आंख की बीमारी आज के दौर में एक सामान्य समस्या बन गई है। WHO की एक रिपोर्ट की मानें तो विश्व भर में कम से कम 2.2 अरब लोगों को निकट या दूर का दृष्टि दोष है। इनमें से कम से कम आधे मामलों में दृष्टि हानि को रोका जा सकता था पर अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है। लोगों में जानकारी का अभाव इस समस्या का मूल कारण हैं। दृष्टिबाधित लोग ज्यादातर 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं परंतु आजकल दृष्टि हानि सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है।
आखें कमजोर होने का मूल कारण
विश्व की बढ़ती आबादी और बढ़ती उम्र दृष्टि दोष का सबसे बड़ा कारण है। आंखों की रोशनी कम होने के पीछे Genetic वजह भी हो सकती है। कम दृष्टि के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मधुमेह, आंखों में चोट लग जाना, उम्र के साथ आंखे कमजोर होना. कॉर्निया और ट्रेकोमा आदि रोग शामिल हैं। कभी-कभी किसी बीमारी से जुड़ा लक्षण भी हो सकता है। आजकल बच्चों में भी दृष्टि हानि के कारण विभिन्न देशों में काफी अलग अलग होते हैं। उदाहरण के लिए कम आय वाले देशों में जन्मजात मोतियाबिंद एक मुख्य कारण है। जबकि मध्यम आय वाले देशों में रेटिनोपैथी होने की अधिक संभावना है।
ये है इस बीमारी का मूल लक्षण
आंखों की रोशनी कम होने का सबसे बड़ा लक्षण है धुंधला दिखना। लोगों की नजरें जब कमजोर होती है तो धीरे-धीरे धुंधला दिखना शुरू होता है। जिस बात का पता आसानी से नहीं लग पाता तो ये जरूरी है कि हम आंखों की दृष्टि पर रोजाना नजर रखें कि नजरें कब कमजोर हो रही है। एक्सपर्ट्स की मानें तो उनका कहना है कि आंखों में धुंधलेपन की समस्या को अगर समय रहते ही पहचान लिया जाए तो आधी समस्या का निपटारा उसी वक्त हो जाता है। इसलिए डॉक्टर्स का ये भी मानना है कि हर 6 महीने में आंखों का चेकअप करवाते रहना चाहिए।
कोरोना काल में आंखों के मरीज बढ़े
एक रिपोर्ट ये भी सामने आई है कि कोरोना काल में आंखों की समस्या के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है। इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है लोगों का घर बैठकर ऑफिस का लगातार काम करना। लोगों का ये भी मानना है कि लॉकडाउन में वर्किग घंटों से ज्यादा काम लोगों ने घर बैठकर किया है।
आंखों को तंदरुस्त रखने के आसान तरीके
सुबह सूर्योदय से पहले उठें, उठने के बाद मुंह में पानी भरें और आखों में छींटे मारे ऐसा रोजाना करने से आंखों में ताजगी रहेगी। आंखों को ठंडे पानी से ही धोएं, गर्म पानी का इस्तेमाल ना करें। कम रौशनी में फोन ना चलाएं, तेज धूप में चमकती हुई चीजें ना देखें, कम रौशनी में काम करने से बचें। धूम्रपान करने से भी आंखों को नुकसान होता है। आंखों के लिए कई विटामिन की जरूरत होती है। इसलिए डाइट में हरे पत्तेदार सब्जियां,मछली आदि को शामिल करें।
एस्सिलोरलक्ज़ोटिका नाम की एक लेंस कंपनी लगातार बच्चों की स्वस्थ आंखों को लेकर कई अभियान चला रही है। इसका मानना है कि अगर आंखों की सेहत को लेकर समय रहते काम नहीं किया गया तो 2050 तक 50 प्रतिशत आबादी मायोपिया से पीड़ित हो जाएगी।
एस. के. राणा March 06 2025 0 69264
एस. के. राणा March 07 2025 0 69042
एस. के. राणा March 08 2025 0 66933
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 59496
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 46842
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 45732
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 39960
सौंदर्या राय May 06 2023 0 86679
सौंदर्या राय March 09 2023 0 91073
सौंदर्या राय March 03 2023 0 91425
admin January 04 2023 0 92031
सौंदर्या राय December 27 2022 0 81081
सौंदर्या राय December 08 2022 0 70873
आयशा खातून December 05 2022 0 124986
लेख विभाग November 15 2022 0 94795
श्वेता सिंह November 10 2022 0 119604
श्वेता सिंह November 07 2022 0 93452
लेख विभाग October 23 2022 0 78122
लेख विभाग October 24 2022 0 80894
लेख विभाग October 22 2022 0 87504
श्वेता सिंह October 15 2022 0 92892
श्वेता सिंह October 16 2022 0 87122
कोरोना से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें। मास्क लगाएं, दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करें और बा
एम्स ने बीएससी नर्सिंग पोस्ट बेसिक 2022 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। एम्स दिल्ली ने यह नतीजे आधि
दवाईयों के साथ यदि आप रोजाना एक कप प्याज की चाय पीतें हैं तो बीपी कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। प
फेफड़े का कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। इसके अलावा यह दूसरे कारणों से भी होता है। जिनमें तंबा
प्रारंभिक अवस्था में मूत्र असंयम के इलाज के लिए कीगल एक्सरसाइज करके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की
फ्लोटर्स के लिए किसी इलाज की जरूरत नहीं होती पर इससे पीडि़त व्यक्ति इनके अचानक आंखों में आ जाने से
लंपी वायरस ने देश में भयावह रूप अख्तियार कर लिया है। वहीं लम्पी वायरस की मार झेल रहे जिले के करीब 22
स्वयं सुरक्षित रहें और अपने परिवार भी सुरक्षित रखें। किसी भी प्रकार के अफवाह पर ध्यान ना दें। टीका प
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के कुल मामले 4,46,42,742 हैं। स
रोबोट के पिता बनने की ये कहानी बार्सिलोना की है। वैज्ञानिकों ने यहां रोबोट की मदद से संतानोत्पति के
COMMENTS