D. Pharma या (Diploma in pharmacy) 2 वर्ष का पूर्णकालिक कोर्स है। इस कोर्स को कक्षा 12 पास करने के बाद किया जा सकता है। जिन स्टूडेंट को दवा विज्ञान के चिकित्सा क्षेत्र में अपना करियर बनाना होता है उनके लिये ये कोर्स बहुत अच्छा कोर्स माना जाता है। इस कोर्स मे फार्माकोलॉजी, केमिस्ट्री, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, बायोकेमिस्ट्री, कैनेटीक्स, फार्मेसी मैनेजमेंट और कंपाउंडिंग मेडिसीन के सभी विषयों को पढ़ाया जाता है।
D Pharma कोर्स करने के लिये शैक्षिक योग्यता:
D Pharma कोर्स दवा विज्ञान का कोर्स है जिसको करने के लिये स्टूडेंट्स को 10+2 पास होना पड़ेगा। 10+2, Physics, Chemistry और Biology या Maths से करने वाले स्टूडेंट (Student) इस कोर्स को कर सकते है। 10+2, में कम से कम 50% से ज्यादा मार्क्स होना चाहिए। और इस कोर्स को करने के लिये minimum age limit 17 वर्ष है। आरक्षित वर्ग के छात्रों को नियमानुसार छूट मिलती है।
D Pharma में admission कैसे ले?
D Pharma कोर्स मे दो तरीको से admission होता है। एक direct admission दूसरा entrance exam से।
D Pharma मे admission के लिए entrance exam
D Pharma की फीस कितनी होती है?
इस कोर्स की फीस चयन किये गये collage पर निर्भर करेंगा। आमतौर पर इस कोर्स मे 10 हजार से 1 लाख प्रति फीस लग सकता है। Government college की फीस 20 हजार से 25 हजार रुपये प्रति वर्ष हो सकता है।
D Pharma करने के बाद जॉब ?
अब हम बात करते है की d pharma करने के बाद आपकी नौकरी कौन सी कंपनीयो मे लग सकती है ।
D Pharma करने के बाद कौन सी जॉब कर सकते हैं?
अब अगर आप d pharma कोर्स कर लेते है तो आप इस कोर्स को करने के बाद कौनसी जॉब कर सकते है उसके बारे मे बात करते है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73470
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67539
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108336
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में कोरोना का एक मरीज सामने आया हैं। इस दौरान एक मरीज रिकवर भी हुआ। इसी के
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि नए एंटीबॉडी को मौजूदा एंटीबॉडी के कॉकटेल में शामिल किया ज
मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री ने सफल आयोजन के लिए संस्थान को बधाई देते हुए उम्मीद जाहिर की कि पहली बार ल
द विंसी सर्जिकल सिस्टम (डीवीएसएस) के साथ मिनिमली इनवेसिव सर्जरी का विकास हुआ। यह एक आधुनिक टेक्नोलॉज
इन दिनों डेंगू,चिकनगुनिया,मलेरिया,स्क्र्ब टायफस और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां फैली हुई हैं। इसमें भी
यह प्रदेश का पहला इम्पल्स ऑसिलोमीटर है। यह फेफड़े में ध्वनि तरंग उत्पन्न करके श्वसन रोगों के निदान ह
चाइल्डलाइन टीम इचवालिया गांव में घर-घर जाकर लोगों को कोरोना टीका लगवाने के प्रति लगातार जागरूक करने
Maternal consumption of ultra-processed food during the child rearing period was associated with an
डॉक्टरों के संघों ने आरोप लगाया है कि रामदेव बड़े पैमाने पर जनता को गुमराह कर रहे थे। वे गलत तरीके स
एमवे इंडिया 100% पोस्ट-कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्ट का प्रबंधन करने और 100% प्री-कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्
COMMENTS