लखनऊ। पेशाब करने में दर्द होना या यूरीन अक्सर लाल-भूरे रंग का आना खतरनाक हो सकता है। इसे बिलकुल भी नजर अंदाज न करें। गलत खान-पान और जरुरत से कम पानी पीने के कारण आजकल ज्यादातर लोग किडनी स्टोन का शिकार हो रहे है। किडनी स्टोन से पीड़ित लोग अक्सर दर्द के साथ यूरीन आने की शिकायत करते हैं। ऐसा तब होता है जब किडनी स्टोन मूत्रमार्ग से मूत्राशय में चले जाते है।
अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हाँस्पिटल के डाक्टर राहुल यादव सीनियर कंसलटेंट यूरोलाँजी एन्ड रेनल ट्रान्सप्लांट ने बताया कि किडनी की पथरी से पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द हो सकता है, जो कुछ मिनटों या घंटो तक बना रह सकता है। पाचन क्रिया सही न रहना या मचली आना किडनी स्टोन के शुरूआती संकेतों में से एक है। उल्टियां होने के मुख्यतः दो कारण होते है। पहला स्टोन के स्थानांतरण के कारण तथा दूसरा किडनी शरीर के भीतर की गंदगी (टॉक्सिक) को बाहर करने में मदद करते हैं। किडनी स्टोन के कारण रोगी को बैठने में परेशानी होती है।
वहीं अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशयलटी हाँस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट यूरोलाँजी एन्ड रेनल ट्रान्सप्लांट डाक्टर आदित्य के. शर्मा ने बताया कि किडनी रोग होने की आशंका महिलाओं व पुरुषों में बराबर होती है। इसका पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देर तक असर रहा है। किडनी प्रत्यारोपण के प्रकरणों में 70 से 80 प्रतिशत डोनर महिलाएं होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर के इस अत्यंत महत्वपूर्ण अंग की कार्यप्रणाली व इसमें हो सकने वाली समस्याओं की जानकारी होनी चाहिए। महिलाओं में किडनी इनफेक्शन की संभावना अधिक होती है। इसलिए उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
किडनी स्टोन के पीड़ितों को अक्सर तेज बुखार और ठंड लगने की समस्या बनी रहती है। इसका कारण मूत्र पथ के संक्रमण (या यूटीआई) की संभावना बढ़ जाती है। इस अवस्था में रोगी को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। अगर आप ज्यादा मात्रा में कोल्ड ड्रिंक्स या शराब पीते हैं तो यह आदत पूरे शरीर के लिए ही हानिकारक है। शराब या सोडा के अधिक सेवन से आपके शरीर का प्रोटीन मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाता है, और जिसका सीधा असर आपकी किडनी पर पड़ता है जब हम सोते हैं तो हमारी किडनी के उतकों का नवनिर्माण होता हैं। इसलिए हमें पूरी और अच्छी नींद की बेहद जरूरत होती हैं। कुछ लोगों को ज्यादा नमक खाने की आदत होती है जिसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है। शरीर में सोडियम की मात्रा अधिक होने पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जिसकी वजह से किडनी पर ज्यादा जोर पड़ता है। इसके अलावा अधिक मिठाई का सेवन करने से भी यूरिन से प्रोटीन निकलने लगता है, जिससे किडनी खराब होने लगती हैं। किडनी स्टोन न हो इसके लिये हमें दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीने जरूर पीना चाहिये। धूम्रपान एवं तम्बाकू के सेवन से बचना चाहिये। सुबह उठते के पश्चात सर्वप्रथम पेशाब करने जाना चाहिये न कि आलस की वजह से देर तक उसे रोके रहें। मधुमेह के शिकार लगभग तीस प्रतिशत लोगों को किडनी की बीमारी हो ही जाती है और किडनी की बीमारी से ग्रस्त एक तिहाई लोग मधुमेह से पीड़ित हो जाते हैं। इसलिये खून में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित रहना आवश्यक होता है। बिना डॉक्टर की सलाह के दुकान से पेनकिलर दवाएं खरीदकर उनका सेवन किडनी के लिये खतरनाक हो सकता है। नॉनवेज में प्रचुर मात्रा में विटामिन और प्रोटीन होते हैं। हड्डियों को मजबूत रखने के लिए नॉनवेज का सेवन जरूरी है। लेकिन अधिक मात्रा में नॉनवेज का सेवन करने से किडनी डैमेज हो जाती है। दरअसल अधिक मात्रा में प्रोटीन डाइट लेने से किडनी पर मेटाबॉलिक लोड बढ़ जाता है, जिससे किडनी स्टोन की संभावना बढ़ जाती है।
रोगी को प्रोटीन के साथ-साथ मिश्रित आहार लेने की भी आवश्यकता होती है। रोगी को रेड मीट खाने से बचना चाहिए और ढेर सारा पानी पीना चाहिए, साथ ही चाय, कॉफी व् शराब का सेवन भी सीमित रूप से करना चाहिए
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