सुंदर और घनी आइब्रो हर महिला की चाहत होती है। इसके लिए महिलाएं अपनी आइब्रो सेट कराने के लिए हर महीने पार्लर या ब्यूटी सैलून जाती हैं। थ्रेडिंग के दौरान महिलाओं को काफी दर्द भी बर्दास्त करना पड़ता है।
इसी दर्द से निजात पाने के लिए एक तकनीक ईजाद की गई है, जिसे माइक्रोब्लैडिंग ट्रीटमेंट (treatment) नाम दिया गया है। आइब्रो (eyebrow) सेट करने की इस तकनीक से आप अपनी भौहें मनचाहे शेप में सेट करा सकती हैं। इसकी खासियत यह है कि थ्रेडिंग (threading) की अपेक्षा इसमें बहुत कम दर्द होता है।
आज कल महिलाएं माइक्रोब्लैडिंग (microblading) तकनीक को काफी पंसद कर रही है। माइक्रोब्लैडिंग एक सेमी-परमानेंट टैटू (tattoo) तकनीक है, जिसका उपयोग आइब्रो को सुंदर बनाने के लिए किया जाता है। माइक्रोब्लैडिंग के समय आइब्रो के बाल से मिलते रंगों को एक मशीन की मदद से स्किन के अंदर इम्प्लांट कर दिया जाता है। इस तकनीक से आइब्रो को सुंदर आकार के साथ-साथ अपने पंसद का रंग भी दिया जा सकता है। जिससे आपकी आइब्रो घनी और सुंदर दिख सके।
इसमें पेन के जैसे एक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें छोटी-छोटी सूइयों के साथ निब ब्लेड (blade) लगा होता है। यह स्किन की सतह को खरोंचता है और आइब्रो के आसपास के एपिडर्मिस लेयर को बेहतर शेप देता है। खास बात यह है कि यह ट्रीटमेंट (treatment) काफी टिकाऊ होता है। आमतौर पर 1 साल से लेकर 3 साल तक आइब्रो में टच-अप की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन यदि आपकी स्किन ऑयली (oily) है तो आपको 1 साल बाद आइब्रो सेट कराने की जरूरत पड़ सकती है। नॉर्मल स्किन वाली महिलाओं की आइब्रो पर माइक्रोब्लैडिंग 18 महीने तक टिक सकती है।
एस. के. राणा March 07 2025 0 20313
एस. के. राणा March 06 2025 0 20091
एस. के. राणा March 08 2025 0 18870
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 17982
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14319
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 12987
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80130
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84857
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83322
admin January 04 2023 0 84927
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74310
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64102
आयशा खातून December 05 2022 0 117549
लेख विभाग November 15 2022 0 87247
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99624
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85571
लेख विभाग October 23 2022 0 70463
लेख विभाग October 24 2022 0 72125
लेख विभाग October 22 2022 0 79401
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85566
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80351
डोर-टू-डोर जाकर लोगों को डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे रोगों से बचाव हेतु जन-मानस को जागरूक किया ग
ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबी महिलाएं खुद की सेहत पर ध्यान नहीं दे पातीं, इसके कारण 30 की उम्र के बाद
स्पर्म या एग बैंकिंग के सवाल का जवाब देते हुए डॉ पवन यादव ने कहा कि हमारे यहां मिक्सिंग या बदल जाने
गैर-सरकारी संगठन ‘फाउंडेशन फॉर रिप्रोडक्टिव हेल्थ सर्विसेज इंडिया’ द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में पाया
1.5 करोड अमरीकी डालर मूल्य के किट खरीदेंगें और उनका उपयोग प्रति माह 1 करोड़ अमरीकी डालर के मूल्य का ल
आईसीएमआर के तहत काम करने वाले नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों का कहना है कि पुणे शहर म
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह नें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भागलपुर परसिया चंदौर का औचक निरीक्षण
गोवंश में फैलने वाले लंपी रोग (lumpy disease) का प्रकोप फिर से शुरू हो गया है। इससे निपटने के लिए पश
ब्रजेश पाठक, उप-मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा के कर कमलों द्वारा संस्थान के पुनर्निमित आर्थोपेडिक्स इ
कानपुर के दीपापुर में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने फाइलेरिया जागरूकता रैली निकाली गई। इस दौरान बच
COMMENTS