लखनऊ। केजीएमयू ने 25वां सफल लिवर प्रत्यारोपण (liver transplant) करके इतिहास रचा है। इस प्रत्यारोपण के साथ ही केजीएमयू के सर्जीकल गैस्ट्रोएंटोलॉजी विभाग (Department of Surgical Gastroenterology) ने किसी भी सरकारी संस्थान में सबसे ज्यादा ट्रांसप्लांट की उपलब्धि हासिल की है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) ने बधाई दी है। यह लिवर प्रत्यारोपण सफल होने के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
केजीएमयू (KGMU) में पिछले महीने सरोजनीनगर निवासी 18 वर्षीय बेटे ने अपने 47 वर्षीय पिता रवि केसरवानी को लिवर दान दिया था। रवि लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे। इस सर्जरी को 40 विशेषज्ञों की टीम ने अंजाम दिया। इसमें करीब 10 घंटे समय लगा। सर्जिकल गैस्ट्रोएंटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अभिजीत चंद्रा ने बताया कि 14 मार्च 2019 को केजीएमयू में पहला ट्रांसप्लांट हुआ था।
इस समय हर साल देश में करीब दो हजार लिवर ट्रांसप्लांट होते हैं। एक ट्रांसप्लांट की लागत करीब 30 से 40 लाख रुपये होती है। केजीएमयू में इसकी लागत महज 10 लाख रुपये ही आती है।
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