भारतीय परम्परा में यह तथ्य प्रचलित है कि 'स्वस्थ शरीर में, स्वस्थ मन बसता है'। शरीर को स्वस्थ रखना एक जटिल प्रक्रिया है। ऐसा माना जाता है कि पौष्टिकता, पर्याप्त नींद, मानसिक शान्ति और शारीरिक गतिविधियां शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करतीं हैं। गतिविधि कोई भी हो बिना ऊर्जा के सम्भव नहीं होती है। शारीरिक गतिविधियों के ऊर्जा का स्रोत स्वच्छ, रुचिकर और पौष्टिकता से भरपूर भोजन है। पौष्टिकता भोजन की आत्मा है।
आज विश्व पोषण दिवस पर समझतें है कि पोषण क्या है - Lets understand nutrition on World Nutrition Day
भोजन के वे सभी तत्व जो शरीर के अंगों को कार्य करने में मदद करते हैं, उन्हें पोषण तत्व कहते हैं। प्रोटीन (Proteins), कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates), फैट (fats), विटामिन (vitamins), मिनरल्स (minerals), लवण (minerals) और पानी (water) प्रमुख पोषण तत्व हैं। यदि ये पोषण तत्व हमारे भोजन में उचित मात्रा में मौजूद न हों, तो शरीर अस्वस्थ हो जाएगा।
इस विश्व पोषण दिवस पर, अपने आप पर ध्यान दें और देखें कि स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए आप क्या कर सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी के दुष्प्रभाव - Side effects of nutrient deficiency
1. पोषक तत्वों की कमी आने से मानव शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, जुकाम, बुखार, सरदर्द जैसी साधारण रोगों से भी लड़ने की शक्ति कमजोर पड़ जाती है तथा वह रोगों से घिर जाता है।
2. पोषक तत्वों की कमी से एनीमिया, पेलाग्रा, स्कर्वी, बेरी बेरी, एलर्जी, पायरिया, रतौंधी, दूरदृष्टि रोग व निकटदृष्टि रोग, अल्सर, मुंह के छाले, तपेदिक आदि बीमारियां हो सकती हैं।
3. पोषक तत्वों की कमी से मधुमेह डायबिटीज भी हो सकता है, जो कि अन्य रोगों को भी निमंत्रण देता है जैसे मोटापा बढ़ना, रक्तचाप बढ़ना, घावों का देरी से ठीक होना जैसी परेशानियां भी हो जाती हैं।
4. मानसिक समस्या जैसे बार बार भूलना, दिमाग की नसों में खिंचाव, मेटाबोलिज्म कमजोर पड़ना जैसी तकलीफें भी पोषक तत्वों की कमी के कारण पैदा हो सकती हैं।
5. हड्डियों व मांसपेशियों का कमजोर पड़ जाना, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या तथा दांतो सम्बन्धी तकलीफ, शारीरिक बल कम होना आदि समस्याएं पोषक तत्वों की कमी से उत्पन्न होती हैं।
6. शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कम मात्रा से पेट से सम्बन्धित गड़बड़ी जैसे दस्त, कब्ज, पाचन शक्ति कमजोर होना, पेट दर्द, या पेट में इन्फेक्शन आदि भी होता हैं।
7. कैल्शियम विटामिन पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी से रिकेटस रोग हो सकता है। इस में मानव शरीर में हड्डियों की संरचना बिगड़ जाने से विकृति पैदा हो जाती है।
8. खराब पोषण से कम प्रतिरक्षा, बिगड़ा हुआ शारीरिक और मानसिक विकास और कम उत्पादकता हो सकती है।
संतुलित आहार - Balanced diet
1. संतुलित आहार वह आहार है जिसमें सभी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज-लवण और जल शारीरिक जरूरत के हिसाब से उचित मात्रा में मौजूद हो। संतुलित आहार न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि लंबी उम्र भी प्रदान करता है।
2. संतुलित आहार के लिए जरूरी है कि खाने में सभी खाद्य समूहों जैसे अनाज, दालें, हरी सब्जियां, फल, डेयरी प्रोडक्ट, अंडा, मांस, मछली, वसा, मौसम में उपलब्ध फल और सब्जियों का सेवन पर्याप्त मात्रा में किया जाए।
3. संतुलित भोजन के लिए सबसे जरूरी है खाने के साथ उचित मात्रा में पानी पीना। कम पानी पीने से शरीर में अनेक बीमारियों पैदा होती हैं। इसलिए खुद को हाइड्रेट रखने के लिए हर रोज कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीना जरूरी है।
4. संतुलित आहार से शरीर को रेशा और एंटीऑक्सीडेंट जैसे विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा-कैरोटीन, राइबोफ्लेविन और सिलेनियम जैसे तत्वों की प्राप्ति होती है। इसमें फाइटोकेमिकल्स जैसे फ्लोवेन्स और पॉलिफिनॉल्स भी मौजूद होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स और पॉलिफिनॉल्स शरीर को अनेक प्रकार की क्षति और कई रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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