गोरखपुर। घर पर रहते हुए अभिभावक किस तरह से अपने और दिव्यांग बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सदृढ़ रखे तथा पुनर्वास सेवाओं का लाभ ले सके, इसको लेकर गृह आधारित मानसिक स्वास्थ्य सशक्तीकरण हेतु दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में आन-लाइन ई-परामर्श 192 का आयोजन किया गया।
प्रमुख वक्ता सीआरसी गोरखपुर (CRC Gorakhpur) के नैदानिक मनोविज्ञान विभाग (Department of Clinical Psychology) के सहायक प्राध्यापक राजेश कुमार ने गृह आधारित अनेक रणनीतियों की चर्चा करते हुए कहा कि घर पर रहते हुए अभिभावक गण दिव्यांगजनों (children with disabilities) की पुनर्वास सेवाओं (rehabilitation services) के साथ-साथ उनके और खुद के मानसिक स्वास्थ्य (mental health) को किस तरीके से सशक्त कर सकते हैं।
राजेश कुमार ने कहा कि लोग यदि अपने जीवन में योग (yoga), ध्यान (meditation), धैर्य को नियमित रूप से लागू करते रहे तो एक अच्छा एवं सशक्त मानसिक स्वास्थ्य (positive mental health) पैदा कर सकते हैं और यही सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य दिव्यांगजन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद प्रदान करेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन में मानसिक दबाव का आना स्वाभाविक है। इस मानसिक दबाव को झेलने के लिए एक अच्छा सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य का होना जरूरी है। जिसमें हमारे आचार-विचार आसपास का वातावरण खुद का चिंतन खुद की आवश्यकता इत्यादि अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities) के निदेशक डॉ हिमांग्शु दास के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। सीआरसी गोरखपुर के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर रवि कुमार ने कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामना व्यक्त की।
सीआरसी गोरखपुर के पुनर्वास अधिकारी राजेश कुमार यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा ओ एंड एम सह विशेष शिक्षक नागेन्द्र पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया।
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