉज

उत्तर प्रदेश

होम्योपेथी में है पोस्ट कोविड समस्याओं के समाधान की दवाइयाँ।

हुज़ैफ़ा अबरार May 24 2021 25090

पोस्ट कोविड स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में होम्योपैथिक औषधियाँ महत्त्वपूर्ण भमिका निभा सकती हैं। क

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने मनाया प्रथम टीबी दिवस नि:क्षय दिवस

हुज़ैफ़ा अबरार December 17 2022 25182

डा सूर्यकान्त ने लोगों को बताया कि दुनिया में प्रतिवर्ष एक करोड़ टीबी के नये रोगी होते है, जिनमें से

अंतर्राष्ट्रीय

कोरोना वायरस और इसके वैरिएंट को खत्म करने वाले एंटीबॉडीज की हुई पहचान

हे.जा.स. December 31 2021 33598

अध्ययन में शामिल वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ डेविड वीसलर के अ

उत्तर प्रदेश

प्राकृतिक चिकित्सा का विश्वस्तरीय केंद्र गोरखपुर का आरोग्य मंदिर

हुज़ैफ़ा अबरार January 22 2023 85091

आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल कुमार मोदी ने बताया कि  आरोग्य मंदिर में अधिकतर दमा, कब्ज, मधुमेह, स

स्वास्थ्य

खाने की स्‍वस्‍थ आदतों से बच्‍चे होते है स्वस्थ्य - माधुरी रूइया

लेख विभाग February 24 2021 23922

बादाम- बादाम बच्चों के लिये बेहतरीन स्नैक्स हैं- वे कुरकुरे, स्वादिष्ट और मीठे होते हैं, इसलिये उन्ह

राष्ट्रीय

कोरोना से जंग की ‘मॉकड्रिल’

एस. के. राणा April 10 2023 23661

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मॉकड्रिल करने के निर्देश दिए थे। वहीं आज देशभर में मॉकड

राष्ट्रीय

अमर हुए पूर्व बीएसएफ जवान, उनके अंगदान से तीन मरीज़ों को मिला नया जीवन 

एस. के. राणा October 09 2022 56879

राकेश कुमार के भतीजे जो एम्स ट्रॉमा सेंटर में आपातकालीन चिकित्सा विभाग में जूनियर रेजिडेंट हैं, उन्ह

उत्तर प्रदेश

मिक्सोपैथी के खिलाफ 13 व 14 फरवरी को IMA लखनऊ आयोजित करेगा रिले हंगर स्ट्राइक।

रंजीव ठाकुर February 13 2021 27332

सभी चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी, होम्योपैथी का इलाज का अपना तरीका है। एक पद्धति

उत्तर प्रदेश

वेंटिलेटर नहीं मिलने पर. एक और मरीज की मौत

आरती तिवारी July 23 2023 42291

बलरामपुर अस्पताल वेंटिलेटर के लिए एक और मरीज फैसल उर्फ गूड्डू ने दम दिया। वहीं परिवारीजनों ने इलाज म

Login Panel