नयी दिल्ली। भारत में कुछ दिनों से इन्फ्लुएंजा एच3एन2 (H3N2)वायरस के काफी मामले दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टरों को सलाह दी है कि वो मरीजों एंटीबायोटिक (Antibiotic) लिखने से बचें। दरअसल मौसम बदलने (Change weather) के साथ बुखार (FEVER), सर्दी, खांसी के केस तेजी से बढ़े हैं। इसको देखते हुए IMA ने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कहा है कि जब एंटीबायोटिक की आवश्यकता नहीं होती है तो इन्हें लेने से एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic resistance) होता है।
देश के कई जगहों पर लोगों में इसी स्ट्रेन के लक्षण (Strain symptoms) मिले हैं जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की तादाद बढ़ी है। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि जब भी एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic medicines) के उपयोग की जरूरत होगी तो वे प्रतिरोध के कारण काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में खांसी, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या (Number of patients) में अचानक वृद्धि हुई है। संक्रमण आमतौर पर लगभग 5 से 7 दिनों तक रहता है। बुखार तीन दिनों में चला जाता है। खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। एनसीडीसी से मिली जानकारी के अनुसार, ये ज्यादातर मामले एच3एन2 वायरस के हैं।
ऐसे करें बचाव- This is how to protect
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