नई दिल्ली। केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्युनल (कैट) ने दूरगामी परिणाम वाला फैसला सुनाते हुए एम्स नर्स भर्ती में 80 फीसद महिला आरक्षण को सही ठहराया है। कैट ने माना है कि सरकारी नौकरियों में सामुदायिक आधार पर एससी एसटी और ओबीसी को आरक्षण का प्रावधान करने वाले अनुच्छेद 16(4) की अपेक्षा अनुच्छेद 15 (3)का दायरा ज्यादा व्यापक है। आदेश में कहा है कि एम्स में नर्सिंग आफीसर के 80 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित रखने का नियम अनुच्छेद 15(3) के तहत महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान माना जाएगा जो कि एक अलग वर्गीकरण है और वैध है।
एम्स दिल्ली ने 5 अगस्त 2020 को निकाला था भर्ती विज्ञापन
एम्स नर्सिग आफीसर ग्रुप बी भर्ती में 80 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित रखने को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज हो गई हैं। यह मामला दिल्ली एम्स और अन्य नये एम्स में नर्सिंग आफीसर के करीब 4629 पदों पर भर्ती का था। एम्स की गर्वनिंग बाडी सेंट्रल इंस्टीट्यूट बाडी (सीआइबी) ने 27 जुलाई 2019 की बैठक में एम्स की नर्सिग भर्ती में 80 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया था। इसी के अनुरूप एम्स दिल्ली ने 5 अगस्त 2020 को भर्ती विज्ञापन निकाला था।
कैट ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों को आधार माना
कैट ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों विशेष कर पीबी विजय कुमार फैसले को आधार माना है। साथ ही कैट की पटना पीठ और पटना हाईकोर्ट के फैसले से सहमति जताई है। जिसने इससे पूर्व पटना एम्स में नर्स भर्ती में इसी तरह के लागू किये गए महिला आरक्षण को पीबी विजय कुमार के फैसले के आधार पर सही ठहराया था।
आरक्षण के विरोध में ये दलील
एम्स नर्स यूनियन और अन्य याचिकाकर्ताओं ने 80 फीसद महिला आरक्षण को चुनौती देते हुए कहा गया था कि यह सुप्रीम कोर्ट के इंद्रा साहनी फैसले में तय की गई आरक्षण की 50 फीसद सीमा का उल्लंघन है। इसके अलावा सीआइबी को आरक्षण लागू करने का अधिकार नहीं है। जिसके जवाब में एम्स की दलील थी कि नर्स भर्ती में महिलाओं को 80 फीसद आरक्षण में इंद्रा साहनी का 50 फीसद सीमा तय करने का आदेश लागू नहीं होगा क्योंकि महिलाओं को दिया जाने वाला यह 80 फीसद आरक्षण अनुच्छेद 15(3) के तहत आता है और यह आरक्षण क्षैतिज (हारिजेन्टल)होगा।
कैट ने दोनों पक्षों की दलीलें नोट करते हुए दिया ये आदेश
कैट ने दोनों पक्षों की दलीलें नोट करते हुए अपने आदेश में कहा है कि सीआइबी मानव संसाधन, स्टैब्लिशमेंट और भर्ती आदि के संबंध में नीतिगत निर्णय ले सकती है। सीआइबी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की बाडी है जो कि स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में काम करती है। इसमें विभिन्न विशेषज्ञ हैं और इसे कानून में अधिकार प्राप्त है। कैट ने कहा कि नर्सिग आफीसर के 80 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित होने के नियम को अनुच्छेद 15 (3) के तहत अलग वर्ग की तरह महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान माना जाएगा और यह वैध है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73359
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67428
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108225
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
एसीएमओ डा. आरएन सिंह का कहना है कि डेंगू के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। डेंगू मरीजों की संख
भारतीय वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगर मुंह के कैंसर के मरीज के 1.5 मिलीलीटर रक्त में 12 से कम कै
देश में इस समय कोरोना के 2,24,187 एक्टिव केस हैं, जिसकी दर 0.52% है। कोविड इंफेक्शन से अब तक 5,11,90
हम लोग रोजमर्रा के काम करते है और इन कामों की वजह से कभी कभी टेंशन में आ जाते है। टेंशन ऐसी होती की
ब्रजेश पाठक ने कहा कि जे के एजूकेशनल ग्रामीण विकास समिति ट्रक ड्राइवरों के हित में मुफ्त आंखों की जा
यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किय
रुमेटिक हार्ट डिजीज के मरीजों का इलाज के लिए मरीजों को निजी अस्पताल में दो लाख के आसपास खर्च करने पड
रीजेंसी हॉस्पिटल समूह 25 वर्षों से अधिक अवधि में लखनऊ, कानपुर और आसपास के अन्य शहरों, ग्रामीण क्षेत्
यह खुलासा तीन दिन पहले गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद हुआ है। इसमें दो चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों के
सूरज की यूवी किरणों के कारण त्वचा पर टैन हो जाता है और इस कारण त्वचा सुस्त और बेजान नजर आने लगती है,
COMMENTS