कानपुर । भारत में सर्विकल कैंसर से महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित होती है। रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कानपुर के आंकोलोजिस्ट ने कहा है कि अब समय आ गया है कि इस कैंसर के लिए ट्रीटमेंट जैसे कि ब्रैकीथेरेपी के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। हालांकि इसकी रोकथाम की जा सकती है फिर भी भारत में इस कैंसर की मृत्यु दर अन्य कैंसर से ज्यादा है। भारत में दुनिया के सर्विकल कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा पूरी दुनिया का लगभग एक-चौथाई है। लैंसेट ग्लोबल में प्रकाशित एक शोध पत्र के अनुसार 2018 में सर्विकल कैंसर से 60,078 मौतें हुई।
सर्वाइकल कैंसर होने की औसत उम्र 40- 50 वर्ष है और इसी उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर अधिकतम पाया जाता है। इस कैंसर के मुख्य लक्षण है - अनियमित ब्लीडिंग होना, माहवारी के खत्म होने के बाद भी ब्लीडिंग होना और अनियमित डिस्चार्ज होना ।
डॉ नीरजा मौर्या, कंसलटेंट- रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कानपुर ने कहा, “सर्विक्स कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए रेडियोथेरेपी इबीआरटी और ब्रैकीथेरेपी की एहम भूमिका है । इबीआरटी और ब्रैकीथेरेपी दोनों ही एडवांस सर्विक्स कैंसर (I B- IV A) में स्टैण्डर्ड ट्रीटमेंट है । इसके साथ ही पहले स्टेज में ही सिर्फ ब्रैकीथेरेपी करके सर्जरी के रिस्क को हम कम कर सकते है”
एक शोध के अनुसार कीमोथेरेपी या इबीआरटी (एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी) के बाद ब्रैकीथेरेपी करने से मरीज के बचने की सम्भावना बढ़ जाती है। अमेरिका में हुई एक स्टडी में पाया गया कि ऐसी महिलाएं जिन्होंने इबीआरटी कराया है उसकी तुलना में ब्रैकीथेरेपी कराने वाली महिलाओं में पिछले 4 साल के सर्वाइवल में 12% की वृद्धि हुई है।
डॉ आशीष राज कुलश्रेष्ठ, कंसलटेंट- रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कानपुर ने कहा, " हमारे संस्थान में सी टी स्कैन के द्वारा प्लान करके ब्रैकीथेरेपी की जाती है जिसके द्वारा ट्यूमर को अच्छे कवरेज के साथ साथ उसके साइड इफेक्ट का खतरा भी काफी कम हो जाता है और इसमें ट्रीटमेंट और रिकवरी मैं समय भी काफी कम लगता हैI हम अक्सर अपने मरीजों को इस मिनिमली इनवेसिव तकनीक की सलाह देते हैं क्योंकि इससे कम साइड इफेक्ट के साथ-साथ सर्वाइवल चांस भी अच्छा रहता है और इसको ओपीडी बेसिस पर भी कर सकते हैंI"
जब प्रोसीजर कोर्स ख़त्म हो जाता है तो फालोअप अपॉइंटमेंट आमतौर पर लगभग 4 से 6 हफ्ते के लिए निर्धारित किया जाता है। यह अपॉइंटमेंट यह जांचने के लिए होती है कि ट्रीटमेंट ठीक चल रहा है या नहीं और कोई संभावित साइड इफेक्ट तो नहीं है?
एस. के. राणा March 07 2025 0 20979
एस. के. राणा March 06 2025 0 20757
एस. के. राणा March 08 2025 0 19536
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18315
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14874
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13431
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80352
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84968
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85149
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74421
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64213
आयशा खातून December 05 2022 0 117660
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99846
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85793
लेख विभाग October 23 2022 0 70685
लेख विभाग October 24 2022 0 72236
लेख विभाग October 22 2022 0 79512
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85788
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80462
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग मेडिकल कॉलेजेज में एमडी व एमएस कोर्स की सीट्स
यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के लिए होल्ड्सवर्थ और उनके
पाली जिले में एक बार फिर ममता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। झाड़ियों में नवजात शिशु पड़ा मि
सीएमओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि, फिलहाल जनपद में दो स्वास्थ्य एटीएम मशीन जल्द चालू होने वाली है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक 191.79 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं। इनमें
साल 2020 में कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सा
आमतौर पर एड्स संक्रमित साथी के साथ असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के कारण होता है। यह एचआईवी संक्र
इनोविवा हेल्थ केयर रॉयल्टी एण्ड एसेट मैनेजमेंट के साथ विभिन्न कम्पनियों की होल्डिंग रखती है और स्वास
पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव धूम-धाम से मनाया जा रहा है और उत्तर प्रदेश की राजधानी भी तीन रंगो
WHO ने जो रिपोर्ट जारी की है, वह सरकारी क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवालिया निशान है। संगठन
COMMENTS