नयी दिल्ली। मोदी सरकार ने 2030 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। वहीं टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नौ सितंबर को शुरू किए गए 'प्रधानमंत्री-टीबी मुक्त भारत अभियान' के तहत 9.5 लाख से अधिक तपेदिक रोगियों को देखभाल के लिए अपनाया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक निक्षय पोर्टल (nikshay portal) 2.0 पर ‘निक्षय मित्र’ (टीबी रोगी की देखभाल करने वाले) के तहत 15,415 पंजीकरण कराए गए हैं, जिसमें व्यक्ति, संगठन, उद्योग और निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में वर्तमान में इलाज के लिए बहु-दवा प्रतिरोधी सहित कुल 13 लाख 53 हजार 443 टीबी रोगियों में से 9.57 लाख रोगियों (patients) ने देखभाल के लिए अपनाए जाने को लेकर अपनी सहमति दी है और उनमें से लगभग सभी (9,56,352) को शनिवार तक देखभाल के लिए अपनाया जा चुका है।
टीबी (TB) मरीजों की देखभाल के लिए आगे आने वाले लोगों और संस्थाओं को 'निक्षय मित्र' कहा जाएगा। लोग प्रखंड, जिलों को अपना सकते हैं या किसी मरीज को देखभाल के लिए अपना सकते हैं और उन्हें ठीक होने में मदद करने के लिए पोषण तथा उपचार सहायता प्रदान कर सकते हैं।
बता दें कि टीबी बीमारी इतनी खतरनाक है कि अकेले भारत में 25% टीबी के मरीज पाए जाते हैं। साल 2021 की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट (TB report) के मुताबिक, भारत में टीबी की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। 2017 में जहां हमारे देश में प्रति लाख आबादी पर 217 टीबी के केस पाए जाते थे। वहीं साल 2020 तक आते-आते 188 केस प्रति लाख हो गया है। इसके मुकाबले दुनिया में साल 2015 में 142 मामले प्रति लाख रिपोर्ट पाए गए । हालांकि 2020 में यह आंकड़ा काफी कम होकर 127 केस प्रति लाख रह गया।
Updated by Aarti Tewari
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