लखनऊ। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आईएमए ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें जनसंख्या से जुड़े मुद्दे पर नुक्कड़ नाटक तथा परिवार नियोजन पर जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमे चिकित्सकों ने अपने विचार रखे। तथ्यों एवं आंकड़ों के माध्यम से जनसंख्या दिवस के संदेश को सरकार तथा समाज तक पहुँचाने का प्रयास किया गया।
अध्यक्ष डॉ मनीष टंडन (IMA lucknow) नें बताया यह दिवस (World Population Day) सबसे पहली बार 11 जुलाई 1987 को मनाया गया था, क्योंकि इसी दिन विश्व की जनसंख्या 5 अरब को पार कर गई थी। इसे देखते हुऐ संयुक्त राष्ट्र (UN) ने जनसंख्या वृद्धि (population growth) को लेकर दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया। क्योंकि आज दुनिया के हर विकासशील और विकसित दोनों तरह के देश जनसंख्या विस्फोट (population explosion) से चिंतित हैं। भारत में बढती जनसंख्या की वजह से देश में लगातार बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी बढ़ेगी।
आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ रह पाना मुश्किल होगा। ऐसा अनुमान है कि भारत में एक मिनट में लगभग 25 बच्चे जन्म लेते हैं, लेकिन यह आंकड़ा अस्पताल में जन्म लेने वालों का है जबकि आंकड़ा कहीं इससे ज्यादा है जहाँ घरों में बच्चे जन्म लेते हैं। जनसंख्या़ के हिसाब से चीन विश्व में प्रथम स्थान पर और भारत दूसरे स्था्न पर है, इसी को देखते हुए भारत सरकार परिवार नियोजन (family planning) के कई कार्यक्रम चला रही है।
सचिव डॉ संजय सक्सेना नें बताया, इस समय भारत की आबादी अमेरिका, इन्डोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश की कुल जनसंख्या से ज्यादा है लेकिन भारत के पास विश्व का मात्र 2.4 प्रतिशत क्षेत्र है। यदि जनसंख्या की रफ्तार पर रोक नहीं लगी तो भारत 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जायेगा। पूरे विश्व में लगभग 225 मिलियन (22.5 करोड़) महिलाएँ अनचाहे गर्भ (unwanted pregnancies) की चपेट में हैं जिसका प्रमुख कारण है सुरक्षित एवं प्रभावी परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध होने की जानकारी की अनिविज्ञता, जोकि सरकार एवं समाज की जिम्मेदारी है। यूनाइटेड नेशन का कहना है कि सुरक्षित एवं स्वैच्छि परिवार नियोजन के साधन अपनाना उनका मानवाधिकार है और यही महिलाओं में असमानता एवं गरीबी दूर करने का हथियार है।
के के इंस्टिटयूट आफॅ पैरामेडिकल सइन्सेस व नर्सिग होम (KK Institute of Paramedical Sciences and Nursing Home) के स्टाफ और 50 बच्चेा ने नुक्कड नाटक के माध्यम से जनता को जगरूक किया और परिवार नियोजन कें बारे में जागरूकता बढ़ाई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अनिता सिहं का विषेश योगदान रहा।
इस अवसर पर डॉ हेमप्रभा गुप्ता, पूर्व विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर, ओब्स्ट एवं गायनी ऐरा मेडिकल कालेज तथा डॉ उर्मिला सिंह, पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर, क्वीन मैरी हॉस्पिटल, केजीएमयू डॉ रूखसाना खान, डॉ दीपाली श्रीवास्तव, डॉ नीलिमा यादव, डॉ सरस्वती देवी ने विचार व्यक्त किए।
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