लखनऊ। सारी दुनिया जानती है कि मच्छरों के काटने से विभिन्न प्रकार की गम्भीर बीमारियां होती रहती है। इनमें से ज्यादातर बीमारियों के खिलाफ वैक्सीन नहीं आई है। मच्छरों का पनपना या मच्छरजनित बीमारियों (mosquito-borne diseases) पर भी काबू नहीं पाया जा सका है। मच्छरों और बीमारियों से बचाव ही एकमात्र उपाय है।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) 16 मई पर राजधानी में सीफार, पाथ आदि एनजीओ द्वारा जागरुकता को लेकर मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हेल्थ जागरण ने डॉक्टर विकास सिंघल, संयुक्त निदेशक, वेक्टर बोर्न डिज़ीज़, से खास बातचीत की।
जेई-एईएस (JE-AES) और मलेरिया (malaria) समेत अन्य बीमारियों के बाद स्वास्थ्य विभाग अब डेंगू (dengue) के खिलाफ हमलावर है। डेंगू से लड़ने की इस वर्ष खास तैयारी है। इसी क्रम में प्रदेश में 56 लैब के अलावा 14 नई लैब में डेंगू की जांच की सुविधा शुरू की गई हैं। इस तरह वर्तमान में पूरे यूपी में 70 लैब हो गई हैं और अगले वर्ष तक प्रदेश के सभी जिलों में डेंगू जांच (dengue testing) के लिए 88 लैब स्थापित हो जाएंगी। बेहतर समन्वय के लिए सभी लैब जुडी हुई हैं। यह कहना है डॉ वेदब्रत सिंह, महानिदेशक, स्वास्थ्य विभाग का।
पाथ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) और जीसीपीएल फंडेड सीएचआरआई के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में डेंगू बीमारी पर विशेषज्ञों ने विस्तार से अपने विचार व्यक्त किये।
महानिदेशक ने बताया कि डेंगू से लड़ने की तैयारी के क्रम में अब ब्लाक स्तर पर रैपिड रेस्पोंस (RR) टीम बनाई गई हैं. जो तत्काल कार्रवाई करेंगी। पहले आरआर टीम सिर्फ जिला स्तर पर ही बनती थीं। वहीं हर चिकित्सालय में फीवर हेल्थ डेस्क (fever health desk) बनाई गई है।
डॉ एके सिंह, निदेशक, कम्युनिकेबल डिजीज (Communicable Diseases) ने बताया कि डेंगू की न तो कोई दवा (medicine) है और न ही कोई वैक्सीन (vaccine) है। हालांकि अधिकतर मरीज नियमपूर्वक घर में रहकर ही ठीक हो जाते हैं। इसलिए सरकारी चिकित्सक (government doctor) की राय मानें और अनावश्यक जांच से बचें।
डॉ विकास सिंघल, संयुक्त निदेशक, वेक्टर बोर्न डिजीज (Vector Borne Diseases) ने कहा कि आमतौर पर बुखार में हम शुरू में लापरवाही बरतते हैं। यही बाद में घातक साबित हो जाता है। इसलिए बुखार (fever) आने पर तत्काल नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लेना चाहिए। चिकित्सक यदि डेंगू की जांच करवाते हैं और डेंगू की पुष्टि हो जाती है तो घबराए नहीं, ओआरएस घोल और लिक्विड डाईट लें। यह एक ऐसा बुखार है जो तत्काल की सतर्कता से ख़त्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी बुखार में प्लेटलेट्स कम होना एक आम बात है। सरकारी चिकित्सक की सलाह पर ही प्लेटलेट्स (platelets) की जांच करवाएं। इस बुखार में डीहाइडरेशन (dehydration) पर ध्यान दें। यानि शरीर में पानी की कमी कतई न होने दें।
डेंगू रोका जा सकता है,चलो हाथ से हाथ मिलाएं
डॉ आरसी पाण्डेय, अपर निदेशक, मलेरिया एवं वीबीडी ने इस डेंगू दिवस की थीम के बारे में बताया। वर्ष 2022 की थीम है डेंगू रोका जा सकता है, चलो हाथ से हाथ मिलाएं। उन्होंने डेंगू के खिलाफ चलने वाले अभियान में नगर निकाय और ग्राम पंचायत स्तर पर विभागों से सहयोग की अपील भी की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में खुले में पड़ी निष्प्रोज़य सामग्री जैसे: प्लास्टिक के कप, थरमाकोल के डिब्बे, पुराने टायरस, नारियल के खोल इत्यादि को हटा दिया जाए. इससे ऐसे कबाड़ में बारिश का पानी इकट्ठा नहीं हो पाएगा जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के प्रजनन का मुख्य स्रोत है।
कार्यशाला के शुरू में सीफार की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्य और संस्था की गतिविधि पर प्रकाश डाला। वहीं पाथ के डॉ अंचित्य श्रीवास्तव ने डेंगू की रोकथाम पर अपने विचार व्यक्त किए।
हर वर्ष 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है। डेंगू एक मच्छर जनित रोग है। जो डेंगू वायरस से होता है। डेंगू मादा प्रजाति एडिज एजिप्टाई नामक मच्छर से फैलता है। इसके अंडे एक वर्ष तक जीवत रह सकते हैं। सूखा अंडा पानी पाते ही नए मच्छर तैयार कर देता है। इसीलिए अपने आसपास पानी एकत्रित न होने दें। यह बीमारी मानसून या उसके बाद के महीनों में फैलती है। विश्व के 100 से अधिक देशों को डेंगू प्रभावित कर चुका है। इन देशों में 40 प्रतिशत से अधिक आबादी डेंगू प्रभावित इलाकों में रहती है। वहीं भारत के करीब सभी प्रदेशों इसका प्रभाव है।
क्या करें हर रविवार
• घर के अन्दर व बाहर का कबाड़ हटाते रहें
• मच्छर पैदा होने वाले स्थल तुरंत खत्म करें
• आसपास भी पानी एकत्रित नहीं होने दें
• एकत्रित पानी पर कोई भी जला तेल डाल दें
• फ्रिज की डीफ्रास ट्रे में पानी नहीं भरने दें
• गमले और कूलर की नियमित सफाई करें
• फुल आस्तीन की कमीज और फुल पैंट पहनें
• पानी की टंकी को ढककर रखें
वर्षवार आंकड़ा
वर्ष कुल मरीज
2018 3829
2019 10640
2020 3715
2021 29750
एस. के. राणा March 07 2025 0 21201
एस. के. राणा March 06 2025 0 20979
एस. के. राणा March 08 2025 0 19536
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18537
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 15096
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13542
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80352
सौंदर्या राय March 09 2023 0 85079
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85260
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सौंदर्या राय December 08 2022 0 64324
आयशा खातून December 05 2022 0 117771
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 100068
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