लखनऊ। बहुत ज्यादा गर्म तापमान की वजह से गर्मी से सम्बंधित बीमारियां जैसे कि हीट स्ट्रोक, समर डिप्रेशन और डीहाइड्रेशन की समस्या बच्चों, ऑफिस जाने वालों, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले, इंडस्ट्रियल और बूढ़े लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही है। लोगों से आग्रह किया है कि वे पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करते रहे और बाहर गर्म तापमान में कोई भी काम न करें। इस मौसम में उच्च तापमान हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकता है।
डॉ. डीपी. सिंह, इंटरनल मेडिसिन, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने कहा, "हमें डिहाइड्रेशन, गर्मी से थकावट और हीटस्ट्रोक के बहुत सारे केसेस देखने को मिल रहे हैं। हर दिन हमें ऐसे 15-20 केस मिल रहे हैं। हर आयु वर्ग के लोग बच्चे से लेकर बुजुर्ग इस समस्या से पीड़ित हैं। इस तरह की समस्याओं के कई लक्षण होते हैं लेकिन ज्यादातर समस्याओं में प्यास न बुझ पाना, थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन प्रमुख होता है।
हमारा शरीर डीहाइड्रेट होने पर ज्यादा लार का उत्पादन नहीं करता है। जब लार पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाती है तो मुंह में बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं जिससे बदबू की समस्या सामने आती है। शरीर में पानी की मात्रा कम होने से त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। गर्म मौसम में तरल पदार्थों का कम सेवन और शारीरिक रूप से मेहनत इस तरह की गर्मी से संबंधित बीमारियों को जन्म दे सकता है।"
गर्मी से होने वाली थकावट और स्ट्रोक (stroke) की रोकथाम, पहचान और मैनेजमेंट के बारे में लोगों को शिक्षित करना भी इस समय बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। सूथिंग और प्रोबायोटिक दही (curd) न केवल आपके पेट के लिए अच्छी होती है, बल्कि इसके कूलिंग इफेक्ट (cooling effect) के कारण यह आपके पेट को आराम देने में भी मदद कर सकती है। यह ब्लड प्रेशर (blood pressure) को भी सामान्य कर सकती है। इम्युनिटी (immunity), पाचन (digestion), हृदय (heart) और त्वचा (skin) के लिए भी यह कई शानदार लाभ पहुंचाती है। आप इसे आसानी से अपने चावल के साथ मिलाकर खा सकते हैं या इसका रायता (raita) भी बना सकते हैं।
पुदीना (Mint) भारत में गर्मियों में ज्यादा होता है आप इसे चटनी, पेय पदार्थ, रायता और यहां तक कि आइसक्रीम (ice cream) में भी मिला करके खा सकते हैं। जितनी बार हो सके पर्याप्त पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे। अगर दिन में कहीं आ जा रहे हो तो साथ में पानी की बोतल लेकर चलें। बासी भोजन (stale food) न करें। हल्का और ताजा भोजन ही खाएं। हीट स्ट्रोक (heat stroke) में बदली हुई मानसिक स्थिति, पसीना न आना, मतली न आना के लक्षण वाले व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।
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