नयी दिल्ली। फ्रांस और जर्मनी में सेक्स सम्बन्धी बीमारियों (sex related diseases) में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। इनमें गोनोरिया (gonorrhea), क्लैमिडिया (chlamydia) और सिफिलिस (syphilis) जैसी बीमारियां प्रमुख हैं। सरकारों का मानना है कि मुफ्त कंडोम बांटने से इस समस्या को काफी हद किया जा सकता है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए यौन शिक्षा भी जरूरी है।
फ्रांस सरकार (French government) ने अनचाहे गर्भधारण और यौन रोगों के प्रसार को कम करने के लिए इस साल 1 जनवरी से 25 साल और उससे कम आयु के सभी लोगों को मुफ्त में कंडोम (condoms) दे रही है। इसके योजना के तहत 25 साल तक और उससे कम उम्र के लोग किसी केमिस्ट की दुकान (chemist shop) से मुफ्त में कंडोम ले सकेंगे। साथ ही, इस नीति के तहत लोग दवा की दुकानों से 'प्रिजर्वेटिव्स' या 'कैपोट्स' नामक गर्भ निरोधक (contraceptives) भी मुफ्त में हासिल कर सकते हैं।
फ्रांस में पिछले एक साल से युवा महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियां (birth control pills) और आईयूडी (IUD) जैसी चिकित्सा सुविधाएं पहले से ही मुफ्त हैं। पहले कोई भी डॉक्टर सिर्फ 18 साल से कम उम्र की लड़कियों को ही गर्भनिरोधक गोलियां मुफ्त में दे सकता था, फिर सरकार ने इस सुविधा का दायरा बढ़ाते हुए फैसला किया कि 25 साल से कम उम्र की सभी महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां मुफ्त में मिले।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों (Emmanuel Macron) ने इस नई नीति को यौन संचारित रोगों (एसटीडी) के प्रसार को रोकने के लिए ‘छोटी रोकथाम क्रांति' के तौर पर बताया है। दरअसल, फ्रांस में कथित तौर पर 2020 और 2021 में एसटीडी (STD) में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है।
वहीं, जर्मनी इस मामले में थोड़ा पिछड़ा हुआ दिखाई देता है। यहां महिलाओं को गर्भ निरोधक गोली या इंट्रायूटरिन डिवाइसों (आईयूडी) खरीदना पड़ता है। हालांकि, 22 वर्ष से कम आयु के लोग अपने पर्चे के आधार पर दावा करके बीमा कंपनियों से इसका पैसा वापस पा सकते हैं।
गर्भ निरोधक गोली या इंट्रायूटरिन डिवाइस (आईयूडी) अनचाहे गर्भधारण (unwanted pregnancy) से बचने और छुटकारा पाने में तो मदद करती है, लेकिन यौन रोगों से बचाव नहीं हो पाता। यौन रोगों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कंडोम का इस्तेमाल करना है।
यूरोप में तेजी से बढ़ रहा एसटीडी संक्रमण - STD infection on the rise in Europe
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (European Center for Disease Prevention and Control) के संक्रामक रोगों के सर्विलांस एटलस से पता चलता है कि पूरे यूरोपीय संघ में हाल के वर्षों में एसटीडी के मामले बढ़े हैं। पूरे यूरोप में गोनोरिया के मामले 2009 के बाद तेजी से बढ़े हैं। हालांकि, 2019 के बाद इसमें तेजी से गिरावट दर्ज की गई। शायद इसकी वजह यह है कि कोरोना महामारी (Corona epidemic) के कारण लोगों का आपस में मिलना-जुलना कम हुआ और जांच भी कम हुई। सबसे ज्यादा मामले स्पेन (Spain), नीदरलैंड (Netherlands) और फ्रांस (France) में दर्ज किए गए हैं। 25 से 34 वर्ष की उम्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
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