लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस बार जहाँ पटाखों की बिक्री में कमी आयी है वहीँ प्रदुषण की स्तिथि में कोई ख़ास कमी नहीं आयी है। बुधवार यानी 26 अक्टूबर की सुबह प्रदेश के ज्यादातर प्रमुख शहरों में वायु प्रदुषण (air pollution) का स्तर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।प्रयागराज और वाराणसी (Prayagraj and Varanasi) को छोड़कर सभी शहरों में एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 200 के ऊपर दर्ज किया गया। लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, बरेली, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, मुरादाबाद, नोएडा, और वाराणसी में भी वायु प्रदषण खराब स्थिति में पाया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) (सीपीसीबी) के अनुसार बुधवार की सुबह आगरा में संजय पैलेस क्षेत्र में एक्यूआई (AQI) 289, बरेली के राजेन्द्र नगर क्षेत्र में 261, गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में 332, गोरखपुर के एमएमएमयूटी क्षेत्र में 231, कानपुर के किदवईनगर क्षेत्र में 203, लखनऊ के लालबाग क्षेत्र में 277, मेरठ के पल्लवपुरम क्षेत्र में 264, मुरादाबाद के जिगर कालोनी क्षेत्र में 322, नोएडा के सेक्टर 116 क्षेत्र में 276, प्रयागराज नगर निगम (Prayagraj Municipal Corporation) क्षेत्र में 191 और वाराणसी के मलदहिया क्षेत्र में 171 पाया गया।
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बलरामपुर अस्पताल में कोरोना से निपटने की व्यवस्थाओं को लेकर मॉकड्रिल किया गया। जिसका निरीक्षण खुद उत
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से पिछले साल 7.7 करोड़ लोग गरीबी के
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