वाशिंगटन। मर्क एंड कॉ. और फाइजर-बायोएनटेक कंपनियों ने कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए खाने वाली गोलियां बनाई हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये टैबलेट वैक्सीन का विकल्प नहीं हैं। शुरुआती परीक्षणों में देखा गया है कि इन गोलियों को खाने से कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। लेकिन इनसे संक्रमण से पूरा बचाव नहीं होता।
टीकाकरण में आ सकती है रुकावट
कुछ विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इन गोलियों के आने की वजह से टीकाकरण अभियान में बाधा पड़ सकती है। इस बारे में सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क ने न्यूयॉर्क के तीन हजार लोगों के बीच एक सर्वे किया। इस अध्ययन की अगुआई करने वाले विशेषज्ञ स्कॉट रैट्जेन ने कहा- ‘इस सर्वे से जाहिर हुआ कि गोलियों की वजह से टीकाकरण को आगे बढ़ाने में रुकावट आ सकती है।’ सर्वे के दौरान लगभग 15 फीसदी लोगों ने कहा कि वे वैक्सीन लगवाने के बजाय टैबलेट खाना पसंद करेंगे।
ह्यूस्टन स्थित बेलॉर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में मॉलिक्यूलर वॉयरोलॉजी और माइक्रो-बायोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. पीटर होटेज ने कहा है कि ऐसी गोलियों का आना कुछ न होने से तो बेहतर है, लेकिन इसे वैक्सीन का विकल्प समझा गया, तो उसमें बहुत बड़ा जोखिम है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ज्यादातर विशेषज्ञ गोलियों का उत्पादन होने से उत्साहित हैं। लेकिन वे यह भी मानते हैं कि गोलियां टीका का विकल्प नहीं हैं।
कोविड-19 वायरस का पुनरुत्पादन रोकेगी
अमेरिकी सरकार के एक अध्ययन के मुताबिक पिछले दिनों जब अमेरिका में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के फैलने से महामारी की नई लहर आई थी, तब फाइजर-बायोएनटेक कंपनी की वैक्सीन मौत रोकने में काफी प्रभावी रही। इसकी वजह से 86.8 फीसदी मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति नहीं आई।
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्रोफेसर डॉ लियेना वेन ने एक समाचार एजेंसी से कहा- ‘टैबलेट का इस्तेमाल वैक्सीन के साथ-साथ होगा। टैबलेट वैक्सीन की जगह नहीं ले सकती।’ कुछ दूसरे विशेषज्ञों ने भी कहा है कि गोलियों के भरोसे वैक्सीन न लगवाना एक बड़ी गलती साबित होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक इन गोलियों का शरीर के अंदर असर यह होगा कि वे कोविड-19 वायरस का पुनरुत्पादन (यानी अपने नए रूप पैदा करने) से रोक देंगी। लेकिन ये वायरस शरीर में पहुंचने के बाद दूसरे तरीकों से भी नुकसान पहुंचाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक संक्रमण लगने के बाद पहले चरण में कोविड-19 वायरस शरीर के अंदर तीव्र गति से अपनी नई प्रतिकृतियां तैयार करता है। दूसरे चरण में वह इम्यून सिस्टम की कमजोरी का लाभ उठा कर शरीर को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाता है। खाने वाली गोलियां कोविड-19 के दूसरे चरण की समस्याओं से राहत नहीं दे सकेंगी।
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