लखनऊ। कैंटोनमेंट जरनल हॉस्पिटल में आज टीबी मरीजों को गोद लेने के क्रम में पॉवर विंग्स फाउण्डेशन द्वारा 6 मरीजों को पोषण किट वितरण की गई। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला क्षय रोग अधिकारी के नेतृत्व में छावनी परिषद के कैण्ट अस्पताल में आयोजन किया गया।
पॉवर विंग्स फाउण्डेशन (Power Wings Foundation) की संस्थापिका सुमन सिंह रावत ने कहा कि पीएम मोदी ने जो 2025 तक टीबी मुक्त भारत (TB-free India) की मुहीम शुरू की है हम उसी का हिस्सा बन रहे हैं। हमारी परिवर्तन टीम, प्राची श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीबी को गोद (TB patients adoption) ले रही है और उनको इलाज के दौरान पोषण किट (nutrition kits) उपलब्ध करवा रहे है।
जो मरीज (Tuberculosis) ठीक हो जाते हैं उनकी जगह दूसरे मरीजों को गोद लेते जाते है। आज दी गई पोषण किट में गुड़, चना, सत्तू, हॉर्लिक्स, दलिया, बिस्कुट, सेब, टूथपेस्ट, मूंगफली, मूंग की दाल और जूस इत्यादि चीजें हैं। प्राची श्रीवास्तव ने कहा कि साल 2019 से अभी तक 173 टीबी मरीजों को गोद लिया है। संस्था से राजेन्द्र त्रिपाठी, सोनिया टंडन, नमिता पांडे और राधा अवस्थी मौजूद रहे।
कैण्ट अस्पताल (Cantonment Hospital) में टीबी केन्द्र (TB Center) के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राजीव कुमार ने बताया कि 577 मरीज इस समय टीबी की दवा ले रहें हैं। नियमित रूप से इनसे सम्पर्क रखा जाता है और इसके लिए मरीजों के घर जाते है या फोन पर बात करके हालचाल लेते रहते है।
जिला टीबी अधिकारी कार्यालय के डिस्ट्रिक पीपीएम कॉर्डिनेटर सौमित्र कुमार मिश्रा ने बताया कि पूरे लखनऊ में लगभग 10 हज़ार मरीजों का इलाज चल रहा है। अभी तक 3925 मरीजों को 138 संस्थाओं द्वारा गोद लिया गया है जो हर महीने पोषण सामग्री वितरित कर रहें हैं।
टीबी मरीजों को गोद लेने की निगरानी रखने के सवाल पर सौमित्र कुमार ने कहा कि लखनऊ जिले में 28 टीबी केंद्र हैं और हर केन्द्र को निक्षय मित्रों के बीच बांटा गया है। निक्षय मित्र (Nikshay Mitra) गोद लेने या पोषण सामग्री वितरित करने से पहले केन्द्र पर सूचना देते हैं जिससे उस मौके पर हमारा स्टाफ मौजूद रह कर फालोअप करता है। ये सारी जानकारी निक्षय पोर्टल (Nikshay portal) पर तुरंत अपडेट कर दी जाती है।
2025 तक टीबी मुक्त भारत (TB Mukt Bharat) के लक्ष्य को लेकर डिस्ट्रिक पीपीएम कॉर्डिनेटर (PPM Coordinator) ने कहा कि बहुत सारे कार्यक्रम वृहद स्तर पर चलाए जा रहे हैं। टीबी डॉयग्नोसिस (TB Diagnosis) काफी अपडेट हुआ है और प्रारम्भिक स्तर पर ही टीबी का परीक्षण हो जाता है जिससे सही समय पर सही दवाई शुरू कर दी जाती है।
प्राइवेट संस्थाओं से टीबी मरीजों का डाटा बराबर लिया जा रहा है और उसे निक्षय पोर्टल पर तुरंत अपडेट किया जाता है। इसके साथ राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने गोद लेने की परम्परा शुरू की है जिसको आगे बढ़ाया जा रहा है।
जिला क्षय रोग केन्द्र सौमित्र मिश्रा डिस्ट्रिक्ट पीपीएम कोऑर्डिनेटर ने बताया कि विगत सप्ताह 30 मरीजों को राज्यपाल भवन के विभिन्न अधिकारियों एवं 5 क्षयरोगी बृजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने गोद लिया था और विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने वर्ष 2022 में 3931 मरीजों को गोद लिया है।
इस मौके पर सदर अस्पताल (Sadar Hospital) की टीबी केंद्र चिकित्सा अधिकारी डॉ कीर्ति सक्सेना, राजेश शर्मा, अजीत शुक्ल और जिला टीबी अधिकारी कार्यालय से अभय चंद्र मित्रा तथा सीनियर ट्रीटमेंट प्रयोगशाला पर्यवेक्षक लोकेश वर्मा भी मौजूद रहें।
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क्वीनमेरी हॉस्पिटल में आश्रय पालन स्थल का यूपी के डिप्टी सीएम औऱ स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शु
वर्तमान स्थितियों को देखते हुए हेल्थकेयर सेक्टर और हॉस्पिटल मैनेजमेंट के क्षेत्र मै है भरपूर अवसर।
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दूसरे राज्यों से एम्स में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने
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हेल्थ जागरण ने सद्गुरु से प्राचीन वैदिक मूल स्वास्थ्य सिद्धांतों के तहत पूरी दुनिया को लाने का सवाल
रुमेटोलॉजी के प्रदेश के जाने माने विशेषज्ञ प्रोफेसर अनुपम वाखलू ने अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्
शनिवार को ओमिक्रॉन वैरिएंट के 10,059 नए मामलों की पुष्टि की है जोकि शुक्रवार को इस वैरिएंट के सामने
अब सरकारी क्षेत्र की 260 लैब काम कर रही हैं, जबकि निजी क्षेत्र में 138 लैब काम कर रही हैं। इनमें आरट
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