लंदन। एक मॉडलिंग अध्ययन के अनुसार, अगर बेहतर नियंत्रण उपाय नहीं किए गए तो अगले साल अप्रैल तक इंग्लैंड में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन संस्करण 25,000 से 75,000 कोविड-19 संबंधित मौतों का कारण बन सकता है। इस अध्ययन से पता चलता है कि ओमिक्रॉन में इंग्लैंड में संक्रमण की बड़ी लहर पैदा करने की क्षमता है जिसमें जनवरी 2021 के मुकाबले कहीं अधिक मामले सामने आ सकते हैं और अस्पताल में भर्ती मरीजों की तादाद बहुत अधिक बढ़ सकती है। इसमें कहा गया है कि अतिरिक्त नियंत्रण उपाय नहीं अपनाने पर अप्रैल 2022 तक 74,800 मौतें हो सकती हैं।
एलएसएचटीएम ने नए डाटा का किया उपयोग
यूके में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) के शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन की एंटीबॉडी-विकसित विशेषताओं पर नए प्रयोगात्मक डाटा का उपयोग किया ताकि वैरिएंट के प्रतिरक्षा से बचने के लिए सबसे बेहतर परिदृश्यों का पता लगाया जा सके। सबसे उम्मीदजनक परिदृश्य के तहत, संक्रमण की ऐसी लहर का अनुमान है जिसमें अस्पतालों में भर्ती होने के 2,000 से अधिक दैनिक मामले सामने आ सकते हैं। यदि कोई अतिरिक्त नियंत्रण उपाय लागू नहीं किया जाता है तो 1 दिसंबर 2021 से 30 अप्रैल 2022 के बीच अस्पताल में 175,000 भर्ती हो सकते हैं और 24,700 की मौत हो सकती है।
लगाने होंगे कई प्रतिबंध
यह आशावादी परिदृश्य ओमिक्रॉन के इम्यून से कम बचने और वैक्सीन बूस्टर की उच्च प्रभावशीलता के बारे में बताता है। इस परिदृश्य में 2022 की शुरुआत में नियंत्रण उपायों को लागू करना जैसे इनडोर कार्यक्रमों, कुछ मनोरंजन स्थलों को बंद करना और लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध शामिल हैं। अगर ऐसा किया जाता है तो वायरस की लहर को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। ऐसा होने पर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में 53,000 की कमी और मौतों में 7,600 की कमी होगी। सबसे निराशावादी परिदृश्य में ओमिक्रॉन के इम्यून से अधिक बचने और वैक्सीन बूस्टर की कम प्रभावशीलता होगी।
अतिरिक्त नियंत्रण उपाय नहीं अपनाने पर 74,800 मौतें
यह परिदृश्य संक्रमण की एक लहर को इंगित करता है, जो जनवरी 2021 में अस्पताल में सबसे अधिक मरीजों की भर्ती होने संभावना को दिखाता है। अगर कोई अतिरिक्त नियंत्रण उपाय नहीं किया जाता है तो 492,000 लोग अस्पताल में भर्ती होंगे और 74,800 मौतें हो सकती हैं। एलएसएचटीएम के रोसन्ना बरनार्ड ने कहा कि ओमिक्रॉन विशेषताओं के बारे में बहुत अनिश्चितता है और कहना मुश्किल है कि क्या इंग्लैंड में ओमिक्रॉन उसी तरह फैलेगा जैसा दक्षिण अफ्रीका में इसका प्रसार हुआ था।
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